पुरानी पेंशन लागू करने के लिए कर्मचारियों के आंदोलन का सीटू ने किया समर्थन
वर्तमान विधानसभा सत्र में मांग नहीं मानी तो मज़दूर संगठन भी उतरेंगे समर्थन में
सीटू के ज़िला अध्यक्ष व पूर्व ज़िला परिषद सदस्य भूपेंद्र सिंह ने एनपीएसईए के बैनर तले एनपीएस कर्मचारियों के ओल्ड पेंशन स्कीम बहाली आंदोलन का पुरज़ोर समर्थन किया है। उन्होंने प्रदेश सरकार से ओल्ड स्कीम लागू करने के साथ साथ सरकार को चेताया है कि अगर वर्ष 2003 के बाद नियुक्त कर्मचारियों की पेंशन बहाली वर्तमान बजट सत्र में न हुई तो सीटू से जुड़ी मजदूर यूनियनें भी कर्मचारियों के समर्थन में लामबंद होंगी व पुरानी पेंशन बहाली के लिए जारी आंदोलन को और तेज़ करेंगी। उन्होंने कहा है कि राजस्थान सरकार द्वारा पेंशन बहाली के बाद हिमाचल प्रदेश के कर्मचारी पेंशन बहाली की उम्मीद कर रहे हैं। इसलिए प्रदेश सरकार को ओपीएस बहाल करने में देरी नहीं करनी चाहिए। देश में सबसे पहले न्यू पेंशन स्कीम हिमाचल प्रदेश सरकार ने 15 मई 2003 को लागू कर दी थी अतः इसकी बहाली का क्रम भी हिमाचल प्रदेश से ही शुरू होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जब पश्चिम बंगाल व राजस्थान सरकारें ओल्ड पेंशन स्कीम लागू कर सकती हैं तो फिर हिमाचल प्रदेश सरकार क्यों नहीं। उन्होंने प्रदेश सरकार से अपील की है कि वह एनपीएसईए के बैनर तले चल रहे कर्मचारियों के आंदोलन की समाप्ति ओपीएस बहाली के साथ करवाए व डेढ़ लाख कर्मचारियों को सीधी राहत देकर उनकी सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करे। उन्होंने उम्मीद व्यक्त की है कि प्रदेश सरकार इस विषय पर सकारात्मक पहलकदमी करेगी व वर्ष 2003 से नियुक्त कर्मचारियों के लिए ओपीएस की सुविधा लागू करेगी।उन्होंने सरकार द्धारा कर्मचारियों के 3 मार्च के विधानसभा घेराव को मद्देनजर जारी किए गए दण्डात्मक आदेशों को भी वापिस लेने की मांग की है और इनको अलोकतांत्रिक और असवैधानिक करार दिया है।सरकार से अपनी मांगे मनवाने के लिए सभी को आंदोलन औऱ प्रदर्शन करने का अधिकार है लेकिन प्रदेश सरकार मांगे मानने के बजाये कर्मचारियों को डराने औऱ उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाई करने के अध्यादेश औऱ निर्देश जारी करके अपने कर्मचारी विरोधी चरित्र का सबूत पेश कर रही है।सीटू 3 मार्च को होने वाले विधानसभा पर होने वाले पर्दर्शन का पुरज़ोर समर्थन करती है और पुरानी पेंशन बहाली की मांग करती है।
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