ऊंची रसूख वाले शिक्षकों की वजह से उलझी प्रधानाचार्य पदोन्नति : चौहान
हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहां है कि कुछ ऊंची पहुंच वाले शिक्षक नेताओं वह शिक्षकों की वजह से हिमाचल प्रदेश में प्रधानाचार्य की पदोन्नति उलझ गई है संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में लगभग 313 स्कूलों में प्रधानाचार्य के पद खाली चल रहे हैं इन 313 रिक्तियों की बात की जाए तो इनमें से 98 पदों का कोटा प्रवक्ता से प्रधानाचार्य का बनता है जबकि 215 पदों का कोटा मुख्य अध्यापकों से प्रधानाचार्य का बनता है। नियमानुसार प्रधानाचार्य पद के लिए 50-50 कोटे के तहत जिस वर्ग का पद खाली होता है उसी वर्ग से पदोन्नति के माध्यम से भरा जाता है लेकिन इससे पहले की बात की जाए तो 100 से अधिक पदों पर प्रवक्ताओं से प्रधानाचार्य की पदोन्नति पहले ही कोटे से ज्यादा हुई है जिसे बराबर करने के लिए कुछ दिन पहले शिक्षा विभाग में शिक्षा सचिव द्वारा 117 मुख्य अध्यापकों को प्रधानाचार्य बनाने का फैसला लिया गया था जिससे मुख्य अध्यापकों एवं प्रवक्ताओं का प्रधानाचार्य के लिए पदोन्नति कोटा बराबर हो सके। इसके तहत 117 मुख्य अध्यापक पदोन्नत होने की बिल्कुल तैयारी पर थे उसके बाद 50 -50 के कोटे के नियम के तहत मुख्य अध्यापकों एवं प्रवक्ताओं से प्रधानाचार्य की पदोन्नति दूसरे फेज में होनी थी लेकिन कुछ रसूखदार शिक्षक नेताओं के प्रभाव के कारण यह प्लेसमेंट नहीं हो पाई और विभाग पर दबाव डाला गया के आधी आधी पदोन्नतिया की जाए लेकिन यदि वर्तमान परिस्थितियों के आधार पर कोटा निर्धारित होता है तो 313 रिक्तियों में से 98 रिक्तियां प्रवक्ताओं के खाते में जाती है जबकि 215 रिक्तियां मुख्य अध्यापकों के खाते में जाती है विडंबना यह है कि शिक्षा निदेशक ने जो पैनल मुख्य अध्यापकों का पदोन्नति के लिए भेजा है वह मात्र 128 मुख्य अध्यापकों का ही है तो इससे विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगना निश्चित है कि शिक्षा निदेशक ने मुख्य अध्यापकों का नया पैनल बनाकर क्यों नहीं भेजा इसके पीछे विभाग की क्या मंशा रही है यदि मुख्य अध्यापक वर्ग के कोटे से प्रधानाचार्य की 215 पद बनते हैं तो आज तक इससे ज्यादा शिक्षकों का पैनल क्यों नहीं बनाया क्या इसमें एक बड़ी साजिश की बू आती है ।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने कहा है कि हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व करता है इसलिए किसी भी वर्ग के साथ ज्यादती नहीं होने दी जाएगी यदि शिक्षा सचिव या सरकार ने मुख्याध्यापक वर्ग से प्रधानाचार्य पदों पर होने वाली पदोन्नति के नियम अनुसार कोटे के साथ भेदभाव किया जिस तरह से देखने में आ रहा है तो संघ इस मुद्दे को गंभीरता से लेगा और इसके खिलाफ तथ्यों सहित सरकार को घेरने का प्रयास करेगा साथ ही संघ मांग करता है कि 313 रिक्तियों पर एक साथ प्रधानाचार्य की पदोन्नति सूची शीघ्र जारी करें।
बड़ी हैरानी की बात तो यह है कि सरकार ने अपने एक चहेते मुख्याध्यापक को 30 नवंबर को सिंगल ऑर्डर में प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति दे दी थी जो कि सौ से डेढ़ सौ मुख्य अध्यापकों से वारिष्ठता में पीछे चल रहा था और बाकी को अभी तक इंतजार करना पड़ रहा है
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