*विकासार्थ विद्यार्थी ने प्राकृतिक आपदा की गतिशीलता व उसके बचाव पर पीटर हाॅफ शिमला पर आयोजित की राष्ट्रीय संगोष्ठी ।*
*विकास का अपना मॉडल ही हिमाचल में आपदाओं को नियंत्रित कर सकता है*
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दिनांक - 09/10/2023
विकासार्थ विद्यार्थी ( एसएफडी) हिमाचल प्रदेश में बरसात के दौरान आई आपदा तथा पर्यावरण के नुकसान सहित पर्यावरण से जुड़े विषयों पर आज पीटर हाॅफ शिमला में आपदा की गतिशीलता पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में पर्यावरण विशेषज्ञ, प्राध्यापक, सामाजिक कार्यकर्ताओं सहित विद्यार्थियों ने भाग लिया।
विकासार्थ विद्यार्थी हिमाचल प्रदेश के प्रमुख प्रो. नितिन ब्यास व प्रदेश संयोजिका शिल्पा कुमारी ने बताया कि आपदा की गतिशीलता पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में (NIT) एनआईटी हमीरपुर के निदेशक प्रो हीरालाल मुरालीधर सूर्यवंशी, विशिष्ट अतिथि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री आशीष चौहान , कार्यक्रम अध्यक्ष प्रो. देवदत शर्मा, विकासार्थ विद्यार्थी के राष्ट्रीय संयोजक श्री राहुल गौड़ जी, विकासार्थ विद्यार्थी के प्रदेश प्रमुख प्रो. नितिन ब्यास, प्रदेश संयोजिका सुश्री शिल्पा कुमारी जी उपस्थित रहीं।
शिल्पा कुमारी ने बताया कि विकासार्थ विद्यार्थी, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् का एक प्रकल्प है जो पर्यावरण संबंधी विषयों पर कार्य करती है।
अभाविप के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री आशीष जी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में जब आपदा के समय सहायता की जरूरत थी तब भी SFD और सुनील उपाध्याय ट्रस्ट सामूहिक रूप से सेवा सहायता में जुटे हुए थे आज जब हालत थोड़े सामान्य हैं तो सामूहिक रूप से आपदा के समाधान और हिमाचल में विकास के संतुलित मॉडल के लिए विचार करते हुए जनभागीदारी के माध्यम से अभियान और कार्य योजना तय करने की आवश्यकता है जिसका सही समय पर विकासार्थ विद्यार्थी ने शुरुआत किया है हिमाचल प्रदेश के सभी संस्था,संगठन,समूह और जन सामान्य से इस अभियान में साथ आने की जरूरत है । उन्होंने कहा कि छोटे समय का लाभ दूरगामी गंभीर नुकसान देता है हम लोगों को आपदाओं के साथ जीवन का अनुशासन जो हमारे पूर्वजों ने दिया है उसको वापस से स्मरण करने की जरूरत है।
विकासार्थ विद्यार्थी के राष्ट्रीय संयोजक श्री राहुल गौड़ ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में विकास का अपना पारंपरिक तरीका रहा है देवभूमि की अपनी परंपराओं को स्मरण करते हुए उनके आधार पर प्रकृति के साथ प्रगति का विचार करना होगा। विकासार्थ विद्यार्थी विद्यार्थी समुदाय में इस विषय की संवेदना जगाने के साथ ही तकनीकी समझ विकसित करते हुए जन भागीदारी के अभियान चलाएगी। समाज के साथ बार बार संवाद स्थापित करना ही समाधान का मार्ग हो सकता है ।
एनआईटी हमीरपुर के निदेशक प्रो. हीरालाल मुरालीधर सूर्यवंशी ने कहा कि सहभागिता से ही समाधान संभव है, अधिक रिसर्च,आंकड़े इकठ्ठा करते हुए लोगों के बीच जाने की आवश्यकता है।
इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में दो तकनीकी सत्र रहें जिसमें 'हिमाचल प्रदेश में हालिया आपदा का मूल्यांकन तथा भविष्य की राहें' व 'ढांचागत विकास व प्रभाव मूल्यांकन' जैसे विषयों पर चर्चा की गई । इन दोनों चर्चा सत्रों में हिमाचल के प्रमुख शिक्षण संस्था - HPU,IIT Mandi,NIT हमीरपुर जैसे संस्थाओं से विद्यार्थियों ने सहभाग लिया। इन चर्चा सत्रों में वक्ता के रूप में IIT Roorkee से डॉ. अनिंद्या पाइन, डॉ.महेश शर्मा, डॉ.सीमा, चंद्रप्रकाश परसीरा जैसे प्रमुख वक्ता उपस्थित थे । संगोष्ठी में विषय से संबंधित प्रमुख लोग रहें। सेमिनार के बाद निकले सार को पॉलिसी के रूप में प्रदेश सरकार को सौंपा जाएगा।
इस एक दिवसीय सेमिनार में हिमाचल प्रदेश में काम कर रहे NGO, संगठन, संस्थाओं के प्रमुखों ने भी सक्रिय हिस्सेदारी की।
समापन सत्र में ABVP के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नागेश ठाकुर जी, प्रो, राजेश्वर चंदेल जी प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
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