मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की मंडी जिला कमेटी की विस्तारित बैठक आज मंडी में तारा चंद भवन में आयोजित की गई। इस बैठक में जनता से जुड़े विभिन्न मुद्दों
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की मंडी जिला कमेटी की विस्तारित बैठक आज मंडी में तारा चंद भवन में आयोजित की गई। इस बैठक में जनता से जुड़े विभिन्न मुद्दों
दिनांक:- 16 अक्तूबर 2021 BHK news himachal Yadvinder Kumar
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की मंडी जिला कमेटी की विस्तारित बैठक आज मंडी में तारा चंद भवन में आयोजित की गई। इस बैठक में जनता से जुड़े विभिन्न मुद्दों जिनमें विशेषकर कमरतोड़ महंगाई, बढ़ती बेरोजगारी, किसानों की दुर्दशा, भूमि अधिग्रहण कानून 2013 तथा प्रभावितों की अनदेखी के साथ-साथ जिला में सड़कों, बिजली, पानी व अन्य जन समस्याओं पर चर्चा की गई। इसके साथ ही मंडी लोक सभा के उपचुनावों के बारे भी पार्टी ने चर्चा की। इस बैठक में माकपा के राज्य सचिव डॉक्टर ओंकार शाद भी विशेष रूप से सम्मलित हुए। माकपा की इस विस्तारित जिला कमेटी बैठक में कुशाल भारद्वाज, भूपेन्द्र सिंह, जयवन्ती, महेंद्र राणा, राजेश शर्मा, सुरेश सरवाल, जोगिंदर वालिया, रविकान्त, भीम सिंह, सुनीता ठकुर, वीना वैद्य, दिनेश काकू, संजय जमवाल, गोपेंद्र, रीना शर्मा, प्रकाश चंद, प्रोमिला देवी, बुधि सिंह सहित विभिन्न लोकल कमेटियों के सदस्यों ने भी हिस्सा लिया।
इस अवसर पर राज्य सचिव डॉक्टर ओंकार शाद ने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार की नीतियाँ सीधे-सीधे आम जनता विरोधी और बड़े पूँजीपतियों के हित में हैं। मोदी सरकार ने अपने दूसरे कायकाल में बड़ी तेजी से नवउदारवाद और सांप्रदायिकता के अजेंडे को लागू करने का काम चला रखा है। इन नीतियों के चलते देशी व विदेशी बड़े पूँजीपतियों के मुनाफे व धन दौलत बड़ी तेजी से बढ़ रहे हैं। वहीं मजदूरों, किसानों व दूसरी मेहनतकश जनता की गरीबी व तकलीफ़ें बढ़ रही हैं। देश में भूखमरी, बेरोजगारी, गरीबी, अशिक्षा, असमानता व महंगाई बढ़ रही है। रसोई गैस सिलेन्डर 1000 रूपये का मिल रहा है तो वहीं पेट्रोल 106 रूपये लीटर मिल रहा है। खाने का तेल 250 रूपये प्रति लीटर और दालें 200 रूपये के पार पहुँचने वाली हैं। भाजपा सरकार बड़ी तेजी से देश के संसाधनों को अपने चहेते पूँजीपतियों को बेच रही है। किसानों व मजदूरों के खिलाफ काले कानून बनाए जा रहे हैं। 600 से ज्यादा किसानों के आंदोलन में शहीद हो जाने के बाद भी मोदी सरकार किसानों का पक्ष सुनने व मानने को तैयार नहीं है। केंद्र सरकार में गृह राज्य मंत्री किसानों के खिलाफ भड़काऊ भाषण देता है और उनका बेटा जो स्वयं भाजपा का नेता है, वह और उसके साथी गाड़ियों से किसानों को रौंद कर उनकी बेरहमी से हत्या कर देते हैं। इस घटनाक्रम के बाद भाजपा की यूपी सरकार मंत्री के बेटे को केस से बचाने और घटनास्थल से उसकी मौजूदगी को छिपाने के प्रयास करती है तथा इस पूरे घटनाक्रम के लिए ज़िम्मेवार मंत्री से प्रधानमंत्री ने इस्तीफ़ा भी नहीं मांगा है। इस से स्पष्ट होता है कि भाजपा सता के नशे में चूर होकर निरंकुश तरीके से शासन चला रही है। भाजपा का सता में बने रहना और उसकी निरकुंश शासन शैली को चुनौती नहीं दी गई तो देश का लोकतन्त्र और संविधान खत्म हो जाएगा तथा देश में पूरी तानाशाही कायम हो जाएगी। माकपा और देश की लोकतंत्र पसंद जनता ऐसा हरगिज नहीं होने देगी। देश की आजादी के संघर्ष में हुई कुर्बानियों और आजादी के बाद भी लोकतन्त्र को मजबूत करने के लिए जनता के चौतरफा संघर्षों को माकपा व्यर्थ नहीं जाने देगी।
इसलिए लोकतंत्र को मजबूत करने, देश के संसाधनों को बिकने से बचाने, महंगाई पर अंकुश लगाने के लिए माकपा अपनी ऐतिहासिक जिम्मेवारी को निभाते हुए इन उप चुनावों में भाजपा को हराने के लिए काम करेगी ताकि बेलगाम हो चुकी निरकुंश सरकार पर लगाम लगाई जा सके। मंडी लोक सभा उप चुनाव सहित प्रदेश में जहां भी विधान सभा के उपचुनाव हो रहे हैं वहाँ पर माकपा जनविरोधी और बेलगाम हो चुकी भाजपा को हराने के लिए काम करेगी। माकपा का प्रदेश में किसी भी पार्टी के साथ कोई गठबंधन नहीं है। लेकिन भाजपा को हराने में जो भी पार्टी या प्रत्याशी सक्षम है माकपा आम जनता से अपील करेगी कि भाजपा की निरंकुशता पर ब्रेक लगाने के लिए सक्षम प्रत्याशी को वोट दें। उन्होंने कहा कि महंगाई व बेरोजगारी बढ़ाने वाली नीतियों और तानाशाही से भाजपा समर्थक भी बहुत निराश हैं तथा वे भी इन चुनावों में भाजपा को सबक सिखाना चाहते हैं।
इस अवसर पर माकपा के मंडी जिला सचिव कुशाल भारद्वाज ने कहा कि यह चुनाव केंद्र और राज्य सरकार की अब तक की कारगुजारियों के आधार पर होगा। हकीकत यह है कि हिमाचल प्रदेश का आधा बजट तो एक ही विधान सभा क्षेत्र में लग रहा है और उसमें भी आधा कमीशंखोरी में लग रहा है। सरकारी नौकरियों के दरवाजे बंद हैं। आऊट सोर्स में ही भर्तियाँ हो रही हैं और उसमें भी अधिकांश नौकरियाँ एक या दो विधान सभा क्षेत्र के चहेते ठेकेदारों के बच्चों को दी जा रही हैं। मंडी जिला में आसपास के विधान सभा क्षेत्र का बजट पर भी एक बड़े नेता ने कुंडली मार रखी है। दूसरे विधान सभा क्षेत्रों के छोटे-छोटे काम के ठेके भी एक ही मंत्री के कहने पर दिये जाते हैं। जन मंच के नाम पर अधिकारियों, कर्मचारियों, व अपनी शिकायत ले कर जनमंच में शामिल होने वाले आम लोगों को मंत्रियों द्वारा सरेआम जलील किया जाता है। जो अध्यापक दिन रात मेहनत करके बच्चों का भविष्य सँवारने में लगे हैं उनको भी मंत्री जी भरी सभा में जलील करते हैं। भाजपा ने पिछले विधान सभा चुनावों में अपने घोषणापत्र में वादा किया कि वे भूमि अधिग्रहण प्रभावितों को 2013 के कानून के अनुरूप फैक्टर 2 को लागू करते हुए 4 गुणा मुआवजा देंगे, लेकिन सता में आने के बाद भाजपा ने इसे लागू करने से साफ इंकार कर दिया। भाजपा के वर्तमान उम्मीदवार ने सरकारी पद हासिल करने के बाद प्रदेश के हजारों भूमि अधिग्रहण प्रभावित परिवारों का साथ छोड़ दिया तथा उनके विश्वासघात के कारण हजारों प्रभावित परिवार उनको सामाजिक राजनीतिक जीवन में एक भरोसेमंद नेता नहीं मानते हैं। माकपा इन सभी मुद्दों को जनता के बीच लेकर जाएगी ताकि महंगाई, बेरोजगारी, किसानों, मजदूरों व फल उत्पादकों की दुर्दशा, भूमि अधिग्रहण प्रभावितों, कर्माचारियों की पुरानी पेंशन वहाली की भाजपा की वायदाखिलाफी, मंत्रियों की तानाशाही और मनमर्जी जैसे मुद्दों के आधार पर वोट देकर मंडी लोक सभा क्षेत्र की जनता भाजपा की निरंकुशता पर लगाम लगाए।
उन्होंने कहा कि अगले एक सप्ताह में माकपा सभी विधान सभा क्षेत्रों और सभी लोकल कमेटी क्षेत्र में पार्टी की विस्तारित बैठकें आयोजित करेगी तथा इसके बाद पंचायत और बूथ स्तर पर बैठकें व नुक्कड़ सभाएं आयोजित कर इन मुद्दों पर प्रचार करेगी। माकपा का मानना है कि कोई भी चुनाव मुद्दों के आधार पर ही लड़ा जाना चाहिए, लेकिन भाजपा इस बार न तो प्रधानमंत्री मोदी के नाम से न जय राम ठाकुर सरकार के कार्यों के आधार पर और न ही अपने बड़बोले मंत्री व विधायकों के कार्यों के आधार पर वोट मांग रही है। कुशाल भारद्वाज ने कहा कि असली मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए भाजपा इस बार कारगिल हीरो के नाम से वोट मांग रही है। हकीकत यह है कि भाजपा ने दो बार सन 2014 व 2019 के लोक सभा चुनावों में इन्हीं ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर का टिकट काट कर कारगिल हीरो का अपमान कर चुकी है। इस बार जब भाजपा सरकार की कारगुजारियों के खिलाफ जनता में व्यापक गुस्सा है तथा मंत्रियों और बड़े नेताओं ने चुनाव लड़ने से हाथ खड़े कर दिये तो मजबूरी में भाजपा ने खुशाल ठाकुर को चुनाव में आखिरी वक्त में प्रत्याशी बना दिया ताकि असली मुद्दे छुप जाएँ। यदि भाजपा सैनिकों का इनता ही सम्मान करती है तो जब देश में भाजपा की लहर थी तो तब ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर को टिकट न देकर अपने संगठन के व्यक्ति रामस्वरूप शर्मा को टिकट दिया था। अब जब हार सामने है तो ब्रिगेडियर के कंधे पर चुनावी बंदूक थमा कर भाजपा अपनी फजीहत को कम करने की कोशिश कर रही है।
कुशाल भारद्वाज
मंडी जिला सचिव माकपा
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें