प्रदेश की जयराम सरकार फोरलेन से प्रभावित लाखों किसानों की भूमि अधिग्रहण का चार गुणा मुआबजा देने में आनाकानी ब टालमटोल कर रही है: भूमि अधिग्रहण प्रभाबित मंच
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भूमि अधिग्रहण प्रभाबित मंच के अध्यक्ष श्री बेली राम कौंडल ब सयोंजक जोगिन्दर वालिया ने सयुंकत बक्तब्य में कहा हे कि पिछले 4.5 साल से फोरलेन संघर्ष समिति ब भूमि अधिग्रहण मंच अपनी आवाज़ उठाता रहा हे, और जयराम सरकार दर्जनों बार सब कमेटियो की बैठक के बाद हमेशा यही कहती आई हे कि बो फोरलेन से प्रभावितों किसानों के बारे में चिंतित एवं संम्बेन्दनशील है लेकिन चार गुणा मुआबजा के बारे आनाकानी ब टालमटोल की निति लगातार अपना रही हे और किसानो की मांग को हल नहीं करना चाहती जबकि 4 साल पहले, अक्टूबर 2018 में मंत्रिमंडल के सदस्य श्री गोविन्द ठाकुर कि अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई थी तब से कोई फैसला नहीं ले पाई हे और बड़ी हेरानी की बात हे की चार साल के उपरांत 1 अप्रैल 2022 को मंडी में अन्य नई कमेटी के अध्यक्ष श्री मोहिंदर ठाकुर, की अध्यक्षता में श्री राकेश पठानिया व गोविन्द ठाकुर ने प्रभाबित किसानो को आश्वासन दिया गया था की 15 दिनों के अंदर किसानो के हक में फैसला किया जायेगा I
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लेकिन बड़े दुःख की बात हे कि 17 जुलाई को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में 3 सदस्य मंत्रीमंडल कमेटी की बैठक शिमला में की गई जिसमे चार गुणा मुआवजा़ देने में सहमति नहीं बन पाई हे, कमेटी अब बहाना ढूंढ रही है कि चार गुणा मुआवजे की अदायगी के लिए केन्द्रीय मंत्री श्री गडकरी जी को पूछना होगा ब प्रभाबित परिवारों की दुवारा पहचान की जाएगी जो सरासर प्रभावित किसानों के साथ मजाक किया जा रहा हे । जबकि गडकरी जी पहले ही कुल्लू में आकर कह गए हें कि यदि सरकार हिमाचल प्रदेश चार गुणा मुआवजा लोगों को देना चाहती है तो केन्द्रीय सरकार को उस में कोई एतराज़ नहीं है दूसरी तरफ हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंदर मोदी जी मन कि बात में कह चुके हे कि प्रभावित किसानो को चार गुना मुआबजा दिया जायेगा जिसको पूरी तरह से हिमाचल सरकार नजरअंदाज कर रही हे और हिमाचल सरकार आगामी विधान सभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए टालमटोल की निति ब किसानों में भ्रमित व्यान जारी कर के लोगों को गुमराह कर रही है।
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मंच के सयोंजक, जोगिन्दर वालिया ने अपने मुख्य मन्त्री श्री जयराम ठाकुर जी से सवाल करते हुए पूछा हे कि हाल ही में मुफ्त बिजली -पानी व बस किराए देने की घोषणा की गई थी, तब क्या केन्द्रीय सरकार को पूछा गया था , इसका मतलब साफ़ हे कि भूमि-अधिग्रहण प्रभावितों के साथ सरेआम धोखा किया जा रहा है और आगामी चुनाबो तक टाल-मटोल की निति अपना रही हे सरकार आगामी विधान सभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए इस प्रकार के भ्रमित व्यान जारी कर के लोगों को गुमराह कर रही है। पिछली कांग्रेस सरकार ने 1 अप्रैल , 2015 को फैक्टर एक अर्थात दो गुणा मुआवजा़ अदायगी की अधिसूचना जारी की थी दूसरी तरफ भाजपा ने 2017 में चुनाबी बायदा (दृष्टी पत्र) किया था कि अगर हमारी सरकार बनेगी तो हम दो फैक्टर अर्थात चार गुणा मुआवजा प्रभाबित किसानों को देंगे। लेकिन दोनों दलों ने किसानों के साथ धोखा किया है, जिस का खामियाजा़ अगले चुनाव में भूगतना पड़ेगा।
प्रभाबित किसानों के 23 संघठनो की जल्दी बैठक की जाएगी और भूमि अधिग्रहण कानून 2013 (चार गुना मुआबजा, पुनर्वास व् पुनर्स्थापना) को हिमाचल में लागु करवाने हेतु आने बाले दिनों में सरकार के खिलाफ राज्यस्तरीय धरना/रैली का आयोजन किया जाएगा।
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