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मंगलवार, 25 जुलाई 2023

सनातन हिंदू एकता मंच हिंदूओं के आराध्य देवी-देवताओं के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी।

 सनातन हिंदू एकता मंच हिंदूओं के आराध्य देवी-देवताओं के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी।




BHK NEWS HIMACHAL मैहतपुर।


व्यापार मंडल नगर परिषद मैहतपुर- बसदेहड़ा (रिजस्टर्ड) के अध्यक्ष, सनातन हिंदू एकता मंच के सदस्य एवं मुख्य शिकायतकर्ता सुभाष ऐरी ने कहा कि हिंदूओं के आराध्य देवी-देवताओं के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी। हिंदूओं की भावनाओं से खिलबाड़ करने वाले एक विशेष समुदाय के डॉक्टर नदीम अख्तर की याचिका को प्रदेश हाईकोर्ट ने रद कर दिया गया है। उक्त डॉ. ने देवभूमि हिमाचल की शांति को भंग करने का प्रयास किया। हिंदूओं की भावनाओं के साथ सोशल मीडिया में अभद्र भाषा का प्रयोग किया। जिस पर जिला ऊना समेत पूरे प्रदेश की हिंदू संगठनों ने इसका कड़ा संज्ञान लेते हुए इसके खिलाफ कानूनी कार्यवाई की। आरोपी डॉक्टर को सलाखों के पीछे पहुंचाने में सभी हिंदू संगठनों ने मिलकर प्रयास किया है। ऐरी ने कहा कि इसमें मुख्यत: मैहतपुर-बसदेहड़ा व्यापार मंडल (रजि.), प्रदेश व्यापार मंडल, संयुक्त व्यापार मंडल, हिंदू एकता मंच, व्यापार मंडल संतोषगढ़, गगरेट, हरोली, बंगाणा, दौलतपुर, अंब समेत सभी धार्मिक संगठनों ने अपनी अह्म भूमिका निभाई है। ऐरी ने कहा कि डॉ. नदीम अख्तर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो जाने से हमारा मकसद पूरा नहीं हो जाता है। हम इस लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाएंगे। इसके लिए सभी सनातनी धर्माबिलंबियों, धार्मिक संगठनों, युवा शक्ति तथा व्यापार मंडल के सभी पदाधिाकारियों को मिलकर साथ चलना होगा। सुभाष ऐरी ने कहा कि डॉ. नदीम अख्तर की अभी तक जमानत याचिका खारिज हुई है, इसको कोर्ट से सजा दिलवाकर हिंदूओं के देवी-देवताओं के खिलाफ मजाक उड़ाने वालों को करारा जबाव दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस लड़ाई में सभी हिंदूओं ने एकजुटता दिखाई है और आगे भी यह एकजुटता ऐसे ही कायम रहेगी। हिंदू देवी-देवताओं को बदनाम करने का किसी को अधिकार नहीं है। सभी धर्मों का सम्मान तभी होगा, यदि दूसरे लोग आपके धर्म का सम्मान करें। डॉ. नदीम अख्तर केस के मुख्य शिकायतकर्ता सुभाष ऐरी ने कहा कि इस मामले में डॉ. नदीम अख्तर को कोर्ट से सजा दिलवाकर हम सनातनी एक नजीर पेश करना चाहते हैं ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति ऐसे किसी धर्म का मजाक न बना सके।



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