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गुरुवार, 3 मार्च 2022

जलशक्ति विभाग में हुई भर्तियों में अनुसूचित जातियों की हुई उपेक्षा-भूपेंद्र धर्मपुर मण्डल के तहत हुई भर्तियों में लागू नहीं किया गया आरक्षण का फार्मूला

 जलशक्ति विभाग में हुई भर्तियों में अनुसूचित जातियों की हुई उपेक्षा-भूपेंद्र

धर्मपुर मण्डल के तहत हुई भर्तियों में लागू नहीं किया गया आरक्षण का फार्मूला


BHK NEWS HIMACHAL

 जलशक्ति विभाग धर्मपुर में गत चार वर्षों में 962 मज़दूर विभिन्न श्रेणियों में भर्ती किये गए हैं।लेकिन इन्हें भर्ती करती बार सँविधान के प्रावधानों की उलंघन्ना हुई है।ये बात मज़दूर संगठन सीटू के जिला प्रधान और पूर्व ज़िला परिषद सदस्य भूपेंद्र सिंह ने कही।उन्होंने बताया कि संविधान के अनुछेद 15(4) के अनुसार नॉकरियों में 15 प्रतिशत अनुसूचित जातियों तथा साढ़े सात प्रतिशत आरक्षण जनजातियों के लिए 27 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग तथा 10 प्रतिशत आर्थिक रूप में कमज़ोर परिवारों के लिए निर्धारित किया गया है।लेकिन जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने पिछले चार साल मेंअपने विधानसभा क्षेत्र में जो एक हज़ार के लगभग मज़दूर भर्ती किये हैं उनमें अनुसूचित जातियों व अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को उन्हें मिलने वाले रोज़गार से वंचित किया है और उन्होंने जानबूझ कर उन्हें उनके सवैधानिक अधिकार से वंचित रखा है।भूपेंद्र सिंह ने जलशक्ति मंत्री पर आरोप लगाया है कि वे अपने आप को दलितों और गरीबों का मसीहा बताते फ़िरते हैं औऱ उनसे इसी के बल पर वोट तो जरूर लेते हैं लेकिन हक़ीक़त में वे बड़े बड़े ठेकेदारों व अमीरों के लिए ही काम करते हैं।वे हर चुनाव से पहले एक बार अन्यसुचित जातियों से सबन्धीत लीगों का एक बड़ा सम्मेलन आयोजित करते हैं और फ़िर पांच साल उन्हें भूल जाते हैं।उन्होंने कहा कि धर्मपुर ही एक ऐसा मण्डल है जहाँ पर पिछले चार वर्षों में इतने ज़्यादा मज़दूर जलशक्ति विभाग में भर्ती किये गये हैं लेकिन इनमें अनुसूचित जातियों व आर्थिक रूप में कमज़ोर लीगों की घोर उपेक्षा हुई है।उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि धर्मपुर में हुई भर्तियों में की गई सँविधान की उलंघन्ना की जाँच होनी चाहिये और अनुसूचित जातियों व अन्य आर्थिक रूप में कमज़ोर तबकों को उनके लिए निर्धारित स्थान मिलने चाहिए।उन्होंने ये भी मांग उठाई है कि हिमाचल सरकार को नीजि क्षेत्र में भी सँविधान के प्रावधानों के अनुसार आरक्षण लागू करना चाहिए।उन्होंने बताया कि विभागीय अधिकारियों से जब इस बारे जानकारी हासिल करने की कोशिश की गई तो उन्होंने बताया कि इन भर्तियों के लिए सरकार ने जाति आधारित आरक्षण का प्रावधान नहीं किया था इसलिए उनके पास न इसकी जानकारी है और न ही उन्होंने इसके आधार पर भर्तियां की है।इसलिये सरकार को धर्मपुर में हुई भर्तियों की पूरी जानकारी हासिल करनी चाहिए जिससे ये पता चल सके कि कुल भर्ती किये गए मजदूरों में से कितने मज़दूर अनुसूचित जाति से सबंधित हैं और कितने गरीबी रेखा से नीचे से सबंधित हैं।इस भर्ती के लिए जल शक्ति मंत्री स्वय ही सीधे तौर पर जिम्मेवार हैं कियूंकि सभी की भर्ती उन्हीं की सिफ़ारिश पर हुई है।भूपेंद्र सिंह ने इन भर्तियों के लिए सीधे तौर पर इस विभाग के मंत्री दलितों और गरीबों को नॉकरियों से वंचित रखने वाली नीति लागू करने का जिम्मेवार ठहराया है।



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