धर्मपुर में स्वास्थ्य सुविधाओं की हालत खस्ता-माकपा
स्टाफ़ के 136 पद खाली और टैस्टों की कोई सुविधा नहीं
BHK NEWS HIMACHAL
धर्मपुर उपमंडल में वर्तमान में तीन नागरिक अस्पताल संधोल, धर्मपुर और टिहरा 2 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मढ़ी और मण्डप तथा 9 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र डरवाड़,चोलथरा,स्योह, सजाओपीपलु, चोलनगढ़, पेहड़,मोरला, झगी औऱ परसदा हवानी कार्यरत हैं।मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सचिव और पूर्व ज़िला परिषद सदस्य भूपेंद्र सिंह ने बताया कि उनके द्धारा सूचना के अधिकार कानून के तहत जुटाई गई जानकारी से पता चला कि इन स्वास्थ्य संस्थानों में डॉक्टरों, नर्सों व अन्य कर्मचारियों के 136 पद ख़ाली हैं।उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा 56 पद संधोल अस्पताल में ख़ाली हैं और धर्मपुर में 43 पद तथा टिहरा में 14 पद ख़ाली हैं। इन तीनों अस्पतालों में 35 पद स्टाफ़ नर्सों के लम्बे समय से ख़ाली पड़े हैं।किसी भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लैब टेक्नीशियन नहीं है और उनके 11 पद ख़ाली पड़े हुए हैं।सबसे ज्यादा हैरानी की बात तो यह है कि 5 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में तो ये पद सृजित ही नहीं है।तथाकथित टिहरा नागरिक अस्पताल में तो एक्सरे और लैब दोनों सुविधाएं उपलब्ध नहीं है।भूपेंद्र सिंह ने वर्तमान सरकार में जलशक्ति मंत्री व धर्मपुर के विधायक महेंद्र सिंह पर अपने गृह क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया न कराने का आरोप लगाया है।उन्होंने कहा कि मंत्री ने दो साल पहले टिहरा को भी 100 बिस्तरों वाला नागरिक अस्पताल घोषित किया था लेकिन बड़ी चालाकी से यहां संधोल और धर्मपुर की तुलना में स्टाफ़ एक तिहाई ही सेंक्शन किया है।भूपेंद्र सिंह ने बताया कि संधोल अस्पताल में कुल 92 पद तो धर्मपुर में 83 पद सृजित हैं लेकिन टिहरा अस्पताल के लिए मात्र 35 पद ही सेंक्शन किये गए हैं।इससे साफ़ है कि मंत्री ने एक तरफ़ वोट की राजनीति करते हुए अस्पताल की तो घोषणा कर दी लेक़िन जानबूझकर इसके लिए कम कर्मचारियों के पद दूसरे अस्पतालों से कम रखे हैं और जनता को अस्पताल के नाम पर ग़ुमराह किया गया है।भूपेंद्र सिंह ने मांग की है कि टिहरा अस्पताल में भी डॉक्टरों,अन्य स्टाफ़,लैब,एम्बुलेंस इत्यादि की सुविधा उपलब्ध करवाई जाये और इनडोर सुविधा भी जल्दी शुरू की जाये।उन्होंने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मढ़ी और मंडप हैं लेकिन उनमें अतिरिक्त सुविधा कोई नहीं है।सरकार ने बड़ी चालाकी से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों के दो पदों को घटाकर एक कर दिया है और अब सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में एक ही डॉक्टर कार्यरत है।भूपेंद्र सिंह ने मांग की है कि संधोल, धर्मपुर और अस्पतालों तथा मढ़ी और मंडप सी एच सी में ख़ाली पदों को तुरंत भरा जाए।अभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में एक्सरे और लैब की सुविधा उपलब्ध करवाई जाये।बिना लैब सुविधा के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टर मरीजों का पूरा ईलाज नहीं कर पाते हैं और उन्हें बड़े अस्पतालों के लिए रैफर कर देते हैं।जिसके चलते मरीजों को मंडी, हमीरपुर, टांडा, शिमला और चंडीगढ़ के चक्कर लगाने पड़ते हैं और बहुत से मरीजों को मज़बूरी में प्राईवेट अस्पतालों में महंगा ईलाज करवाने के लिए मजबूर होना पड़ता है।उन्होंने आरोप लगाया है कि यहां के विधायक व मंत्री जानबूझ कर स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए कोई रूची नहीं लेते हैं और उनकी प्राथमिकता उन कार्यों में ज़्यादा है जिनमें ठेकेदारों के माध्यम से भवन और सड़क निर्माण तथा पेयजल की पाइपें डालने का काम होता है।
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