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अधूरी सड़क का दो बार मंत्री और एक बार मुख्यमंत्री ने किया उदघाटन,मुख्यमंत्री के शिलान्यास के बाद मंत्री ने किया भूमिपूजन! पूर्व मंत्री नत्था सिंह के गांव गरली-शाहन के लिए अभी तक नहीं बनी सड़क, हिमाचल किसान सभा ने गांव के लिए जल्दी सड़क बनाने की उठायी मांग

 अधूरी सड़क का दो बार मंत्री और एक बार मुख्यमंत्री ने किया उदघाटन,मुख्यमंत्री के शिलान्यास के बाद मंत्री ने किया भूमिपूजन!



पूर्व मंत्री नत्था सिंह के गांव गरली-शाहन के लिए अभी तक नहीं बनी सड़क, हिमाचल किसान सभा ने गांव के लिए जल्दी सड़क बनाने की उठायी मांग


धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र की घरवासड़ा ग्राम पंचायत के गांव गरली से साहन बस्ती के लिए बन रही सड़क के तीन बार उदघाटन होने के बाद भी सड़क अभी तक अधूरी है।दिलचस्प बात तो यह है कि इस सड़क का 29 नवंबर 2021 को मुख्यमंत्री द्धारा शिलान्यास कर दिया गया था और फ़िर उसके बाद 18 मार्च 2022 को जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ने इसी अधूरी सड़क का भूमि पूजन किया है।हिमाचल किसान सभा पँचायत कमेटी के प्रधान रूपचन्द गुलेरिया,मोहनलाल, सुखराम, भांगू राम, पवन कुमार, विपिन कुमार, सुरेश कुमार, रत्न लाल, जगदीश चंद,राजकुमार, सुनील कुमार, हेम राज कुमार, टोडरमल,रूपलाल बिष्ट,सुरेंद्र पठानिया, हेम राज, ओमप्रकाश, देश राज,टेक सिंह सकलानी, शम्भू राम,मेहर सिंह पठानिया, सूरत सिंह, पृथी सिंह आदि ने बताया कि गरली वार्ड के अंतर्गत आने वाले साहन बस्ती में कुल 15 परिवार रहते थे जिनमें से आधे परिवार सड़क सुविधा न होने के कारण यहां से पण्डोह और सरकाघाट के लिए पलायन कर गए हैं।हालांकि बड़ी मज़ेदार बात यह है कि कांग्रेस पार्टी के नेता और बीरभद्र सरकार में मंत्री रह चुके ठाकुर नत्था सिंह भी इसी गांव के निवासी थे जो अब सरकाघाट में रहते हैं।लेकिन इस गाँव के लिए अभी तक सड़क नहीं पहुंच पाई है।उधर पूर्व ज़िला पार्षद और माकपा नेता भूपेंद्र सिंह का कहना है कि इस गांव के चार लोगों की मौत रास्ता न होने के कारण अभी तक हो चुकी है।इस गांव को जाने के लिए खड्ड को पार करके जाना पड़ता है लेकिन उस पर अभी तक फुट ब्रिज तक नहीं बना है।उन्होंने बताया को वर्तमान विधायक जो सातवीं बार यहां से चुने गए हैं हर बार गांव को सड़क सुविधा उपलब्ध कराने का वादा करते हैं लेकिन बाद में भूल जाते हैं।गौरतलब है कि जब महेंद्र सिंह धूमल सरकार में परिवहन मंत्री थे तो इस गांव के लिए जीप योग्य सड़क बना दो गयी थी और मंत्री ने उसका उदघाटन भी कर दिया था और साहन में बोर्ड भी लगा दिया था।लेकिन अगली ही बरसात में सड़क का नामोनिशान मिट गया और आज तक वह सड़क नहीं बन पाई है।गरली बस स्टैंड पर इस सड़क सबन्धी दो मंत्री के नाम वाले बोर्ड और एक मुख्यमंत्री के नाम का चबूतरा जरूर लग गया है।भूपेंद्र सिंह ने बताया वर्तमान में इस सड़क के लिए नब्बे लाख रुपये ख़र्च करने का प्रावधान बोर्ड में अंकित किया है लेकिन जिस दलदल वाली तहलटी से सर्वे किया गया है वहां पर इस सड़क का बनना बहुत मुशिकल है और खड्ड पर पुल बनाने और खड्ड के साथ साथ सुरक्षा दीवार लगाने पर करोड़ो रूपये खर्च होने पर ही ये सड़क पूरी हो पायेगी।पूर्व ज़िला पार्षद ने बताया कि उन्होंने ज़िला परिषद निधि से खड्ड पर फुट ब्रिज डालने के लिए एक लाख रुपये स्वीकृत किये हैं और गरली से सरी वाया हरिजन बस्ती बालही सड़क निर्माण के लिए तीन लाख रुपये जारी किए हैं लेकिन वह राशी अभी तक ग्राम पंचायत ख़र्च नहीं पाई है।भूपेंद्र सिंह ने मांग की है कि गरली से मढ़ी वाया साहन और जांदर सड़क की डी पी आर जल्दी बनाई जाए ताकि इस गांव के लिए स्थाई रूप में पक्की सड़क बन सके।उन्होंने हरिजन बस्ती बालही के लिए भी धनराशी स्वीकृत करने की मांग की है।

वाइट भुपेंद्र सिंह



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