*हिंसक घटनाओं से शैक्षणिक माहौल खराब करने वाले छात्रों पर कार्यवाही एकदम सही : NSUI* *विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा आरोपी छात्रों को निष्कासित किये जाने का एनएसयूआई ने किया समर्थन* *शिक्षण संस्थानों में हिंसा फैलाना ही एसएफआई की विचारधारा: छत्तर ठाकुर
*हिंसक घटनाओं से शैक्षणिक माहौल खराब करने वाले छात्रों पर कार्यवाही एकदम सही : NSUI*
*विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा आरोपी छात्रों को निष्कासित किये जाने का एनएसयूआई ने किया समर्थन*
*शिक्षण संस्थानों में हिंसा फैलाना ही एसएफआई की विचारधारा: छत्तर ठाकुर*
भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन प्रदेश विवि इकाई के अध्यक्ष योगेश यादव ने कहा कि छात्र संगठन एनएसयूआई हिंसा करने वाले छात्रों के निष्कासन करने वाले फैसले पर विश्वविद्यालय प्रशासन का समर्थन करते है। गौरतलब है कि एचपीयू परिसर में गत दिनों पूर्व एसएफआई के छात्रों द्वारा एनएसयूआई के एक छात्र पर हत्यारों से जानलेवा हमला किया गया जिसमे उक्त छात्र को सिर और टांग में गंभीर चोटें आई। पीड़ित छात्र का इलाज आईजीएमसी हॉस्पिटल में चल रहा है जिसमे अभी तक उसकी टांग का ऑपरेशन किया जा चुका है। इस कड़ी में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा विवि परिसर में हिंसा कर शैक्षणिक माहौल खराब करने पर छात्र संगठन एसएफआई के 12 छात्रों को विश्वविद्यालय सहित छात्रावासों से निष्कासित किया गया। एनएसयूआई प्रदेशाध्यक्ष छत्तर ठाकुर ने कहा कि वामपंथी छात्र संगठन का छात्र संगठन एसएफआई का हमेशा से ही छात्र राजनीति के नाम पर शिक्षण संस्थानों में हिंसा फैलाने का काम करते आए है। ऐसे में शिक्षण संस्थानों में हिंसा व दंगो को बढ़ावा देने वाले गुंडातत्व छात्रों को निष्कासित करने का फैसला एकदम सही है। ये कदम शिक्षण संस्थानों में अनुशासन व शैक्षणिक माहौल बनाए रखने के लिए बेहद जरूरी है। छात्र संगठन एनएसयूआई विश्वविद्यालय प्रशासन के द्वारा की गई इस कार्यवाही का स्वागत करती है। उन्होंने कहा कि यह पहला अवसर नहीं है जब वामपंथी विचार ने विश्वविद्यालय में शैक्षणिक वातावरण को ख़राब करने की कोशिश की है इस पहले भी एसएफआई के छात्रों द्वारा विश्वविद्यालय के छात्रावासों में रहने वाले आम छात्रों पर भी हमले किये जाते रहे है। साथ ही कुछ दिनों पूर्व होस्टल में रहने वाले कुछ जनजाति छात्रों के साथ भी एसएफआई द्वारा मारपीट की गई। यादव ने कहा कि एचपीयू में वामपंथ विचारधारा हमेशा से ही छात्र विरोधी और रक्तरंजित रही है जिसका जीता जागता उदाहरण पूर्व में एनएसयूआई के कार्यकर्ता नासिर ख़ान की हत्या है जो इसी वामपन्थ विचार के छात्र संगठन एसएफआई के द्वारा की गयी थी। एनएसयूआई माँग करती है कि इस खूनी छात्र संगठन को विश्वविद्यालय परिसर सहित सभी महाविद्याल परिसरों में बैन किया जाये ताकि शिक्षण संस्थानों का शैक्षणिक वातावरण क़ायम रह सके।
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