रूटों पर बसें नहीं तो आर एम ने फ़ोन किया बन्द!सवारियां हो रही हैं परेशान!
धर्मपुर और सरकाघाट डिपो की बदहाली के लिए मंत्री जिम्मेवार-सभा
हिमाचल किसान सभा ने निर्धारित बसों के रूटों पर बसें न भेजने के कारण सवारियों को पेश आ रही समस्या का समाधान करने की मांग की है।सभा की पँचायत कमेटी डरवाड़-घरवासड़ा के प्रधान मेहर सिंह पठानिया और रूपलाल विष्ट,रूप चन्द गुलेरिया, जीत सिंह, सूरत सिंह, पृथी सिंह, शम्भू सकलानी, देवराज, कृष्ण देव, लेखराज, सागर चन्द, रणजीत सिंह, अच्छर सिंह, रणवीर शास्त्री, अशोक कुमार, सुरेंद्र पाल, बालकृष्ण रागड़ा,प्रेम सिंह, हँसराज, मोहन लाल आदि ने बताया कि सरकाघाट से गरली के लिए दिन में अढ़ाई बजे चलने वाली बस पिछले तीन दिनों से नहीं भेजी जा रही है।ये बस सेवा शाम के समय सरकाघाट के लिए आखिरी बस है और दिन में 3 बजे सजाओपीपलु स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे भी इसी बस में घर आते हैं लेकिन निगम ने बिना किसी कारण के इस बस को रूट पर भेजना बन्द कर दिया है।वहीं आज सुबह सवा दस बजे सरकाघाट से टिहरा वाया गरली बस डेढ़ घण्टा देरी से भेजी गई जिस कारण आने जाने वालों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।इस बारे पूर्व ज़िला पार्षद भूपेंद्र सिंह ने कहा कि उन्होंने गरली शिमला बस सेवा को नियमित रूप से चलाने के लिए क्षेत्रीय प्रबंधक से तीन दिन पहले बात की थी और उन्होंने बस नियमित तौर पर भेजने का आश्वाशन दिया था लेकिन यह बस रूट पर नहीं भेजी जा रही है।जबकि आज जब उनसे दोबारा फ़ोन पर संपर्क करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फ़ोन बन्द रखा हुआ है।भूपेंद्र सिंह ने बसों की कमी के लिए जलशक्ति मंत्री को जिम्मेवार ठहराया है कियूंकि धर्मपुर में चार साल पहले जो बस डिपो खोला गया है उसमें एक भी नई बस उपलब्ध नहीं करवाई गई है।उल्टा सरकाघाट डिपो की 70 बसें धर्मपुर डिपो को ट्रांसफर कर दी गई हैं जिससे न ही तो धर्मपुर में और न ही सरकाघाट डिपो के सभी रूटों पर बसें चल पा रही हैं।धर्मपुर और सरकाघाट डिपो की बहुत सी बसों को नये रूटों पर वाया वाया चलाया जा रहा है जिससे पुराने रूट भी प्रभावित हो रहे हैं।यही नहीं अगर कोई बस ख़राब हो जाये तो उसे ठीक करने के लिए भी समय नहीं है।भूपेंद्र सिंह ने कहा कि जलशक्ति मंत्री बसों की समस्या को हल करने बारे में आंख व कान बंद करके चुप्पी साध रखी है और हररोज़ सवारियां परेशान हो रही है।उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर जल्दी सभी निर्धारित रूटों पर बसें नहीं चलाई गई तो किसान सभा आर एम कार्यालय का घेराव करेगी।
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