गुरुवार, 9 दिसंबर 2021

14 दिसम्बर को विधानसभा के बाहर धर्मशाला में राज्य के 21 संघठन भूमि अधिग्रहण कानून, 2013, चार गुना मुआबजा को लागु करवाने हेतु करगे प्रदर्शन: भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच

                              

 14 दिसम्बर को विधानसभा के बाहर धर्मशाला में राज्य के 21 संघठन भूमि अधिग्रहण कानून, 2013, चार गुना मुआबजा को लागु करवाने हेतु करगे प्रदर्शन: भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच




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यादविंदर:-  आज दिनाक 9 दिसम्बर को भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच की गूगल मीट के माध्यम से बैठक श्री बी आर कोंडल जी की अध्यक्षता मै आयोजित की गई जिसमे शिमला, सोलन, बिलासपुर, मंडी, काँगड़ा व कुल्लू के प्रभाबित संघठनो के पदाधिकारियों ने  भाग लिया और मंच के अध्यक्ष बी आर कोंडल ने कहा कि हिमाचल कि जयराम सरकार, किसानों, फोरलेन ब भूमि अधिग्रहण  से प्रभाबितों की लगातार अनदेखी कर रही हे जिसके कारण प्रदेश  उप चुनाब में लोकसभा ब विधान सभा में सरकार कों पुरे प्रदेश में हार का मुह देखना पड़ा और लगातार किसानो कि मांगों को अनदेखा कर रही हे, और 22 अक्टूबर की मंडी रैली में चेतावनी दी गई थी कि अगर एक महीने के अन्दर कोई फैसला नहीं लिया गया तो सरकार का विरोध किया जायेगा इसलिए  फैसला लिया गया कि 14 दिसम्बर को धर्मशाला विधानसभा के बाहर अपनी मांगों को लेकर जिसमे मुख्यता भूमि अधिग्रहण कानून,2013 को लागु करवाने ब चार गुना मुआबजा, पुनर्वास व पुनर्स्थापना के मुद्दे पर  धर्मशाला में प्रदर्शन व  मुख्यमंत्री को मांगपत्र दिया जायेगा जिसमे राज्य के सभी 21 संघठन हिस्सा लेंगे I 


संजोयक जोगिन्दर वालिया ने कहा कि केंद्र की श्री नरेंदर मोदी सरकार भूमि अधिग्रहण कानून,2013 के अनुसार चार गुना मुआबजा, पुनर्वास व पुनर्स्थापना को लागु करने को राजी है लेकिन हिमाचल की डबल इंजन सरकार अभी तक किसानों को चार गुना मुआवजा नहीं दे रही है जबकि अन्य राज्यों में चार गुना मुआबजा दिया जा रहा है और कोड़ियो के भाव जमीन लेकर किसानों कों बर्बाद करने पर तुली हे और एकतरफा किसान विरोधी फैसले ले रही हे जबकि फोरलेन के प्रभावित पिछले लगभग चार वर्ष से लगातार सरकार को अपने घोषणा पत्र को लागु करने की मांग करते आ रहे हे लेकिन जयराम  सरकार इसको लागु करने में आनाकानी कर रही हे और कमेटियों को बना कर फैसले को लगातार टालमटोल करती जा रही है जबकि भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच, श्री जयराम सरकार से मांग करता हे की बो समय रहते हिमाचल में भूमि अधिग्रहण कानून 2013 कों लागु करे और 1 अप्रैल,2015 की अधिसुचना कों निरस्त करे  एवं प्रदेश में नई परियोजनायों जैसे एअरपोर्ट आदि कों गैर कृषि भूमि व जहां पर न्यूनतम विस्थापन हो ऐसी साइट को वरीयता दी जाए, स्थानीय जनता के इज़मेंट राइट्स को सुनिश्चित किया जाए,  मार्केट रेट के अनुसार मुआवजा दिया जाए, मुआवजे का  भुगतान अतिशीघ्र किया जाये, प्रस्तावित सड़क के बाहर परियोजना से प्रभावित मकानों, जमीन व बगीचे का  नुकसान का मुआबजा दिया जाये, रोड़ प्लान के अनुसार भूमि अधिग्रहण किया जाये तथा मिट्टी डम्पिंग के स्थान तय किये जाये व पहाड की तरफ स्टेप कटिंग की जाये, भूमि की निशानदेही कर पक्की बुरजियाँ लगाई जाएं, 5 मीटर कंट्रोल विड्थ व 3 मीटर टीसीपी योजना से निरस्त किया जाये, सड़क को एक बराबर बनाया जाये, उच्च न्यायलय व मंडलीय न्यायलय में लंबित जमीन अधिग्रहण के मामलों की निर्धारित समय सीमा में सुनवाई कि जाये I 


अध्यक्ष बेलीराम कोंडल, सयोंजक जोगिन्दर वालिया के इलाबा, डा कुलदीप तंवर, शिमला , मदन शर्मा (बिलासपुर) ,चन्दन मेहता (सोलन), नवीन मेहता, नरेश कुकू, सोमन बोध, शमी मदान, प्रेम ठाकुर (कुल्लू-मंडी), राजेश पठानियां,करण राणा, (काँगड़ा),  जयशिव (शिमला),  मंडी से फरमान , जितेंदर वर्मा, कमल शर्मा, प्रशांत ,मोहिंदर  व राज कुमार वर्मा  आदि ने हिस्सा लिया 



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