निगम के एसडीओ द्धारा पीटी महिला की स्थिति गंभीर एमरजेंसी वार्ड में पिछली रात से है भर्ती, पुलिस एफआईआर दर्ज करने के बाद नदारद
निगम के एसडीओ द्धारा पीटी महिला की स्थिति गंभीर
एमरजेंसी वार्ड में पिछली रात से है भर्ती, पुलिस एफआईआर दर्ज करने के बाद नदारद
मंडी:नगर निगम मंडी के सहायक अभियंता (एसडीओ) द्धारा सकोढी पुल के पास रेहड़ी लगाने वाली मज़दूर नगीना देवी और उसके मानसिक रूप में दिव्यांग बेटे के साथ मारपीट करने की घटना तीन दिन पहले हुई थी जिसमें नगीना देवी को गम्भीर चोटें आई हैं।लेक़िन पुलिस, नगर निगम के अधिकारी व एक पार्षद इसे दबाने में लगे हुए हैं।जबकि घायल महिला को गंभीर हालत में पिछली शाम यूनियन व परिवार के सदस्यों ने मंडी अस्पताल में भर्ती करवाया है।लेक़िन न तो नगर निगम मंडी और न ही स्थानीय पुलिस इस पर तीन दिन से कार्यवाई नहीं कर रही है।यही नहीं पुलिस चौकी इंचार्ज को पिछली शाम को ये बताया कि नगीना देवी की हालत खराब हो गई है तो पुलिस ने उसका ईलाज कराने के लिए भी मना कर दिया और परिवार के सदस्यों ने यूनियन की मदद से उनका सिटी स्कैन करवाया और अस्पताल में भर्ती कराया है।उनकी बहू सुंदरी देवी ने बताया की 27 जुलाई को देर शाम साढ़े 9 बजे मंडी नगर निगम के एसडीओ ने पहले नगीना के बेटे के साथ मारपीट की जो अपनी रेहड़ी के पास कूड़े का लिफाफा रखने गया था और उसके बादउसकी मां जो घायल है उसके साथ बेरहमी से मारपीट की।इसबारे उन्होंने उसी रात दस बजे पुलिस चौकी मंडी में रिपोर्ट दर्ज करवाना चाही लेक़िन चौकी प्रभारी ने हमें सुबह आने के लिए कहा और रात को रिपोर्ट दर्ज करने से मना कर दिया।इस घटना की सूचना यूनियन के प्रधान को देने के बाद अगली सुबह 28 जुलाई को पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कराई और मेडिकल जांच भी करवायी। लेक़िन पुलिस ने घायल महिला को मारपीट करने वाले एडीओ से समझौता करने के लिए दबाब डाला।जिसमें पुलिस चौकी प्रभारी, नगर निगम के कर्मचारी और एक भाजपा की महिला पार्षद भी इसमें शामिल थी।जबकि पीड़िता और रेहड़ी फहड़ी मज़दूर यूनियन मारपीट करने वाले कर्मचारी के विरुद्ध कार्यवाई करने की मांग कर रहे थे। आज अस्पताल के बाहर इस बारे यूनियन के प्रधान सुरेंद्र कुमार महासचिव प्रवीण कुमार,दीपक कुमार,चन्द्रशेखर, मनी राम,राकेश कुमार, रमेश कुमार,सिकंदर, रेहाना अख़्तर, मीना देवी, बिमला देवी, आशा आदि ने मीडिया को बताया कि 27 जुलाई की रात को मंडी नगर निगम के कर्मचारियों के एक दल ने कूड़े के निपटान बारे सकोढी पुल जहाँ रेहड़ी फहड़ी लगती है वहां पर देर शाम दौरा किया और रेहड़ी लगाने वाली महिला मज़दूर की बेरहमी से पिटाई कर दी जिससे उसे सिर पर गम्भीर चोटें आई हैं। लेकिन पुलिस ने उक्त एसडीओ के ख़िलाफ़ अभी तक कोई कार्यवाई नहीं कि है।उन्होंने कहा कि क़ानूनन कोई भी पुरूष कर्मचारी किसी महिला के साथ ऐसी हरक़त नहीं कर सकता है लेक़िन पुलिस इस अधिकारी को बचाने का काम कर रही है और पीड़ित महिला पर समझौता करने के लिए दबाब डाला गया और रेहड़ी हटवाने के डर से जबर्दस्ती समझौता पत्र पर हस्ताक्षर करवा दिये। घायल महिला की मैडिकल रोपोर्ट में मारपीट और चोट लगने की पुष्टि हो चुकी है बाबजुद पुलिस ने कोई कार्यवाई नहीं कि है।जबकि पिछले कल 29 जुलाई को उस घायल महिला की तबियत और ज़्यादा बिगड़ गई और उसका सिटी स्कैन यूनियन के पदाधिकारियों ने करवाया और वह एमरजेंसी में भर्ती कराया गया है।जबकि ये काम पुलिस को करना था कियूंकि इस महिला ने एफआईआर दर्ज कराई है।इससे साबित हो गया है कि इस घटना को पुलिस दबाने का काम कर रही है और नगर निगम ने भी मारपीट करने वाले एसडीओ और अन्य साथ देने वाले के ख़िलाफ़ अभी तक कोई कार्यवाई की है।इस सारे प्रकरण पर यूनियन ने आज आपातकालीन बैठक आयोजित की और अगले कल सोमवार को निगम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करने तथा पुलिस चौकी इंचार्ज की शिकायत पुलिस अधीक्षक से करने का निर्णय लिया है।यूनियन ने मांग की है कि मारपीट करने वाले एसडीओ को तुरन्त सस्पेंड किया जाये और चौकी इंचार्ज को लाईन हाज़र किया जाए और नियमानुसार अगली कार्यवाई की जाये।
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