सोमवार, 5 दिसंबर 2022

*संविधान निर्माता डॉ भीमराव अम्बेडकर की पुण्यतिथि पर आम सभा का आयोजन* *पुण्यतिथि पर एबीवीपी एचपीयू इकाई ने बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर को किया याद* *हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक पिंक पैटल पर एबीवीपी ने बाबा साहेब को की श्रद्धांजलि अर्पित*



*संविधान निर्माता डॉ भीमराव अम्बेडकर की पुण्यतिथि पर आम सभा का आयोजन*


*पुण्यतिथि पर एबीवीपी एचपीयू इकाई ने बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर को किया याद*


*हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक पिंक पैटल पर एबीवीपी ने बाबा साहेब को की श्रद्धांजलि अर्पित*



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अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई द्वारा भारतीय संविधान के निर्माता बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की  पुण्यतिथि पर विवि के ऐतिहासिक पिंक पैटल पर श्रदांजलि सभा का आयोजन किया गया जिसमें विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने बाबा साहब के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए उनके विचारों को दोहराया. 








विवि के ऐतिहासिक पिंक पैटल पर मौजूद छात्र छात्राओं को सम्बोधित करते हुए इकाई सह मंत्री सुनील ने कहा कि आधुनिक भारत के राष्ट्र निर्माताओं की अग्रणी पंक्ति में रहे डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचार छात्रों को सामाजिक न्याय , बंधुत्व और समानता की दिशा में कार्य करने हेतु प्रेरित करते हैं. उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने संविधान के रूप में देश को एक पवित्र ग्रंथ भेंट किया, जो सर्वोच्च मार्गदर्शक है। भारतीय संविधान के निर्माता डा भीमराव अंबेडकर ने आजादी के बाद देश को एकसूत्र में पिरोकर एक नयी ताकत के रूप में उभरने का मार्ग प्रशस्त करने के लिये ऐसे संविधान का निर्माण किया जो विश्व के लिये मिसाल बन गया | आज हम संविधान पढ़ने, समझने और आत्मसात करने का संकल्प दोहराएं यही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद बाबा साहब के विचारों से प्रेरित होकर सामाजिक समरसता स्थापित करने हेतु सदैव प्रयासरत है. हमारे विभिन्न प्रकल्पों तथा कार्यक्रमों ने सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने में उल्लेखनीय प्रयास किए हैं. उन्होंने कहा कि बाबा साहब का मुल मंत्र था शिक्षित बनो संगठित रहो और संघर्ष करो तभी हम एक अच्छे समाज का निर्माण कर सकते है। समता मुलक समाज की स्थापना किये बिना राष्ट्र के विकास की कल्पना के बारे में सोच ही नहीं सकते है। हमें बाबा साहब के मार्ग दर्शन पर चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि बाबा साहब का पूरा जीवन देश सेवा को समर्पित था। उन्होंने अपना पूरा जीवन दलित वर्ग को समाज में समानता दिलाने के लिए संघर्ष में लगा दिया। उनके विचारों ने लाखों लोगों को प्रेरित किया। उनका स्पष्ट कहना था कि यह स्वतंत्रता हमें अपनी सामाजिक व्यवस्था को सुधारने के लिए मिली है। उन्होंने कहा कि बाबा साहब को जानने की जरूरत नहीं पढ़ने की जरूरत है। बाबा साहब सिर्फ एक नाम ही नहीं एक विचार है जिन्होंने समाज को हमेशा राह दिखाया है। 






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