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रविवार, 3 अक्टूबर 2021

विकास का मसीहा परिवार से लुटवाता रहा सरकारी खजाना,बेटा, भाई-भतीजों और दामाद ने कोई कसर नहीं छोड़ी,किसने कितनी मलाई खाई सीबीआई से हो जांच-भूपेंद्र

 ठेकेदारी के 11 करोड़ हासिल करने के लिए सरकारी सेवा में कार्यरत पत्नी के धरने पर बैठने की जांच हो



विकास का मसीहा परिवार से लुटवाता रहा सरकारी खजाना,बेटा, भाई-भतीजों और दामाद ने कोई कसर नहीं छोड़ी,किसने कितनी मलाई खाई सीबीआई से हो जांच-भूपेंद्र

BHK NEWS Mandi Lalit Chauhan

 अपने कार्यकर्ताओं से खुद को प्रदेश और देश का सर्वश्रेष्ठ मंत्री बताने वाले महेंद्र सिंह की असलियत यह है कि उन्होंने सरकारी खजाने से करोड़ों रुपये अपने परिवार से लुटवा डाले हैं जिसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सचिव भूपेंद्र सिंह ने जलशक्ति मंत्री पर आरोप लगाया है कि उन्हें यह अच्छी तरह से मालूम था कि ठेकेदारी से अथाह धन इकट्ठा किया जा सकता है क्योंकि वह स्वयं भी ठेकेदार रहे हैं।महेंद्र सिंह ने पहले बेटे रजत ठाकुर से ठेकेदारी कराई फिर चचेरे और मौसेरे भाईयों से उसके बाद भतीजे और दामाद से धर्मपुर की जनता का खून चुसाया।मंत्री के दामाद संजीव भंडारी को करोड़ो रुपये की सड़कों के ठेके दिए गए।उक्त ठेकेदार को राजनैतिक सरंक्षण के तहत करोड़ों रुपये के ठेके धर्मपुर मंडल के तहत जारी किए गए हैं।इन सभी कार्यों में कहीं पर भी नियमानुसार सही तरीके से काम नहीं हुआ है और अब वे इनकी पेमेंट लेने के लिए अपनी पत्नी को धरने पर बैठा कर अधिकारियों व कर्मचारियों को ब्लैकमेल करने के लिए चाल चली है।जो एक तरफ़ जनता के सामने ड्रामा भर है और घटीया काम की पेमैंट लेने के लिए की गई घटिया हरक़त है।भूपेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि धर्मपुर मंडल में जलशक्ति मंत्री के दामाद को ही इतने सारे ठेके कैसे दिये गए हैं इसकी जाँच होनी चाहिये।दूसरी तरफ जिन सड़को का निर्माण कार्य इन्होंने किया है वे कोई भी सही तरीके से नहीं किया गया है जिसके कारण उनपर गाड़ियां नहीं चलती हैं और करोड़ो रूपये का खर्च सरकार ने कर दिया है।उन्होंने बताया कि राख-ब्रेहल-सधोटी सड़क का निर्माण कार्य कागजों में तो पूरा कर दिया गया है और जलशक्त मंत्री ने दो साल पहले आनन फानन में अपने जन्मदिन पर उसका उदघाटन भीमुख्यमंत्री से करवा दिया था लेकिन हक़ीक़त में ये सड़क अभी भी अधूरी है और इस पर वर्तमान समय में कोई भी बाहन नहीं चलता है।इसी प्रकार छेज-गवेळा सड़क का कार्य भी सही तरीके नहीं किया गया है।प्रौन्न-रांगड़ सड़क बनने के छह महीने में ही उखड़ गयी है और इस सड़क के प्रभारी और अपने कार्यों के प्रति ईमानदार कनिष्ठ अभियंता इसी तनाव के चलते डिप्रेशन में चला गया था और गत वर्ष ह्रदय गति रुकने से मौत होने पर चर्चाएं इसी ठेकेदार घटिया निर्माण कार्य कार्यों को दी जा रही थी।इस सड़क को पास करवाने के लिए कनिष्ठ अभियंता और उच्च अधिकारियों पर उक्त ठेकेदार द्वारा नाजायज़ दबाब बनाया जा रहा था।इसके अलावा उभक-बनेहरडी,लौंगनी से मढ़ी वाया छुईघाट-बिंगा सड़क व अन्य कई और काम जो उक्त मंत्री के दामाद देकेदार ने किए हैं वे कोई भी विभागीय मानदण्डों के तहत नहीं किये गए हैं और अब वे मंत्री की बेटी व अपनी पत्नी को इन कार्यों की पेमेंट जारी करवाने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं जो बहुत ही अनैतिक कार्य है और राजनैतिक ड्रामेबाजी है।भूपेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि धर्मपुर मंडल में सभी ठेके मंत्री के सरंक्षण प्राप्त ठेकेदारों को ही होते हैं और उसके लिए उन्होंने नियमों को ताक पर रख कर चार साल से एक सहायक अभियंता को अधिशासी अभियंता बनाया हुआ है जो हर काम मंत्री के इशारे पर ही करते हैं।तो ऐसी स्थिति में मंत्री के दामाद के बिल पारित न होना इस बात का प्रमाण है कि वह सभी घटिया किस्म के कामों की पेमेंट हड़पना चाहते हैं जिसके लिए वे दो साल पहले खुद भी धरना दे चुके हैं और अब अपनी पत्नी को आगे कर दिया ताकि कर्मचारियों को इमोशनल ब्लैकमेल किया जा सके

जबकि पत्नी खुद सरकारी सेवा में शिक्षिका के पद पर कार्यरत है। भूपेंद्र सिंह ये भी सवाल खड़े किए हैं कि ठेकेदार की पत्नी जो एक अध्यापिका भी हैं किस हैसीयत व बिना विभागीय अनुमति के कैसे धरने पर बैठ गई इसकी भी जांच होनी चाहिये।अगर प्रदेश के मुख्यमंत्री सच में ईमानदार हैं तो वह अपने मंत्री और उनके रिश्तेदारों द्वारा लूटे गए करोड़ों रुपयों की सीबीआई जांच कराएं नहीं तो ईमानदारी का मुखौटा लगाना छोड़ दें। धर्मपुर में मंत्री के दिशा निर्देश के बिना ही विभाग काम कर रहे हैं।

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