*कविता- बालिका दिवस*
*बेटियां है परछाई*
*हर घर की परछायी है बेटियां*
*घर-आंगन की शान है बेटियां
*संसार के इस जहान को स्वर्ग बनाती है बेटियों*
*मेरी परछायी है मेरी बेटियां
*मेरे दिल की धड़कन है मेरी बेटियां*
मेरा ग़ुरूर है मेरी बेटियां
*मेरे चेहरे का नूर है मेरी बेटिया*
*मेरी ऑंखों का तारा है बेटियां,
*आंसुओं में गंगा की धारा है बेटियां*
*चाँद की चाँदनी है मेरी बेटियां*
*मेरी बगिया का फ़ूल है मेरी बेटियां,
*मेरे घर की रौनक है मेरी बेटियां*
*मेरे ऑगन की फुलवाड़ी है बेटियां,
*घर की बगिया है बेटियां*
*मेरे जीने की आस है मेरी बेटियां
*मेरा विश्वास मेरा सुकून है मेरी बेटियां*
*संगीत का मधुर गीत है मेरी बेटियां,
*इस संसार की आन-बान-शान शान हैं बेटियां*
*जीवन का आधार है बेटियां,
*बेटी है अनमोल इसका नहीं कोई तोल*
*बेटियों पर न करें अपमान और अत्याचार*
*यही है हमारे जीवन का आधार,
*अपने मन के जीवन में करें सुधार*
*अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई*
*लेख़क- बालक राम शर्मा* *जयहिंद*
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