हिमाचल की राजधानी शिमला के चिखर स्कूल में मिड–डे–मील बनाने वाली महिला कर्मचारी के साथ जाति आधारित भेदभाव होना बेहद शर्मनाक:– अभाविप*
*हिमाचल की राजधानी शिमला के चिखर स्कूल में मिड–डे–मील बनाने वाली महिला कर्मचारी के साथ जाति आधारित भेदभाव होना बेहद शर्मनाक:– अभाविप*
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दिनांक–27/04/2023
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् आपने स्थापना काल से ही समाज हित और राष्ट्रीय हित में काम करती आई है। समय समय पर विद्यार्थी परिषद ने समाज में फैल रही कुरीतियों के विरोध में अपनी आवाज़ बुलंद की है और महिला अधिकारों के लिए हमेशा आवाज़ उठाई है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद समरस समाज का निर्माण करने के लिए प्रयासरत है। हिमाचल प्रदेश जो देश भर में साक्षरता दर में दूसरे स्थान पर होने का दावा करता है वहीं इसकी राजधानी शिमला के एक सरकारी स्कूल में मिड डे मिल बनाने वाली महिला कर्मचारी के साथ जाति के आधार पर भेदभाव जैसा मामला समाज के सामने आता है । ऐसी रूढ़िवादी धारणाएं प्रदेश को खोखला करने का काम कर रही है।
हिमाचल की राजधानी शिमला के चिखर स्कूल मे एक अनुसूचित जाति से संबध रखने वाली महिला को बतौर मिड डे मील कर्मी नियुक्त किया गया। स्कूल में इस बात पर विवाद उत्पन्न होना अति शर्मनाक विषय है। स्कूल के 40 विद्यार्थियों में से 20 विद्यार्थी ही महिला द्वारा बनाया गया भोजन लेते हैं बाकी 20 विद्यार्थी स्कूल में दोपहर भोजन नहीं करते । स्कूल में अप्पर प्रायमरी में 2 मिड डे मील कर्मी है। जब दूसरे कर्मी द्वारा भोजन तैयार किया जाता है तो सभी विद्यार्थी स्कूल मे ही भोजन करते हैं।
प्रदेश सह–मंत्री नैंसी अटल का कहना है की यहां तक कि स्कूल में दोपहर के भोजन के लिए भी विद्यार्थियों को जाति आधार पर अलग बिठाया जाता है जो कि बिलकुल भी स्वीकार्य नहीं है। स्थानीय लोगों की माने तो प्राइमरी स्कूल में भी यहां यही व्यवस्था है। विद्यार्थी परिषद् का ये मानना है की इस मामले से स्कूल में पढ़ रहे विद्यार्थियों में गलत संदेश जा रहा है, उनकी मानसिकता पर भी गलत प्रभाव पड़ रहा है। विद्यार्थियों को विद्यालय में एकता का पाठ पढ़ाया जाना चाहिए न कि जातिवाद का ।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद प्रशासन से इस मामले पर जल्द से जल्द कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग करती है।
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