सकोढी पुल से रेहड़ीयाँ हटाने पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, यूनियन ने कम्मिशन्नर की अधिसूचना को बताया गैर कानूनी
सकोढी पुल से रेहड़ीयाँ हटाने पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, यूनियन ने कम्मिशन्नर की अधिसूचना को बताया गैर कानूनी
BHK NEWS HIMACHAL
मंडी:हाईकोर्ट ने आज मंडी नगर निगम के कम्मिशनर द्धारा लिए एक गैर कानूनी फ़ैसले के अमल पर रोक लगा दी है।रेहड़ी फहड़ी यूनियन के प्रधान व टाऊन वैंडिंग कमेटी के सदस्य सुरेंद्र कुमार और प्रवीण कुमार ने बताया कि गत 8 मई को हुई टाऊन वैंडिंग कमेटी की बैठक में सकोढी पुल के पास केनरा बैंक की तरफ़ वर्षों से रेहड़ी फहड़ी लगाने वालों को वहां से हटाने के कम्मिशन्नर के फ़ैसले पर रोक लगादी है।गौरतलब है कि यहां पर वर्षों से लग रही 9 रेहड़ियों को से दूसरी जगह स्थान आवंटित करने बारे गत टाउन वैंडिंग कमेटी में विवाद हो गया था और यूनियन ने इसे वैंडिंग ज़ोन बनाने की मांग की थी जिसके लिए बैठक एक सब कमेटी गठित की गई थी। जिसे 20 मई तक रिपोर्ट देने के लिए कहा गया था।लेकिन कम्मिशनर ने 10 मई को शहर में 392 रेहड़ी फहड़ी लगाने के लिए 35 चयनित करने की अधुसूचना जारी कर दी थी और बड़ी चालाकी से इस वैंडिंग ज़ोन का नाम बदल कर सकोढी पुल से सकोढी खड्ड और उसे टारना रोड़ की तरफ़ नोटिफ़ाई कर दिया और फ़िर जो 9 रेहड़ी वाले पिछले बीस साल से यहां रेहड़ी लगा रहे हैं उन्हें यहां से हटने के लिए 16 मई को नोटिस जारी कर दिया।जिसके ख़िलाफ़ यूनियन के सहयोग से रमेश कुमार, कुलदीप कुमार, हेमराज, रमेश,बालक राम, सुरेश कुमार, शिवराम, दर्शनु और नगीना देवी ने हाईकोर्ट में अधिवक्ता शिखा चौहान के माध्यम से याचिका दायर कर दी थी और आज हाईकोर्ट के बैंच नंम्बर एक में इसकी सुनवाई हुई और इन रेहड़ी फहड़ी वालों को यहां से हटाने पर रोक लगा दी है।इस प्रकार कम्मिशन्नर द्धारा गैर कानूनी तौर तरीकों से की गई कार्यवाई पर अमल रुक गया है और निगम के कमिशन्नर को इसकी वजह से मुशिकलों का सामना करना पड़ सकता है।कियूंकि उन्होंने ये सब कुछ मीटिंग के फ़ैसले के विपरीत और क़ानून की उलंघन्ना करते हुआ किया है।उधर सीटू के ज़िला अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने कहा कि सकोढी पुल पर पहले गोलचक्र बनाने और बाद में पार्किंग स्थल बनाने के लिए इन रेहड़ीधारकों वालों को निगम ने साथ वाली खाली जगह पर बैठाया था और उन्हें निर्माण कार्य पूरा होने पर पुरानी जगह पर ही बैठाने का लिखित में इक़रार किया था लेकिन अब स्थानीय विधायक के दबाब में कम्मिशनर और कुछ निगम के कर्मचारी इस क्षेत्र को नो वैंडिंग बनाने के लिए इस तरह के हथकंडे अपना रहे हैं।उन्होंने कहा कि कम्मिशनर ने 8 मई को हुई टाउन वैडिंग कमेटी के फ़ैसले की उलंघन्ना की है और राजनैतिक दबाब में जो कार्यवाई की है अब उन्हें उसके परिणाम भुगतने पड़ेंगे।भूपेंद्र सिंह ने कहा कि पिछली बैठक 25 मई तक सभी रेहड़ी फहड़ी वालों को लाइसेंस जारी करने का फ़ैसला हुआ था लेकिन अभी तक एक भी रेहड़ी वाले को लाइसेंस जारी नहीं किये गए हैं न ही रेहड़ियों के आसपास ग्रीन लाइनें लगाई गई हैं और न ही रेहड़ी फहड़ी वालों को नेम प्लेट जारी की गई है जबकि विधायक के कहने पर सकोढी पुल से रेहड़ियों को गैर कानूनी तौर पर हटाने का नोटिस जारी कर दिया जिससे ये बात साफ़ हो गयी है कि कम्मिसन्नर और टाउन वैंडिंग कमेटी के सचिव स्ट्रीट वेण्डर्ज एक्ट 2014 और उसके तहत गठित कमेटी के फैसलों की उलंघन्ना कर रहे हैं।
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