मंगलवार, 8 अगस्त 2023

आज एस एफ आई हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने पिंक पेटल पर विभिन्न छात्र मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया।

 आज एस एफ आई हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने पिंक पेटल पर विभिन्न छात्र मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया।



एसएफआई ने मुख्य तौर पर नए सत्र को जल्द शुरू करने, छात्रों के परीक्षा परिणाम को समय पर निकालने, विश्वविद्यालय में आउटसोर्स के जरिए की जा रही भर्तियों को रोकने तथा छात्रों को स्थाई रोजगार देने व जल्द से जल्द हॉस्टल अलॉटमेंट करने, नए हॉस्टल का निर्माण शुरू करने और पुराने हौसलों की मरम्मत करने आदि मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया।

प्रदर्शन में बात रखते हुए सचिवालय सदस्य छोटू  ने कहा कि 2020 में कोरोना के चलते हमारा सत्र लेट हुआ था परंतु आज तीन साल बाद भी प्रशासन की नाकामियों के चलते सत्र समय पर शुरू नहीं हो पा रहा है। इसकी सबसे बड़ी वजह छात्रों के परीक्षा परिणाम क समय पर नहीं आना है जिसके लिए जिम्मेदार विश्वविद्यालय का घटिया इआरपी सिस्टम है। एसएफआई पिछले लंबे समय से इस घटिया इआरपी  सिस्टम को विश्वविद्यालय से निकाल फेंकने की मांग कर रही है।

हरीश (छोटू) ने कहा कि प्रशासन जल्द से जल्द इस सत्र को शुरू करें तथा छात्रों के लिए हॉस्टल एलॉटमेंट भी शुरू करें ताकि जो छात्र दूर दराज के क्षेत्रों से आना चाहते हैं वह भी समय पर विश्वविद्यालय आ पाएं।

इसके अलावा जो नए हॉस्टलों का निर्माण होना है उनका निर्माण कार्य भी जल्द से जल्द शुरू किया जाए तथा पुराने हॉस्टलों की मरम्मत भी करवाई जाए।

प्रदर्शन में बात रखते हुए एसएफआई विश्वविद्यालय इकाई अध्यक्ष हरीश ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में निरंतर आउटसोर्स के जरिए लोगों को भरा जा रहा है। और इन भर्तियों में भाई भतीजावाद भी देखने में आ रहा है। एस एफ आई का यह स्पष्ट मानना है न केवल विश्वविद्यालय बल्कि प्रदेश व देश के स्तर पर युवाओं को स्थाई रोजगार देना सरकार की जिम्मेदारी है परंतु हमारी सरकारें है तथा  विश्वविद्यालय प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहे है। एक तरफ तो प्रशासन छात्रों को स्थाई रोजगार देने में नाकाम है तथा दूसरी तरफ 2020 के बाद नॉन टीचिंग स्टाफ की भर्तियों के लिए तीन बार नोटिफिकेशन निकालने तथा छात्रों से फीस वसूल करने के बावजूद भी अभी तक उन भर्तियों को करवाने में नाकाम रहा है। 

हरीश ने कहा कि प्रदेश के अंदर नई सरकार आने से छात्रों के मन में एक आस जगी थी कि विश्वविद्यालय के अंदर छात्र हितों के कार्यों को तेजी मिलेगी और पिछली सरकार की धांधलीयों पर नकेल कसी जाएगी परंतु हाल यह है कि आज सरकार बनने के 8 महीने बाद भी विश्वविद्यालय के लिए वाइस चांसलर तक नहीं दिया गया। उल्टा नियमों को ताक पर रखते हुए प्रो वाइस चांसलर की नियुक्ति इस आधार पर की गई कि वह प्रदेश के मुख्यमंत्री के करीबी थे। आज प्रदेश भर के छात्र विश्वविद्यालय में इस आस में पढ़ाई कर रहा है कि कब नई भर्तियां करवाई जाएगी। परंतु हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा के चलते यह भर्तियां और अधिक देरी से होने के आसार है।

हरीश ने कहा कि हम सरकार को यह बता देना चाहते हैं कि आपदा का बहाना देकर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ ना किया जाए। साथ ही विश्वविद्यालय में स्थाई वीसी की नियुक्ति की जाए और इल्लीगल प्रोफेसर भर्तियों तथा पीएचडी भर्ती में हुई अनियमितताओं की जांच के लिए जल्द से जल्द कमेटी बिठाई जाए।

एसएफआई ने चेतावनी देते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन से कहा कि यदि छात्रों की इन समस्याओं को लेकर जल्द से जल्द सकारात्मक कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले नए सत्र में एसएफआई आम छात्रों को लामबंद करते हुए छात्र मांगों को मनवाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी फिर चाहे वह प्रशासन का घेराव करना हो अथवा एक उग्र आंदोलन करना हो।



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