*पिछले चार वर्षों से अदालतों के चक्कर काटते-२ आख़िर माननीय सुप्रीम कोर्ट ने बी.एड को बाहर का रास्ता दिखाया*
पिछले चार वर्षों से अदालतों के चक्कर काटते-२ आख़िर माननीय सुप्रीम कोर्ट ने बी.एड को बाहर का रास्ता दिखाते हुए एन.सी.टी.ई. गैजेट 2018 की अधिसूचना को रद्द कर दिया है।2018 से चले इस विवाद में 2023 में अब विराम लग चुका है।
हिमाचल हाई कोर्ट ने भी बी.एड. उम्मीदवारों को गत वर्ष नवम्बर 2021 में जेबीटी के जगह पात्र माना था,जिसे तत्काल समय के जेबीटी संघ ने हाईकोर्ट में उस फ़ैसले पर रिव्यू डाल कर फ़ैसले पर स्टे ले लिया था। उसके बाद से यह केस फिर सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुँचा था। जिसे अब जेबीटी संघ पूरी तरह से जीत चुका है। प्रदेश अध्यक्ष मोहित ठाकुर ने कहा कि प्रशासनिक निर्देशों द्वारा एनसीटीई के इस काले क़ानून ने जेबीटी उम्मीदवारों के 4 वर्ष और हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लाखों खर्च करवा दिया। जिसका नतीजा बेरोज़गार प्रशिक्षुओं को भारी नुक़सान चुका कर भुगतना पड़ा। उन्होंने कहा कि प्रदेश का युवा भविष्य में प्रसाशन व सरकार से उम्मीद करता है की इस तरह के अधिसूचनाओं को लाने से पहले उन्हें सही तरह से जाँच परख कर भूमि पर उतारे,ताकि भविष्य में फिर इस तरह की परेशानियाँ युवाओं को ना झेलना पड़े।
अध्यक्ष मोहित ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश के तमाम 40,000 जेबीटी साथियों को जेबीटी की इस जीत पर शुभकामनाएँ देते हुए उनके द्वारा दिये गये सहयोग का आभार भी जताया।
जेबीटी अध्यक्ष मोहित ठाकुर ने भी इस केस में हिमाचल हाईकोर्ट में पैरवी करते हुए जेबीटी को न्याय दिलाने में जेबीटी उम्मीदवारों का सहयोग दिया।
साथ ही मोहित ठाकुर ने यूनियन के पूर्व अध्यक्ष अभिषेक ठाकुर महासचिव हर्षद ठाकुर,उपाध्यक्ष अंकुश ठाकुर , मीडिया प्रभारी अनिल ठाकुर ,ओंकार ठाकुर,कोषाध्यक्ष नमिता कसवाल सलाहकार राकेश शर्मा आदि का भी सहयोग करने पर धन्यवाद किया।
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