गुरुवार, 21 जुलाई 2022

एडमिशन के लिए एंट्रेंस एग्जाम को अनिवार्य करने व शैक्षणिक सत्र 2020 की हॉस्टल कन्टिन्यूशन फीस को आधा माफ करना प्रमुख है

एडमिशन के लिए एंट्रेंस एग्जाम को अनिवार्य करने व शैक्षणिक सत्र 2020 की हॉस्टल कन्टिन्यूशन फीस को आधा माफ करना प्रमुख है


BHK NEWS HIMACHAL

आज एसएफआई विश्वविद्यालय इकाई द्वारा पिछले कल कार्यकारी परिषद में हुए फैसलों का स्वागत किया जिसमें पीएचडी एडमिशन के लिए एंट्रेंस एग्जाम को अनिवार्य करने व शैक्षणिक सत्र 2020 की हॉस्टल कन्टिन्यूशन फीस को आधा माफ करना प्रमुख है। एसएफआई ने वीसी से मिलकर छात्रहित के लिए किए गए फैसलों के लिए धन्यवाद किया तथा उसके पश्चात एसएफआई इकाई द्वारा वीसी को एक ज्ञापन पत्र सौंपा गया जिसमें इलीगल पीएचडी एडमिशन को रद्द करने, दर्शनशास्त्र विभाग खोलने तथा शीघ्र नए हॉस्टल के निर्माण करने की मांग की गई।



एसएफआई विश्वविद्यालय इकाई अध्यक्ष कॉमरेड रॉकी ने बताया कि पूर्व वीसी डॉ सिकंदर कुमार जो वर्तमान भाजपा सांसद है, ने नियमों को दरकिनार करके अपने चहेतों को पीएचडी में एडमिशन दी है जो साफ तौर पर गलत है। डॉ सिकंदर कुमार ने अपने बेटे के साथ अन्य उच्च अधिकारियों के बच्चो को नियमों को दरकिनार करके एडमिशन दी है। अतः एसएफआई मांग कर रही है कि इन एडमिशन को तुरंत प्रभाव से रद्द किया जाना चाहिए।

इसके अलावा एसएफआई ने मांग की है कि विश्वविद्यालय में डिपार्टमेंट ऑफ फिलॉस्फी खोला जाना चाहिए जिसके अंतर्गत विभिन्न पीठ जिनमें अक्सर धांधली की खबरे सामने आती रही है उनको एक डिपार्टमेंट के अंतर्गत पढ़ाया जा सके।

प्रशासन द्वारा शैक्षणिक सत्र 2020 की हॉस्टल कंटिन्यूशन फीस को आधा माफ किया है लेकिन एसएफआई ने ज्ञापन के माध्यम से मांग की है कि कोरोना काल में कोई हॉस्टल में रहा ही नहीं है इसलिए आधी फीस लेने का भी कोई ओचित्य नहीं है अतः पूरी की पूरी हॉस्टल कंटिन्यूशन फीस माफ की जानी चाहिए।



एसएफआई विश्वविद्यालय इकाई सचिव कॉमरेड विवेकराज ने बताया कि विश्विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है लेकिन विश्विद्यालय छात्रों को रहने की व्यवस्था की ओर कोई ध्यान देने को तैयार न है जिसका खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है अतः एसएफआई मांग करती है कि नए हॉस्टल का निर्माण शीघ्र किया जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा छात्रों को हॉस्टल की सुविधा मिल सके।



विवेकराज ने बताया कि नॉन टीचिंग स्टाफ की कमी के कारण विश्वविद्यालय हमेशा समय पर रिजल्ट व अन्य कार्यों में नाकाम हो रहा है। लगभग दो साल पहले इन नॉन टीचिंग स्टाफ की भर्ती के लिए आवेदन लिए गए थे लेकिन अभी तक प्रशासन इसका एग्जाम करवाने में नाकाम रहा है जिस कारण वर्तमान कर्मचारियों पर काम का दबाव बढ़ रहा है और कोई भी कार्य समय पर नहीं हो पा रहा है अतः एसएफआई मांग करती है कि नॉन टीचिंग स्टाफ की भर्ती परीक्षा शीघ्र करवाई जाए।



एसएफआई विश्वविद्यालय इकाई अध्यक्ष कॉमरेड रॉकी ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय अगर जल्द से जल्द इन मांगों पर सकारात्मक पहल नहीं करता है तो एसएफआई तमाम छात्र समुदाय को इकठ्ठा करके उग्र आंदोलन का रुख करेगी।




कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें