राधाकृष्णन मेमोरियल एजुकेशन सोसाइटी के अध्यक्ष जीएस मित्तल ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में एनटीटी की नियुक्ति और भर्ती को लेकर जो बवाल मचा हुआ है
BHK NEWS HIMACHAL सुंदर नगर।
राधाकृष्णन मेमोरियल एजुकेशन सोसाइटी के अध्यक्ष जीएस मित्तल ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में एनटीटी की नियुक्ति और भर्ती को लेकर जो बवाल मचा हुआ है। वह तर्कसंगत नहीं है उन्होंने कहा है कि जब एनटीटी का कोर्स हिमाचल में ही नहीं बल्कि पूरे देश में कोई सरकार अपने स्तर पर करवाती ही नहीं है तो इसकी वेरिफिकेशन और मान्यता को लेकर जो सवाल जवाब किए जा रहे हैं । वह तर्कसंगत नहीं है। उन्होंने कहा कि यह कोर्स निजी स्तर पर संस्थान करवा रहे हैं और करवाते हैं । अगर किसी भी संस्थान का इन कोर्सों को करवाने का सिस्टम सही नहीं है ।तो इसकी जांच परख धरातल में जाकर सरकार और संबंधित विभागों के अधिकारी कर सकते हैं। लेकिन यह एनटीटी का कोर्स मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार से मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान करवाने में सक्षम है। उन्होंने बताया कि नर्सरी की एलकेजी और यूकेजी की कक्षाएं पहले प्राइवेट स्कूलों में ही चलती थी। लेकिन कुछ वर्षों से सरकार ने यह कक्षाएं प्राइमरी स्तर पर बिठाई है । क्योंकि हिमाचल प्रदेश के प्राइमरी स्कूल खाली हो गए थे और इस नजरिए को भांपते हुए इस सिस्टम को प्राइमरी स्कूलों के साथ जोड़ा गया था ताकि सरकारी स्कूलों की भरपाई की जा सके। उन्होंने कहा कि जैसे ही नर्सरी के एल के जी और यूकेजी की कक्षाएं शुरू हुई तो एनटीटी कोर्स धारकों को भी रोजगार की उम्मीद जगी और सरकार की ओर से भी एनटीटी कोर्स धारकों को आश्वासन मिला कि इस स्तर पर एनटीटी पासआउट अभ्यर्थियों को ही तैनाती दी जाएगी। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में जो भी शिक्षण संस्थान एनटीटी का कोर्स करवा रहे हैं । उनकी सरकार अपने स्तर पर जांच करें और जो नियमों को पूरा नहीं करते हैं। उनकी मान्यता रद्द कर दी जाए और ऐसे शिक्षण संस्थानों से एनटीटी पास आउट अभ्यर्थियों की भी सत्यापन करते हुए नियमों पर खरा न उतरने की सूरत में प्रमाण पत्र रद्द किए जाएं। जीएस मित्तल ने कहा कि जिन अभ्यर्थियों ने एनटीटी की कोर्स को पूरा किया हुआ है और सही मानकों के आधार पर खरे उतरे हैं। उनके लिए चाहे सरकार अपने स्तर पर कोई ब्रिज कोर्स भी करवा सकती है। सरकार इस संदर्भ में स्थिति स्पष्ट करें कि हिमाचल प्रदेश में जो एनटीटी का कोर्स शिक्षा संस्थान करवा रहे हैं। वह अब आगे जाकर किस से मान्यता प्राप्त करें । जोकि पहले से ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार मैं रजिस्टर्ड है और मान्यता प्राप्त करवाकर यह कोर्स करवा रहे हैं। जीएस मित्तल ने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार की ओर से शिक्षण संस्थानों को एनटीटी का कोर्स करवाने के लिए मान्यता दी गई है और वह पिछले तकरीबन 20 से 25 वर्षों से इस क्षेत्र में एनटीटी करवा रहे हैं और कई अभ्यर्थी कोर्स करने के बाद कई राज्य में सरकारी क्षेत्र में रोजगार भी कर रहे हैं।उन्होंने हिमाचल सरकार से इस संदर्भ में मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल प्रभाव से निर्णय जनहित में लिया जाए और स्थिति स्पष्ट की जाए कि आगे एनटीटी का हिमाचल प्रदेश में क्या भविष्य होगा ताकि अभ्यार्थी समय रहते एनटीटी का कोर्स कर के सरकारी क्षेत्र में रोजगार के अवसर प्राप्त कर सकें। अध्यक्ष जी एस मित्तल का कहना है कि एनसीटीई राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद से एनटीटी की मान्यता का कोई प्रावधान ही नहीं है। ऐसे में इस परिषद से मान्यता को लेकर इस कोर्स को जोड़ने का कोई सवाल ही नहीं उठता है । क्योंकि यह संस्था सिर्फ बी एड और जेबीटी जिसे वर्तमान में डीएलएड के नाम से जाना जाता है । सिर्फ यही कोर्स एनसीटीई से मान्यता प्राप्त होते हैं और इन कोर्सों की मान्यता का का ही इस संस्था से मान्यता लेकर कोर्स करवाने का प्रावधान है।
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