धर्मपुर में बढ़ते चिट्टे के प्रचलन और धीरज हत्याकांड पर मंत्री और भाजपा ख़ामोश कियूं? मंत्री और ज़िला पार्षद का मृतक धीरज के घर न जाना और भाजपा के मौन धारण पर माकपा ने उठाये सवाल
धर्मपुर में बढ़ते चिट्टे के प्रचलन और धीरज हत्याकांड पर मंत्री और भाजपा ख़ामोश कियूं?
मंत्री और ज़िला पार्षद का मृतक धीरज के घर न जाना और भाजपा के मौन धारण पर
माकपा ने उठाये सवाल
BHK NEWS HIMACHAL
धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत सरौन के गांव थड्डू के युवक धीरज की लाश घर से लापता होने के अठारह दिन बाद बक्कर खड्ड में क्षत विक्षत हालात में दबा हुई मिली मिली थी।मीडिया में छप रही खबरों और तीन आरोपियों ने पुलिस को धीरज की मौत का कारण नशे की ओवरडोज़ बताया है हालांकि फॉरेन्सिक लैब की जांच रिपोर्ट आना अभी बाकी है जिससे मौत के असली कारणों का पता चलेगा की ये मौत नशे से हुई है या हत्या की गई है।लेक़िन मृत धीरज के शव मिलने के 15 दिनों बाद भी यहां के विधायक व मंत्री का इस घटना पर कोई ब्यान न आना और न ही युवक के घर में उसके माता पिता से सान्त्वना स्वरूप मिलना कई सवाल खड़े करता है।मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता व पूर्व ज़िला पार्षद भूपेंद्र सिंह ने आरोप लगाया है कि धर्मपुर के विभिन्न हिस्सों में चिट्टे का सेवन लगातार बढ़ रहा है जिससे यहाँ जनता में अपने बच्चों की जिंदगी की चिंता हर समय डराती रहती है।लेकिन यहां के विधायक व वर्तमान सरकार के वरिष्ठ मंत्री इसके बारे उदासीन बने हुए हैं और नशे के गर्त में डूबते धर्मपुर के बारे में खामोश हैं और तमाशबीन बने हुए हैं।वैसे तो मंत्री हर बार यहां पर विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठकें करते हैं लेकिन बढ़ते चिट्टे व नशीली दवाओं के नशे की सप्लाई बंद करने के लिए आजतक कोई समीक्षा बैठक नहीं की और न ही वे इस बारे अपने भाषणों में कोई उल्लेख करते हैं।यही नहीं उन्होंने और भाजपा ने आज तक कोई ब्यान तक भी नहीं दिया है।भूपेंद्र सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि गरयोह ज़िला परिषद वार्ड की सदस्य और जलशक्ति मंत्री की बेटी बन्दना गुलेरिया जिस दिन मृत धीरज की लाश बरामद करने बक्कर खड्ड गयी थी तो वह भी एक सरकारी गाड़ी वहाँ गयी थी।इलाके में ऐसी चर्चा है कि ज़िला पार्षद भी उसी गाड़ी में बक्कर खड्ड गयी थी जिसमें चिट्टे का सप्लायर और धीरज की लाश को ढिकाने लगाने वाला मुख्य आरोपी पारुल बैठा था। लेक़िन ज़िला परिषद सदस्य का आज तक मृतक धीरज के घर उनके मां बाप से तब से लेकर अब तक न मिलना भी कई सवाल खड़े कर रहा है।इस सारे प्रकरण में जिसप्रकार से मृतक धीरज की मोटरसाइकिल, फ़ोन की सिम और बैग अलग अलग जगहों पर मिले हैं उसमें किसी शातिर बदमाश का दिमाग लगा हुआ लगता है पुलिस तथा यहां के नुमाईंदों की भूमिका पर भी सवाल खड़े करता है।इस केस में सभी पहलुओं की भी गहन और निष्पक्ष तथा निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।उन्होंने ज़िला पार्षद पर यह भी मृतक के घर न जाने पर भी सवाल खड़े किए हैं।भूपेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि नशे की सप्लाई गांवों में पहुंचाने के लिए पुलिस प्रशासन और सताधारी नेताओं का सरंक्षण के बिना संभव नहीं है। इतने बड़े पैमाने पर बेरोकटोक चिट्टा सप्लाई बिना सरंक्षण के सम्भव नहीं है।उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों के आसपास ये आसानी से उपलब्ध हो रहा है और बहुत सी दुकानें जिनमें कॉलेज व स्कूल के विद्यार्थियों के उपयोग की सामग्री मिलती है वे भी नशीली दवाओं की सप्लाई करने की भूमिका निभा रहे हैं लेकिन प्रशासन ने इसबारे आजतक कोई कार्यवाई अमल में नहीं लायी है।दूसरी तरफ बहुत से युवा जिनको नॉकरी नहीं मिल रही है या कम पैसे वाली नॉकरियां दी गई है उनमें से भी कुछ इस धंधे में शामिल हैं।उन्होंने मंत्री पर आरोप लगाया की उन्होंने जहां जहां खेल मैदान थे वहां पर भवन निर्माण करवा दिया जिससे खेलने के लिए अब स्थान उपलब्ध नहीं है।इसके अलावा जहां जहां शिक्षण व प्रशिक्षण संस्थान हैं वहां पर नशे के सप्लायरों का जमाबड़ा रहता है लेकिन पुलिस उन पर कोई कार्यवाई नहीं करती है।इसलिए इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए जहां सरकार व प्रशासन के स्तर पर योजना बनाकर सख्ती से कदम उठाने की जरूरत है वहीं सामाजिक तौर पर जागरूकता पैदा करने की जरूरत है साथ ही अविभावकों को भी अपने बच्चों पर नज़र रखने की ज़रूरत है।जिसके लिए जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए और सरकार की जबाबदेही तथा ग्राम पंचायतों की भूमिका तय करनी चाहिए।भूपेंद्र सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी व कार्यकर्ता ऐसे किसी भी प्रयास के लिए अपना पूरा सहयोग देने के लिए तैयार है।
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