*प्रधानमंत्री जी आपके आदर्श गांव में हमारे स्कूल की छत टपकती है। बस्ते और किताबें भीग जाती हैं।*
प्रधानमंत्री जी आपके आदर्श गांव में हमारे स्कूल की छत टपकती है। बस्ते और किताबें भीग जाती हैं। ये व्यथा बल्देयां पंचायत के प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम सौंल की माध्यमिक पाठशाला के बच्चों की है। गांव की आबादी लगभग 1000 के करीब है जिसमें 87.25 प्रतिशत से ज्यादा आबादी अनुसूचित जाति की है।
वर्ष 2017 में प्राथमिक पाठशाला से इसका दर्जा बढ़ाकर माध्यमिक कर दिया गया था लेकिन स्कूल भवन के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया। पंचायत ने जन सहयोग, कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलि आदि से पैसा जुटा कर दो कमरे तो बनवाए लेकिन पैसे के अभाव में गुणवत्तापूर्वक निर्माण कार्य नहीं हो पाया। अब स्कूल भवन के लेंटर से पानी टपक रहा है। बच्चे सुबह आकर पहले कमरे और लेंटर से पानी साफ करते हैं उसके बाद बैठने की जगह बनाते हैं। ऐसे माहौल में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
मिडल स्कूल में 41 बच्चे हैं जिनके बैठने के लिए स्थान प्रयाप्त नहीं है। एक कक्षा के बच्चों को बरामदे में बैठना पड़ता है। स्कूल में मध्याह्न भोजन बनाने के लिए पाकशाला भी नहीं है। प्राथमिक पाठशाला में ही दोपहर का भोजन बनाना पड़ता है।
सौंल स्कूल की समस्याओं को लेकर हिमाचल किसान सभा के राज्याध्यक्ष डॉ. कुलदीप सिंह तंवर के नेतृत्व में एसएमसी और ग्रामीणों का एक प्रतिनिधि मंडल अतिरिक्त निदेशक
प्रारंभिक शिक्षा, हिमाचल प्रदेश भुवन शर्मा से मिला। प्रतिनिधिमंडल ने अतिरिक्त निदेशक से स्कूल की समस्याओं से अवगत करवाया।
किसान सभा के राज्याध्यक्ष डॉ. कुलदीप सिंह तंवर ने अतिरिक्त निदेशक से मांग की है कि राजकीय माध्यमिक पाठशाला के लिए वर्तमान भवन के ऊपर दो कमरे बनाने और उस पर छत के लिए वित्तीय प्रावधान किया जाए। वहीं मध्याह्न भोजन की पाकशाला के निर्माण के लिए भी वित्तीय प्रावधान किया जाए।
अतिरिक्त निदेशक न प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि विभाग शीघ्र ही मांगों पर उचित कार्यवाही करेगा।
प्रतिनिधिमंडल में हिमाचल किसान सभा से केशव दत्त, सत्यवान पुंडीर, जयशिव ठाकुर, सुरेश, होशियार, एसएमसी के अध्यक्ष सुरेंद्र कंवर, इंद्रा देवी, रीता देवी, आशा, किरण लता, रीता कुमारी, पायल कश्यप, हेमवती, मीना, पिंकू देवी, गीता देवी शामिल रहे।
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