शिक्षा बचाओ देश बचाओ अभियान चलाने के लिए मंडी में सम्मेलन आयोजित
नई शिक्षा नीति लागू होने से कमज़ोर होगी सार्वजनिक शिक्षा व्यवस्था
हिमाचल सरकार द्धारा 15 किलोमीटर के दायरे में एक ही क्लस्टर स्कूल खोलने का किया विरोध
मंडी के सौली खड्ड स्थित साक्षरता भवन में आज शिक्षा बचाओ देश बचाओ अभियान के तहत राज्य स्तरीय सम्मेलन आयोजित किया गया।जिसका आयोजन हिमाचल ज्ञान विज्ञान समिति ने किया और इसकी अध्यक्षता वीरेंद्र कपूर ने की। सम्मेलन में पूरे प्रदेश से ज्ञान विज्ञान समिति के अलावा अध्यापकों, छात्रों, महिलाओं व शिक्षा क्षेत्र से जुड़े अन्य कई संगठनों के पौने दो सौ सदस्यों ने भाग लिया।सम्मेलन का उदघाटन प्रख्यात शिक्षाविद व दिल्ली विश्वविद्यालय की पूर्व अध्यक्षा डॉ अनिता रामपॉल ने किया।इसके अलावा हरियाणा ज्ञान विज्ञान समिति और स्कूल अध्यापक संघ के पूर्व राष्ट्रीय सचिव बाजीर सिंह व भारत ज्ञान विज्ञान समिति के डॉ ओपी भुरेटा, जियानंद शर्मा और भीम सिंह ने सम्मेलन में अलग अलग विषयों पर प्रस्ताव पेश किये।डॉ अनिता रामपाल ने कहा कि शिक्षा का अधिकार एक सवैधानिक अधिकार है।लेक़िन नई शिक्षा नीति इस अधिकार से विद्यार्थियों को वंचित करेगी। पुरानी नीति में सबको एक समान शिक्षा का मौका दिया गया था।उ उन्होंने कहा कि ये नीति बिना संसद में चर्चा के और कोविड काल में चोर दरवाज़े से लागू की गई है।इस नीति का अभी तक केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक राज्य सरकारों ने इस नीति को लागू न करने का फ़ैसला लिया है और उनकी ये उम्मीद है कि हिमाचल प्रदेश की सरकार को भी इसके बारे में स्टैंड लेना चाहिए।सम्मेलन को संबोधित करते हुए बाज़ीर सिंह ने कहा कि नई शिक्षा नीति के कारण स्कूली शिक्षा और औऱ शिक्षक बुरी तरह प्रभावित होने वाले हैं इसलिए इसके ख़िलाफ़ एक व्यापक आंदोलन करने की ज़रूरत है।उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के पाठ्यक्रमों में इतिहास और विज्ञान को विकृत किया जा रहा है।शिक्षा नीति में निजीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा इसे बाज़ार में बिकने वाली बस्तु बनाने का प्लान बनाया गया है।हरियाणा ज्ञान विज्ञान समिति के बाज़ीर सिंह ने कहा कि देश में डंडे के जोर पर राज नहीं किया जा सकता है इसलिए जनता को मानसिक रूप में गुलाम बनाना जरूरी है।वही काम केंद्र की भाजपा सरकार इस नई नीति में करने जा रही है और सभी प्रकार की विषयवस्तु अपनी सोच के अनुसार शिक्षा नीति में शामिल की गई है।इस नीति में छठी कक्षा में ही कौशल विकास का पाठ्यक्रम जोड़ने से शिक्षा का स्तर और गिरेगा।इसलिये इसके ख़िलाफ़ और शिक्षा बचाओ देश बचाओ अभियान चलाने की ज़रूरत है।जिसकी कार्ययोजना का प्रस्ताव भीम ने पेश किया।उन्होंने दो दिन पहले हिमाचल सरकार ने 15 किलोमीटर के दायरे एक ही स्कूल रखने के फ़ैसले का भी विरोध किया गया जिसके बारे जल्दी ही सरकार को ज्ञापन सौंपा जाएगा और ज़रूरत पड़ी तो आंदोलन भी किया जायेगा।इसके अलावा राज्य सरकार को नई शिक्षा नीति बारे नवंबर माह में माँगपत्र देने का निर्णय लिया गया।इसके बाद 31 दिसंबर तक सभी जिलों में नई शिक्षा नीति के विरोध में तथा सार्वजिनक शिक्षा क्षेत्र को सुदृढ़ करने के लिए सभी जिलों में सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय लिया गया।उसके बाद निचले स्तर पर कुछ चयनित क्षेत्रों में शिक्षा सबंधी सर्वेक्षण किया जायेगा जिसे संकलित करके मार्च महीने में राज्य स्तर पर एक बड़ा व व्यापक संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा और उसके निष्कर्ष के आधार पर केन्द्र व राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजे जायेंगे।
गठित हुई 45 सदस्यीय अभियान समिति
इस अभियान को संचालित करने के लिए 45 सदस्यीय अभियान समिति और 13 सदस्यीय वर्किंग समूह का भी चयन किया गया जिसका सयोंजक हिमाचल विश्विद्यालय के प्रो बलदेव सिंह नेगी और सह सयोंजक डॉ बनिता सकलानी और भीम सिंह को सह सयोंजक तथा आरके शर्मा, डॉ विजय विशाल, विना वैद्य और देवेंद्र शर्मा, नरेंद्र ठाकुर, भोला दत्त कश्यप,तिलक नायक, सुरेश सरवाल, अमित कुमार और लेख राज को वर्किंग ग्रुप का सदस्य चुना गया।अभियान समिति में ज्ञान विज्ञान समिति के देश राज,रामकृष्ण शर्मा, संजीव ठाकुर, गजेंद्र शर्मा, सुनीता बिष्ट, संजय चौधरी, संसार चन्द, सीता राम, विजय कुमार, जियानंद शर्मा, वीरेंद्र कपूर, केएस धीर,राजेश अरोड़ा साक्षरता समिति के राजेन्द्र मोहन, विजय विशाल, भूपेंद्र सिंह, जोगिंदर वालिया एसटीडी से डीपी गुप्ता हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के डॉक्टर बलदेव नेगी, विजय कौशल, राजेन्द्र चौहान, राजकुमार जिस्टू के अलावा सुरेश सरवाल, महेंद्र राणा, रमन थापटा,अमित कुमार,फालमा चौहान, वीना वैद्य, लेख राज, अजय वैद्य, देवेंद्र शर्मा, शब्बीर खान, विजेंद्र मेहरा,राजेश सैनी, भोला दत्त कश्यप,दिनेश नारंग, कृष्ण बुशहरी,अरुण धीमान, मनजीत सिंह,राजेश अरोड़ा, केएस धीर आदि को सदस्य चुना गया।
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