कोरोना से रिकवरी में कितना फायदेमंद है अश्वगंधा? ब्रिटेन के साथ मिलकर अध्ययन करेंगे भारतीय वैज्ञानिक
कोरोना से रिकवरी में कितना फायदेमंद है अश्वगंधा? ब्रिटेन के साथ मिलकर अध्ययन करेंगे भारतीय वैज्ञानिक
विभिन्न बीमारियों में इस जड़ी-बूटी के लाभों को समझने के लिए अश्वगंधा पर कई अध्ययन हुए हैं लेकिन यह पहली बार है जब मंत्रालय ने कोविड-19 रोगियों पर इसकी प्रभावकारिता की जांच के लिए किसी विदेशी संस्थान के साथ सहयोग किया है।
नई दिल्ली, आइएएनएस। आयुष मंत्रालय के तहत आने वाले अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान ब्रिटेन के लंदन स्कूल आफ हाईजीन एवं ट्रापिकल मेडिसिन के साथ मिलकर कोरोना के मरीजों के जल्द स्वस्थ होने में अश्वगंधा के इस्तेमाल की भूमिका का पता लगाने के लिए क्लीनिकल परीक्षण करेगा। आयुष मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ब्रिटेन के तीन शहरों-लीसेस्टर, बरमिंघम और लंदन में दो हजार लोगों पर अश्वगंधा का परीक्षण किया जाएगा। इसको लेकर दोनों संस्थानों के बीच समझौता हो गया है। अश्वगंधा को सर्दी के भारतीय चेरी के रूप में जाना जाता है। यह एक पारंपरिक भारतीय जड़ी बूटी है जो ऊर्जा बढ़ाती है, तनाव को कम करती है और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करती है। ब्रिटेन में भी यह आसानी से उपलब्ध है और इसे सुरक्षित भी माना जाता है।
कोरोना के दौरान अश्वगंधा के सकारात्मक प्रभाव देखे गए हैं। परीक्षण का सफल समापन एक बड़ी सफलता हो सकती है और भारत की पारंपरिक औषधीय प्रणाली को वैज्ञानिक वैधता मिल सकती है। विभिन्न बीमारियों में इस जड़ी-बूटी के लाभों को समझने के लिए अश्वगंधा पर कई अध्ययन हुए हैं, लेकिन यह पहली बार है जब मंत्रालय ने कोविड-19 रोगियों पर इसकी प्रभावकारिता की जांच के लिए किसी विदेशी संस्थान के साथ सहयोग किया है।
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