एसएफआई जिला कमेटी शिमला ने जिला अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा जिसमें बीते दिनो में शिमला के अंदर चौड़ा मैदान पर एसएफआई के कार्यकर्ताओं पर जान लेवा हमला
आज दिनाक 27/07/2023 को एसएफआई जिला कमेटी शिमला ने जिला अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा जिसमें बीते दिनो में शिमला के अंदर चौड़ा मैदान पर एसएफआई के कार्यकर्ताओं पर जान लेवा हमला किया गया था जिसमें एसएफआई जिला अध्यक्ष कमल शर्मा व कोटशेरा सचिव जनेश और अन्य 4 कार्यकर्ताओं पर आरएसएस और एबीवीपी के गुंडों द्वारा तेजधार हथियारों से जानलेवा हमला किया गया यह हमला 25/07/2023 की सुबह जब एसएफआई शिमला जिला अध्यक्ष कमल व अन्य कार्यकर्त्ता विश्वविद्यालय की ओर विधानसभा के रास्ते से जा रहे थे तब होटल सीसेल होटल के बाहर पहुंचते ही वहां अचानक ही 30/40 लोग लोहे के रॉड व तेज़ हथियार का इस्तेमाल करते हुए एसएफआई के 6 कार्यकर्ताओं को हमले में ज़ख्मी किया जाता है और हमला सुनियोजित तरीके से किया गया था कुछ लोग मास्क पहनकर भी हमला करते है एक दिन पहले एबीवीपी के कार्यकर्ताओं द्वारा सोशल मीडिया में भी खुली धमकियां दी जा रही थी और सुबह जो एसएफआई कार्यकर्ता महाविधालय की ओर आ रहे थे तब रास्ते में दो गाड़ियां उनका पीछा भी करती है और एक गाड़ी से उतरकर कुछ लोगो द्वारा एवलॉज कॉलेज के सड़क पर हाथापाई की जाती है और एक बार दुबारा कोटशेर महाविद्यालय के लिए जो रास्ता जाता है वहां पर हमला किया गया एसएफआई मांग करती है की दो दिन हो चुके है और अभितक हमारी तरफ से एफआईआर को दर्ज नही किया जा रहा है हमारे पक्ष को नही सुना जा रहा है एसएफआई मांग करती है की हमलावरों पर कार्यवाही की जाए
जिला सचिव अनिल ठाकुर ने कहा की एबीवीपी की यह फितरत ही रही है की जब जब एसएफआई का छात्र आंदोलन तेजी पकड़ता है तब तब एसएफआई के छात्र आंदोलन को कुचलने के लिए हमले करवाए जाते है एसएफआई लगातार छात्र को लांबंध करते हुए PTA की लूट और हॉस्टल की मांगो को लेकर निरंतर आंदोलन कर रहे है और छात्र आंदोलन में हिस्सा ले रहे है और इस बात से एबीवीपी की बोखलाहट हमला करवाने से दिख रही है साथ ही में जोधपुर के अंदर रैप की घटना में समलित एबीवीपी कार्यकर्ताओ के खिलाफ भी एसएफआई ने जोर दार विरोध किया था और बोखलाहट में आकर हमला करवाया गया ताकि मुद्दे से भटकाया जाए वे चाहते है छात्र आंदोलन बदनाम हो और छात्र आंदोलनों से दूर रहे
एसएफआई शिमला जिला कमेटी ने कहा है कि अगर शिमला पुलिस इस जानलेवा हमले सलिप्त एबीवीपी के गुंडों पर सख्त से सख्त कार्रवाई नहीं करती तो एसएफआई को मजबूरन सड़कों पर उतरना पड़ेगा।
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