आपदा में भी मज़दूरों के लाभ जारी न करना सुखू सरकार बनी मज़दूर विरोधी
यूनियन ने एक माह का दिया अल्टीमेटम सितंबर में तेज करेंगे सँघर्ष
यादविंद्र कुमार सरकाघाट:मनरेगा और निर्माण मज़दूर यूनियन के राज्यव्यापी आह्वान पर आज सरकाघाट एसडीएम के माध्यम से सरकार को माँगपत्र भेजा गया जिसका नेतृत्व खण्ड अध्यक्ष दिनेश काकू व सचिव दिनेश ठाकुर ने किया।हालांकि आज सरकाघाट में बोर्ड और सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन व रैली आयोजित किए जानी थी लेकिन पिछले कुछ दिनों से हो रही वारिस के कारण सड़कें व यातायात बन्द होने के कारण उसे रद्द कर दिया गया हैऔर यदि सरकार ने जल्दी मांगे नहीं मानी तो अगले महीने प्रदर्शन किया जायेगा।श्रम मंत्री और बोर्ड के अध्यक्ष कर्नल धनी राम शांडिल को भेजे गए माँगपत्र में राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड से मज़दूरों को मिलने वाली सहायता और उन्हें बोर्ड के साथ पंजीकृत करने के काम को वर्त्तमान सुखू सरकार ने अपने कार्यकाल के पहले ही दिन यानी 12 दिसम्बर 2022 से रोक दिया है जिसे अभी तक भी बहाल नहीं किया गया है।बोर्ड में पिछले तीन साल की 50 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता रोक दी है जिसमें मज़दूरों के बच्चों को मिलने वाली छात्रवृति, विवाह शादी, चिकित्सा, प्रसूति, अपंगता, मृत्यु व पेंशन इत्यादि के रूप में मिलने वाली सहायता राशी शामिल है।यही नहीं सरकार ने बोर्ड के साथ पंजीकरण कराने के लिए मज़दूरों को सेस-उपकर जमा कराने की शर्त लगा दी है और अब किसी भी मज़दूर का पंजीकरण नहीं हो रहा है।उधर यूनियन के राज्य महासचिव व बोर्ड सदस्य भपेंद्र सिंह ने इसे सुखू सरकार का मज़दूर विरोधी फैसला बताया है और जब एक तरफ़ में प्रदेश में आई आपदा के मज़दूरों को आर्थिक रूप में तंगी का सामना करना पड़ रहा है लेकिन उसी समय सरकार ने जो मज़दूरों को सहायता मिलती भी थी वह भी बन्द कर दी है बोर्ड की दो बैठकों में इन रुके लाभों को जारी करने का फ़ैसला होने के बाद भी अधिकारी इसे जारी नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार मनरेगा मज़दूरों के साथ भी सौतेला व्यवहार कर रही है और मुख्यमंत्री जो घोषणा करते हैं वो हक़ीक़त में लागू नहीं हो रही है। उन्होंने मार्च माह में पारित बजट में मनरेगा मज़दूरों को दिहाड़ी 212 से बढ़ाकर 240 की घोषणा की थी जो चार महीने बीत जाने के बाद भी लागू नहीं कि गयी है और अब दो दिन पहले हुई कैबिनेट बैठक में फ़िर से यही घोषणा की गई है।यहीं नहीं सरकार ने अभी तक मनरेगा के लिए इस साल अपना शेयर जारी नहीं किया है और मजदूरों को वर्तमान में 198 रु दिहाड़ी मिल रही है।मनरेगा में काम नहीं मिल रहा है।कहने के लिए सरकार ने जुलाई माह में हुई भारी बारिश के कारण घरों के आसपास डंगे लगाने के लिए भी मनरेगा योजना में कार्य करने के लिए घोषणा की थी लेकिन उस पर भी अमल नहीं हो रहा है।उसके बाद अगस्त माह में फिर से भारी बारिश हुई है और बहुत ज्यादा नुक़सान हुआ है लेकिन इसकी भरपाई व मदद जो कुछ मनरेगा योजना के तहत की जा सकती है वह भी नहीं हो रही है।इसलिए यूनियन ने आज भेजे ज्ञापन में सरकार को एक माह के भीतर बोर्ड के रुके लाभ जारी करने औऱ पंजीकरण प्रक्रिया बहाल करने और मनरेगा में काम तथा घोषित दिहाड़ी 240 रु अप्रैल माह से जारी करने की मांग की है अन्यथा यूनियन सितंबर माह में इसके लिए ज़िला व खण्ड स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेगी।
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