शुक्रवार, 26 नवंबर 2021

आजीविका का इतना बड़ा स्रोत होने के नाते प्रधानमंत्री से मांग की जाती है कि प्रस्तावित बल्ह हवाई अड्डे को किसी गेर उपजाऊ भूमि पर बनाया जाये: सयुंकत किसान संघठन

 

आजीविका का इतना बड़ा स्रोत  होने के नाते प्रधानमंत्री से मांग की जाती है कि प्रस्तावित बल्ह हवाई अड्डे को किसी गेर उपजाऊ भूमि पर बनाया जाये: सयुंकत किसान संघठन 


BHK NEWS Nerchowk

यादविंदर :- आज दिंनाक 26  नवम्बर,2021 को 6 सयुंकत किसान संघठनो दुवारा, सेरी मंच पर  रोष दिवस मनाया  गया और उसके उपरांत एक प्रतिनिधिमंडल जिसमें, बल्ह बचायो किसान संघर्ष समिति के कार्यकारी अध्यक्ष श्री प्रेम दास चौधरी, नन्द लाल वर्मा सचिव, किसान सभा के अध्यक्ष श्री परस राम, भारतीय किसान यूनियन (टिकेत)के अध्यक्ष श्री देवीरूप सैनी,  कुलदीप सिंह, भारतीय किसान संघ से श्री सूरज ठाकुर, हिमाचल किसान यूनियन के अध्यक्ष श्री युध्चंद सकलानी,भूमि अधिगहरण प्रभाबित मंच के संयोजक श्री  जोगिन्दर वालिया की अगुवाई में   जिलाधीश मंडी श्री   के माध्यम से प्रधानमंत्री श्री नरेंदर मोदी को मांग पत्र सोंपा गया और मांग कि गई की बल्ह प्रस्तावित हवाई अड्डे को किसी दूसरी गेर उपजाऊ जगह पर बनाया जाये, बल्ह बचायो किसान संघर्ष समिति के सचिब ने यह भी आग्रह किया  कि जाहू या अन्य गेर उपजाऊ भूमि पर पर भी ओ एल एस सर्वे तथा लीडार सर्वे करवाया जाए कयोंकि वहां के किसान  जमीन देने को तैयार हैं, और बह इलाका तीन जिलों बिलासपुर, काँगड़ा एवं मंडी का संगम भी है और बहुत ही कम लागत एवं गेर-उपजाऊ जमीन पर बड़ा एयरपोर्ट बनाया जा सकता हे I



हिमाचल किसान यूनियन के श्री इस्माइल मोहम्द ने कहा कि प्रस्तावित हवाई अड्डे से सिंचाई व्यवस्था,पीने के पानी,टावर लाइन,स्कूल व शिक्षण संस्थान, धार्मिक सस्थान, खेल मैदान, डयोढा जंगल के इलावा 2500 मकान, 12000 किसान, लाखो पेड़-पोधे, कृषि उद्योग,व्यापारिक संस्थान,कृषि मशीनरी आदि सब बेकार हो जायेंगे और बल्ह जिसे मिनी पंजाब कहा जाता उसका नामोनिसान मिट जायेगा I भारतीय किसान संघ के श्री सूरज ठाकुर ने कहा कि अधिकतर किसान प्रस्तावित  हवाई अड्डे की वजह से भूमिहीन तथा विस्थापित हो जायेंगे और बल्ह क्षेत्र का नामोनिशान ही मिट जायेगा। बल्ह कि जनता जो नकदी फसले उगा कर जीवन चला रही है उन्हें बेरोजगारी का दंश झेलना पड़ेगा  पूरी तरह से तबाह हो जायेंगे अतः एयरपोर्ट को कंही और गेर उपजाऊ जमीन पर बनाया जाये । भारतीय किसान यूनियन (टिकेत) के  अध्यक्ष श्री देवीरुप सैनी  ने कहा कि बल्ह में  प्रस्तावित हवाई अड्डा क्षेत्र में आठ  गांव सियांह, टान्वा , जरलू , कुम्मी , छात्तरू ,  ढाबण, भौर ,डुंगराइ के इलाबा अब  लिडार सर्वे के अनुसार उत्तर कि तरफ 1050 मीटर बढ़ने से 3 गाँव  सिह्न, दोंधी, घट्टा के किसान भी प्रभावित हो  रहे हैं हमारे मुख्यमंत्री जो कि अपने आप भी किसान है वह बल्ह के किसानो की उपजाऊ जमीन को बरबाद करने पर क्यों तुले हुए है जबकि जिला में गैर उपजाऊ जमीन में हवाई अड्डे को बनाया जा सकता है I 

भूमि अधिगहरण प्रभाबित मंच के सयोंजक श्री जोगिन्दर वालिया  ने कहा कि  हिमाचल सरकार ने अभी तक भूमि अधिग्रहण कानून 2013 को लागु नहीं किया  है और न ही पुनर्स्थापना और पुनर्निवास की कोई नीति घोषित की है।    बल्ह  प्रस्तावित हवाई क्षेत्र में जमीन के सरकल रेट इतने कम है कि जमीन कौड़ियो के भाव जायेगी।  आजीविका का इतना बड़ा स्रोत  होने के नाते सरकार से मांग की जाती है कि प्रस्तावित हवाई अड्डे को किसी दूसरी जगह बनाया जाये I किसान सभा के अध्यक्ष श्री परस राम ने रोष जताते हुए कहा  कि  बल्ह में प्रस्तावित हवाई अड्डे की जद में आने वाले किसानों को विश्वास में ना लेकर मुख्यमंत्री श्री जयराम एकतरफा चल रहे हैं।  केंद्र सरकार से बल्ह हवाई अड्डे के लिए बजट में प्रावधान कि बार बार गुहार करते हुए अपनी पीठ थपथपा रहे हैं जबकि किसानों से कोई बात नहीं कि जा रही है और एकतरफा फैसला थोप रही है जिसे कदापि सहन नहीं किया जाएगा और अन्य संघठनो के साथ मिलकर आने बाले दिनों में संघर्ष चलाया जायेगा I


प्रितिनिधिमंडल में बल्ह बचायो किसान संघर्ष समिति के कार्यकारी अध्यक्ष श्री प्रेम दास चौधरी, नन्द लाल वर्मा सचिव, उपाध्यक्ष श्री गुलाम रसूल, भवानी सिंह, श्याम लाल चौधरी, किसान सभा के अध्यक्ष श्री परस राम, रामजीदास,गंगा राम,हेमराज वालिया, भारतीय किसान यूनियन (टिकेत)के अध्यक्ष श्री खुबराम सोहल, फारुक मांडा, भारतीय किसान संघ से श्री सूरज ठाकुर, नन्द लाल, हिमाचल किसान यूनियन के श्री मोहम्द इस्माइल, युध्चंद सकलानी,  भूमि अधिगहरण प्रभाबित मंच से जोगिन्दर वालिया आदि शामिल हुए ।



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