मज़दूरों के बच्चों की छात्रवृति रोकी सुखू सरकार ने-भूपेंद्र
विवाह,चिक्तिसा, प्रसूति, अपंगता और मृत्यु सहायता भी रोकी
सरकाघाट:मनरेगा और निर्माण मज़दूर यूनियन की बैठक सीटू ऑफ़िस सरकाघाट में आयोजित की गई।जिसमें सुखू सरकार द्धारा हज़ारों मज़दूरों के बच्चों की छात्रवृति, विवाह शादी, चिकित्सा,प्रसूति,अपंगता, पेन्शन इत्यादि सहायता रोकने के लिए कड़ी आलोचना की गई और सुखू। सरकार को मज़दूर विरोधी क़रार दिया गया।कियूंकि उन्होंने केवल अपने कार्यकाल की ही नहीं बल्कि पिछले तीन साल की सहायता भी रोक दी है जिसका खामियाजा उन्हें आने वाले लोकसभा चुनाव में भुगतना पड़ेगा।ये बात यूनियन के राज्य महासचिव व कल्याण बोर्ड सदस्य भूपेंद्र सिंह ने बैठक में कही।उन्होंने कहा कि सरकार के इस मज़दूर विरोधी फ़ैसले के ख़िलाफ़ यूनियन 23 अगस्त तक पंचायतों में बैठकें आयोजित करेंगी और सरकाघाट बोर्ड कार्यालय पर 24 अगस्त को विरोध रैली करेगी।सुखू सरकार ने राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड से जारी होने वाले सभी लाभ और बोर्ड में मज़दूरों का पंजीकरण और नवीनीकरण कार्य भी रोक दिया है हालांकि यूनियन इस बार अभी तक दर्ज़नो माँगपत्र सौंप चुकी है लेकिन सुक्खू सत्ता के नशे में उन मजदूरों भूल गए हैं जिन्होंने उन्हें सत्ता में पहुंचाया है।भपेंद्र सिंह ने बताया कि प्रदेश में बनी कांग्रेस पार्टी की सरकार ने अपने कार्यकाल के पहले ही दिन अर्थात 12 दिसंबर को ये मज़दूर विरोधी फ़ैसला लिया है जिससे हिमाचल प्रदेश के साढ़े चार लाख और मंडी ज़िला के 84 हज़ार और गोपालपुर खण्ड के 10 हज़ार मज़दूरों की वित्तिय सहायता भी रुक गई है।हालांकि यूनियन इसके लिए 5 जून को शिमला में भी विरोध रैली आयोजित कर चुकी है लेकिन उसके बावजूद अभी तक भी काम बहाल नहीं हुआ है इसलिए अब यूनियन बिना किसी काम के चल रहे इन बोर्ड कार्यालयों पर प्रदर्शन करने की योजना बनाई है।इसके बाद भी गैर कानूनी तौर पर रोके गये लाभ शुरू नहीं किये गए तो कांग्रेस पार्टी को अगले लोकसभा चुनावों में हराने के लिए यूनियन अभियान शुरू करेगी और उनका जिलों व क्षत्रों में आने पर विरोध करने का अभियान सितंबर माह से शुरू किया जायेगा।बैठक में दिनेश काकू, रमेश कुमार, अनुजा,कमलेश कुमारी, अंजू, हरदेई, शीला, निलमा, प्रोमिला, सीमा देवी सत्या देवी इत्यादि ने भाग लिया।
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