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मंगलवार, 24 मई 2022

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधीन हिमाचल प्रदेश के सुंदर नगर में विशेष बच्चियों के लिए चल रहे राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में स्कूल बैग आदि अन्य सामग्री की खरीद के नाम पर लाखों रुपए का गड़बड़झाला उजागर हुआ है

 सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधीन हिमाचल प्रदेश के सुंदर नगर में विशेष बच्चियों के लिए चल रहे राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में स्कूल बैग आदि अन्य सामग्री की खरीद के नाम पर लाखों रुपए का गड़बड़झाला उजागर हुआ है



सुंदर नगर।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधीन हिमाचल प्रदेश के सुंदर नगर में विशेष बच्चियों के लिए चल रहे राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में स्कूल बैग आदि अन्य सामग्री की खरीद के नाम पर लाखों रुपए का गड़बड़झाला उजागर हुआ है। इस संदर्भ में क्षेत्र के मुख्य समाजसेवी एवं दिव्यांग जनों के कानूनी सलाहकार कुशल कुमार सकलानी ने मुख्य सचिव विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विजिलेंस के आला अधिकारियों एसपी मंडी सहित विभागीय अधिकारियों को लिखित रूप से पत्र सौंपकर इस गड़बड़ झाले की उच्च स्तरीय जांच करने और इसमें संलिप्त जिला कल्याण अधिकारी और अन्य विभागीय कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाने की मांग की है। कुशल कुमार सकलानी का कहना है कि उन्हें एक पत्र के माध्यम से यह जानकारी प्राप्त हुई कि विशेष बच्चियों के नाम पर जो पौने ₹100000 के तकरीबन बैग एक अन्य सामग्री की खरीद फरोख्त की गई है। उस बिल के ऊपर ना तो किसी प्रकार की कोई तारीख दर्शाई गई है और उस बिल को विभागीय सरकारी दस्तावेज में संबंधित विभाग के अधिकारियों द्वारा इंटर ने के साथ ही सत्यापित तक कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह बिल जिला कल्याण अधिकारी मंडी कार्यालय के नाम पर जिस फर्म से जारी करवाया गया है उसकी भी जांच की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरह के पहले भी कई सामाजिक सुरक्षा पेंशन विधवाओं की पेंशन सहित अन्य कई मामले उजागर हो चुके है । लेकिन अभी तक कोई भी कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई है । अधिक सुरक्षा पेंशन के नाम पर पहले भी जोगिंदर नगर तहसील एक विभागीय अधिकारी द्वारा करोड़ों रुपए के गड़बड़ झाले करने का मामला उजागर हो चुका है। लेकिन लीपापोती कर के इस विभाग के कई कारनामों को दबा दिया गया है । उन्होंने सरकार से संबंधित विभाग के अधिकारियों से और विजिलेंस विभाग से इस मामले में त्वरित कार्यवाही अमल में लाने की और दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की है ताकि दिव्यांगों के फंड के ऊपर कोई भी इस तरह से हेराफेरी ना कर सके और जो इस भ्रष्टाचार के मामले में संलिप्त हैं। उनके खिलाफ उच्च स्तरीय जांच करते हुए दिव्यांगों को न्याय दिलाया जाए। उन्होंने कहा कि यह तो एक हल्का सा मामला पकड़ में आया है । अगर सरकार गहनता से उच्च स्तरीय जांच कराई जाए तो कई और भी बड़े कारनामे उजागर हो सकते हैं।



बाइट


कुशल कुमार सकलानी दिव्यांग जनों के कानूनी सलाहकार।





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