बुधवार, 11 अक्तूबर 2023

*कविता- बालिका दिवस* *बेटियां है परछाई*

 *कविता- बालिका दिवस*

  *बेटियां है परछाई*




*हर घर की परछायी है बेटियां*

*घर-आंगन की शान है बेटियां 

*संसार के इस जहान को स्वर्ग बनाती है बेटियों* 

*मेरी परछायी है मेरी बेटियां

*मेरे दिल की धड़कन है मेरी बेटियां*

मेरा ग़ुरूर है मेरी बेटियां

*मेरे चेहरे का नूर है मेरी बेटिया*

*मेरी ऑंखों का तारा है बेटियां,

*आंसुओं में गंगा की धारा है बेटियां*

*चाँद की चाँदनी है मेरी बेटियां*

*मेरी बगिया का फ़ूल है मेरी बेटियां,

*मेरे घर की रौनक है मेरी बेटियां*

*मेरे ऑगन की फुलवाड़ी है बेटियां,

*घर की बगिया है बेटियां*

*मेरे जीने की आस है मेरी बेटियां

*मेरा विश्वास मेरा सुकून है मेरी बेटियां*

*संगीत का मधुर गीत है मेरी बेटियां,

*इस संसार की आन-बान-शान शान हैं बेटियां*

*जीवन का आधार है बेटियां,

*बेटी है अनमोल इसका नहीं कोई तोल*

*बेटियों पर न करें अपमान और अत्याचार*

*यही है हमारे जीवन का आधार,

*अपने मन के जीवन में करें सुधार*


*अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई*

       *लेख़क- बालक राम शर्मा* *जयहिंद*






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