कांग्रेस और भाजपा नेता अपनी-अपनी पार्टियों के सतासीन होने पर कम समय में ज्यादा मलाई खाने और ज्यादा माल बटोरने के चक्कर में रहते : कुशाल भारद्वाज
कांग्रेस और भाजपा नेता अपनी-अपनी पार्टियों के सतासीन होने पर कम समय में ज्यादा मलाई खाने और ज्यादा माल बटोरने के चक्कर में रहते : कुशाल भारद्वाज
सीपीआई(एम) के राज्य सचिवालय सदस्य एवं मंडी जिला कमेटी के सचिव कुशाल भारद्वाज ने जोगिन्दर नगर में कांग्रेस व भाजपा की नूराकुश्ती को नौटंकी करार देते हुए कहा कि दोनों पार्टियों के नेता अपनी-अपनी पार्टियों के सतासीन होने पर कम समय में ज्यादा मलाई खाने और ज्यादा माल बटोरने के चक्कर में रहते हैं और अफसरों को अपने मनमाफिक काम करने के लिए बाध्य करते हैं और जो अफसर और कर्मचारी ऐसा नहीं करते हैं उनको हमेशा ही धमकाया जाता है या फिर ट्रान्सफर करवाने का खौफ पैदा किया जाता है।
कुशाल भारद्वाज ने कहा कि आज जोगिन्दर नगर में समस्याओं का अंबार लगा है। बसें यहाँ पर हैं नहीं जो हैं वे खटारा हैं, दो बसें रूट सहित जोगिन्दर नगर से छीन कर बैजनाथ डिपो को दे दी। 4 नई बसें भी इस डिपो की बैजनाथ डिपो को दे दी गई हैं। लेकिन नूराकुश्ती में लगे कांग्रेस भाजपा के नेताओं को जनता की इस समस्या से कोई सरोकार नहीं है। जोगिन्दर नगर में बस अड्डा नहीं है, वर्कशॉप नहीं है और बाईपास तक नहीं है। सिविल अस्पताल में कई सालों से अल्ट्रा साऊंड मशीन जंग खा रही है, लेकिन उसको चलाने के लिए कोई ऑपरेटर तक नहीं है। अस्पताल में एमडी, हड्डी रोग विशेषज्ञ व कई अन्य विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं हैं। लडभड़ोल का अस्पताल डॉक्टरों के बिना खाली है, चौंतड़ा अन्य पीएचसी में पर्याप्त डॉक्टर नहीं हैं। जोगिन्दर नगर में कोई बड़ा शिक्षण संस्थान नहीं है। सड़कों की हालत खराब है। पीने का पानी नहीं है। वॉटर लिफ्टिंग स्कीमों की मोटरें खराब पड़ी हैं। मकरीडी में तहसील का अपना भवन नहीं है। जोगिन्दर नगर व मकरीड़ी तहसील से कोटली तहसील के लिए आवाजाही का एक मात्र पुल दो महीने पहले बह गया है। हजारों लोग तंग हो रहे हैं, लेकिन भाजपा व कांग्रेस के नेताओं को जनता की चिंता नहीं है। उनको तो अपनी-अपनी पसंद के और डिनर टेबल सांझा करने वाले अफसर चाहिए। बरसात में आपदा के चलते लोगों का भारी नुकसान हुआ है। उसका मुआवजा दिलाने, पुनर्निर्माण व पुनर्वास कार्य शुरू करवाने के लिए किसी भी नेता को चिंता नहीं है।
पिछले कुछ वर्षों से जो भी अफसर किसी काम की गुणवता के लिए ज़ोर डालता है और अपने-अपने विभाग के कार्यों के लिए ईमानदार प्रयास करता है उन्हे राजनीतिक दवाब में जल्दी ही ट्रान्सफर कर दिया जाता है। भाजपा की जय राम सरकार जाने के बाद कांग्रेस की सुकखू सरकार आई है। जो पिछली सरकार में सताधारियों के खास थे, वे अब काँग्रेस सरकार के दौरान भी सताधारियों के खास बन गए हैं। गत चुनावों तक जो महानुभाव प्रकाश राणा की गाड़ियों में भोंपू लेकर घूमते थे, वे अब सता बदलेने पर दूसरी तरफ घूमना शुरू हो गए हैं। असली बात ये है कि बाहर से नूराकुश्ती होती है और अंदरखाते दोनों पक्षों में खूब तालमेल रहता है। समस्त जोगिन्दर नगर जानता है कि चुनाव के दौरान कौन कोंग्रेसी अपने चमचों को भाजपा को वोट देने के लिए बोलते हैं, और कौन भाजपाई अपने चमचों को काँग्रेस को वोट देने के लिए बोलते हैं। ये भी सब जानते हैं कि विधान सभा चुनावो के दौरान कौन-कौन नेता रात के अंधेरे में विरोधी पार्टियों के नेताओं से मिलते हैं। तो फिर यह फालतू की नाटक बाजी क्यों है? दोनों पार्टियों के नेता जनता के असली मुद्दों व समस्याओं से ध्यान भटकाना चाहते हैं।
कुशाल भारद्वाज ने कहा कि यदि जोगिन्दर नगर में आज अफसर व कर्मचारी नहीं हैं तो यह अफसरों की कमजोरी नहीं, बल्कि राजनेताओं की नालायकी है। क्योंकि जो अफसर उनकी बात नहीं मानता उसको ट्रान्सफर कर दिया जाता है। यदि कोई पद खाली हैं तो उनको भरने की जिम्मेवारी एसई व एक्सियन की नहीं बल्कि सरकार की है। जोगिन्दर नगर में काँग्रेस व भाजपा के लोग अपना रूतबा बनाने के लिए हमेशा यही प्रचारित करते हैं कि मुख्यमंत्री के वही सबसे खास हैं। अगर खास हैं तो जोगिन्दर नगर के साथ ही हर बार भेदभाव क्यों होता है? इसका कारण स्पष्ट है कि क्षेत्र का विकास करने एवं जनता को सहूलियतें प्रदान करने के बजाए सता का स्वाद लेते हुए कांग्रेस व भाजपा के नेता अपने व्यक्तिगत हित साधने का काम करते हैं।
उन्होंने कहा कि जोगिन्दर नगर के बहुचर्चित ज्योति हत्याकाण्ड पर भाजपा के नेता तो शुरू से ही खामोश थे, लेकिन जब से कांग्रेस सतासीन हुई है, तब से कांग्रेस नेताओं के मुंह पर भी टेप लग गई है। आज कांग्रेस सत्ता में है तो अब क्यों नहीं करवाते हैं सीबीआई जांच?
कुशाल भारद्वाज ने कहा कि किसी सरकारी कर्मचारी या अधिकारी के साथ हाथापाई, गाली गलौज, मारपीट का वे हमेशा ही विरोध करते हैं और यदि ऐसा काम सता में बैठी पार्टी के लोग करें तो फिर यह साफ तौर पर गुंडागर्दी ही होती है। यदि जोगिन्दर नगर में लोकनिर्माण विभाग के अधिकारी के साथ ऐसा हुआ है तो यह अत्यंत निंदनीय है और सरकार को इस पर कड़ा संज्ञान लेना चाहिए। वरना किसी अफसर व कर्मचारी को काम करना मुश्किल हो जाएगा।
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