शिमला में आपदा प्रतिरोधी आधारभूत संरचनाओं पर भारतीय मानकों में विकास" पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी
BHK NEWS HIMACHAL
भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस), इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) हिमाचल प्रदेश राज्य केंद्र (आईईआई- - एचपीएससी) और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सहयोग से05 और 06 दिसंबर 2022 को शिमला में आपदा प्रतिरोधी आधारभूत संरचनाओं पर भारतीय मानकों में विकास" पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी (नेशनल सेमिनार का आयोजन कर रहा है।
श्री विश्वमोहन जोशी, अध्यक्ष, इंस्टीट्यूशन ऑफइंजीनियर्स, इंडिया, हिमाचलप्रदेश केंद्र शिमला ने विभिन्न संगठनों के अतिथियों और प्रतिभागी पेशेवरों का स्वागत किया। एचपीपीडब्ल्यूडी केइंजीनियर-इन-चीफ अजय गुप्ता जीनेमुख्य अतिथि के रूप कार्यक्रमकी अध्यक्षताकी श्री पंकज डडवाल, एमडी एच पी एस ई बी एल आईआईटीमद्रास केप्रोफेसर सीवी आरमूर्ति सलाहकार राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, डॉ. प्रदीप कुमार रमनचारला, निदेशक- सीएसआईआर, केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) रुड़की, श्री अरुण कुमार, निदेशक औरप्रमुख सिविल इंजीनियरिंग (बीआईएस) समारोह में विशिष्ट अतिथि और स्पीकर के रूप में उपस्थित थे। श्री संजयपंत, उपमहानिदेशक (बीआईएस) ने प्रतिभागियों को भारतीय मानक ब्यूरो नई दिल्ली से वर्चुअल मोड केमाध्यम से संबोधित किया। हिमाचल प्रदेश राज्य केंद्र के मानद सचिव श्री जसवंत सिंह ने कार्यवाही का संचालन किया।
संगोष्ठीका उद्देश्यराज्य प्राधिकरणों, सभी स्थानीय निकायों, बिल्डरों और भवन पेशेवरों को आपदा प्रतिरोधक्षमता और शमन से संबंधित नए प्रकाशित और संशोधितभारतीय मानकोंके कार्यान्वयन के लिए संवेदनशील बनाना है जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि देश में बड़ी संख्या में इमारतें और संरचनाएं कार्यात्मक रूप से कुशल और आपदा प्रतिरोधी हैं।
बीआईएस ने इमारतों की सुरक्षा के लिए और इमारतों को भूकंप, चक्रवात, भूस्खलन आदि जैसी प्राकृतिक आपदाओं और आग दुर्घटनाओं जैसी मानव निर्मित आपदाओं के प्रभाव के खिलाफ प्रतिरोधी बनाने के लिए कई भारतीय मानक तैयार किए हैं। इन मानकों को अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और पद्धतियों के अनुसार संशोधित और अद्यतन किया जाता है ताकि एक सुरक्षित और टिकाऊ बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जा सकेतथा जीवन और संपत्ति के नुकसान को कम किया जा सके। इन मानकों में दिए गए तकनीकी प्रावधानों और दिशा-निर्देशों को स्थानीय निकायों द्वारा अपने भवन उप-नियमों को उपयुक्त रूप से संशोधित करने और सुधारने के लिए आसानी से अपनाया जा सकता है। यह न केवल आपदा संभावित क्षेत्रों में इमारतों की संरचनात्मक सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि पर्यावरणीय स्थिरता के सिद्धांतों को संबोधित करने में भी मदद करेगा।
इससंगोष्ठी में देश भर के विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा तकनीकी प्रस्तुतिदी जाएगी। संगोष्ठी में स्थानीय भवन नियामक प्राधिकरणों से आग्रह किया जाएगा की वे अपने भवन उप नियमों को संशोधित करके प्रासंगिक भारतीय मानकों के प्रावधानों को लागू करें, तथाबिल्डरों और डेवलपर्स कोप्रोत्साहित किया जाएगा की वे आम खरीदारों के हित को सर्वोच्च रखते हुए अपने निर्माण कार्यक्रमों में भारतीय मानकों के प्रावधानों का पालनकरें।
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