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शुक्रवार, 17 जून 2022

गौसदनों के निर्माण में हुआ भेदभाव,धर्मपुर में 76 पशु रखने के लिए बने गौ सदन पर ख़र्च डाले दो करोड़ मंत्री पुत्र को बनाया गया है गौ सदन सेवा समिति का सचिव

 गौसदनों के निर्माण में हुआ भेदभाव,धर्मपुर में 76 पशु रखने  के लिए बने गौ सदन पर ख़र्च डाले दो करोड़

मंत्री पुत्र को बनाया गया है गौ सदन सेवा समिति का सचिव





हिमाचल प्रदेश सरकार ने आवारा और बेसहारा पशुओं के लिए गौ सदनों के निर्माण के लिए गौ रक्षा टैक्स लगाकर अतिरिक्त धनराशी एकत्रित करने का फ़ैसला किया है।जिसके चलते सभी जिलों में गौ सदनों का निर्माण किया जा रहा है।लेकिन गौ सदनों के निर्माण में भी राजनीतिक की जा रही है और इसके लिए बजट आवंटन में भी पक्षपात हो रहा है।पूर्व ज़िला पार्षद भूपेंद्र सिंह ने सूचना के अधिकार के तहत जुटाई जानकारी से पता चला है कि मंडी ज़िला में वर्तमान में कुल 21 गौ सदन संचालित हो रहे हैं।जिनमें बहुत से गौ सदन धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं द्धारा संचालित किए जा रहे हैं और उनका निर्माण भी जनसहयोग से ही किया गया है।लेकिन मंडी ज़िला में पशुपालन विभाग द्धारा चार गौ सदनों के निर्माण हेतु धनराशी जारी की गई है।जिसके तहत शीतला गौ सदन अलसु डैहर सुंदरनगर को पांच लाख रुपये जारी किए गए हैं।इसके अलावा स्वदेशी गौ सदन चैलचौक को दस लाख रुपये, गौशाला सदन समिति डली सरकाघाट को पांच लाख रुपये, गौसदन कान्हा न्यास मझवाड़ सदर मंडी को सवा पांच लाख रुपये तथा गौ सदन सेवा समिति त्र्यम्बला धर्मपुर को 198.42 लाख अर्थात दो करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।इससे अंदाजा लगाया जा सकता है की यहां पर भी जकशक्ति मंत्री ने अपने बेटे की गौ सेवा समिति को ही सारा पैसा सेंक्शन करवा दिया है।आर टी आई की सूचना से ये तथ्य सामने आए हैं कि सबसे ज्यादा  298 पशु श्री कृष्ण गौ सदन सेवा समिति ढांगू नेरचौक में हैं और उसके बाद सरकाघाट के डली दारपा में 228,कल्याण गौ सदन  पुंग सुंदरनगर में 192,मैगल द्रंग में 139,बतैल सरकाघाट में 138,अलसु डेहर में 106 पशु रखे गये हैं।सबसे ज्यादा दो करोड़ रुपये की लागत से धर्मपुर में बने गौ सदन में मात्र 72 ही पशु रखे हुए हैं।भूपेंद्र सिंह ने आरोप लगाया है कि धर्मपुर में आज भी दर्जनों आवारा पशुओं के झुंड पुलों और सड़कों के किनारे घूम रहे हैं लेकिन करोड़ों रुपए खर्च करके बनाया गया गौ सदन आवारा पशुओं का प्रबधन नहीं कर पा रहा है और जहां पशु ज़्यादा हैं वहां पर विभाग की सहायता कम जारी की गई है।उन्होंने आरोप लगाया है कि धर्मपुर में जो गौ सेवा समिति बनी है उसका सचिव मंत्री का बेटा है जिसके चलते मंत्री ने इसको सारा बजट सेंक्शन करवाया है।यहीं नहीं जिस स्थान पर यह गौ सदन नाल्ड खड्ड के किनारे बनाया है वह स्थान सुरक्षित नहीं है कियूंकि यहां पर कभी भी बाढ़ आ सकती है।पूर्व ज़िला पार्षद ने मांग की है कि गौ सदनों का निर्माण ज़रूरत के अनुसार सभी क्षेत्रों में किया जाए और पशुओं की देखभाल और चारे तथा आहार के लिए वर्तमान में जो 500 रु महीने के एक पशु के लिए सरकार की तरफ़ से दिया जा रहा है उस सहायता राशी को बढ़ाया जाये।



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