सुंदरनगर पुलिस की दरिंदगी का शिकार बना नाबालिग छात्र, पुलिस पूछताछ में सहयोग के दौरान फाड़ा कान का पर्दा। बना दिया उम्र भर के लिए बहरा,चार बहनों का इकलौता भाई है,आदित्य। आई टी आई करने के बाद संजो रखा था सेना में भर्ती होने का सपना। पिता की मृत्यु के बाद सारी घर की जिम्मेदारियों को उठाने की ठान रखी थी। परिवार के ऊपर दोनो आरोपी पुलिस सिपाही बना रहे है,अनावयश्क दवाब। मामला डीएसपी सुंदर नगर के संज्ञान में लेकिन जांच धीमी गति से बढ़ रही है आगे। मेडिकल रिपोर्ट में कान के परदे का ऑपरेशन करना जरूरी बताया चिकित्सकों ने। बच्चे की मां ने मुख्यमंत्री से लगाई न्याय की गुहार।। आदित्य के माथे में पुलिस वालों ने बिना सबूत का लगाया सामाजिक कलंक। आरोपियों के खिलाफ ग्रामीणों ने मानहानि का मुकदमा चलाने की,कि मांग। प्रारंभिक जांच में डीएसपी कार्यालय में दो दर्जन से अधिक ग्रामीणों के समक्ष सक्षम अधिकारी के सामने बच्चे को पूछताछ के वक्त बालों से घसीटने का गुनाह कबूल कर चुका है एक आरोपी।
सुंदरनगर पुलिस की दरिंदगी का शिकार बना नाबालिग छात्र, पुलिस पूछताछ में सहयोग के दौरान फाड़ा कान का पर्दा।
बना दिया उम्र भर के लिए बहरा,चार बहनों का इकलौता भाई है,आदित्य।
आई टी आई करने के बाद संजो रखा था सेना में भर्ती होने का सपना।
पिता की मृत्यु के बाद सारी घर की जिम्मेदारियों को उठाने की ठान रखी थी।
परिवार के ऊपर दोनो आरोपी पुलिस सिपाही बना रहे है,अनावयश्क दवाब।
मामला डीएसपी सुंदर नगर के संज्ञान में लेकिन जांच धीमी गति से बढ़ रही है आगे।
मेडिकल रिपोर्ट में कान के परदे का ऑपरेशन करना जरूरी बताया चिकित्सकों ने।
बच्चे की मां ने मुख्यमंत्री से लगाई न्याय की गुहार।।
आदित्य के माथे में पुलिस वालों ने बिना सबूत का लगाया सामाजिक कलंक। आरोपियों के खिलाफ ग्रामीणों ने मानहानि का मुकदमा चलाने की,कि मांग।
प्रारंभिक जांच में डीएसपी कार्यालय में दो दर्जन से अधिक ग्रामीणों के समक्ष सक्षम अधिकारी के सामने बच्चे को पूछताछ के वक्त बालों से घसीटने का गुनाह कबूल कर चुका है एक आरोपी।
सुंदरनगर उपमंडल के अंतर्गत आने वाली चौक पंचायत के नौलखा गांव के रहने वाले आई.टी.आई प्रशिक्षु नाबालिग छात्र आदित्य ठाकुर सपुत्र स्वर्गीय श्री खूब राम का सुंदरनगर देवता मेला में चोरी के आरोप में सुंदरनगर पुलिस स्टेशन के भीतर पूछताछ के दौरान आवश्यकता से अधिक बल प्रयोग कर पुलिस कार्मिकों ने उसका एक कान का पर्दा फाड़ कर उम्र भर के लिए दिव्यांग बना दिया। युवक के अभिभावकों द्वारा सुंदरनगर के नागरिक अस्पताल में सक्षम चिकित्सा अधिकारी के समक्ष शुक्रवार के दिन चिकित्सा जांच करवाई गई। इस जांच में पता चला है,कि उक्त छात्र का कान का पर्दा भंग हो चुका है। दरअसल आदित्य और उसका दोस्त अनुज पुत्र श्री बसंत राम गांव कांगू निवासी आई.टी.आई से छुट्टी होने के उपरांत मंगलवार को शाम के समय सुंदरनगर देवता मेला में एक साथ देवताओं के दर्शन एवं चढ़ावा चढ़ाने गए थे। उस वक्त एक महिला का पर्स चोरी हो गया था,व उसने नजदीकी पुलिस सहायता कक्ष में चोरी की शिकायत की थी। उस स्थिति में पुलिस द्वारा मेले में लगाए गए सी.सी.टी.वी वीडियो को खंगाला, तो पता चला की महिला के पीछे भीड़ में दोनों युवा देवताओं को चढ़ावा चढ़ाते हुए एवम् माथा टेकते हुए नजर आए। शक के आधार पर बाहर सड़क पर खड़े दूसरे युवक अनुज जो कांगु की तरफ जाने के लिए बस का इंतजार कर रहा था। उसे पकड़ लिया व उसे पूछताछ के लिए बिना उसके अभिभावकों को मौके ए वारदात में बुलाकर देर तक पुलिस सहायता कक्ष में मारपीट,चांटे मारकर प्रताड़ित किया। बालक डर कर सहम गया एवं पूछताछ में उक्त नाबालिग युवक ने अपने मित्र आदित्य के साथ होने के बारे में बताया। आदित्य को उसके ताया के लड़के ने पुलिस सहायता कक्ष में सुंदरनगर पुलिस का सहयोग करने जांच हेतु पेश किया। इस बीच आदित्य को पुलिस अंदर लेकर गई,और कान के ऊपर पूछताछ टीम ने जोर से मारा इसी क्रम में आदित्य का कान का पर्दा फट गया। आदित्य बार-बार पुलिस को बता रहा था,कि उन्होंने चोरी नहीं की है। पुलिस के एक कार्मिक के द्वारा आवश्यकता से अधिक बल प्रयोग करते हुए बच्चे के संवेदनशील अंग में प्रहार कर हमेशा के लिए बहरा बना दिया।जब बाहर इंतजार कर रहे आदित्य के ताया के लड़के ने कमरे से बाहर आदित्य को निकलते देखा तो उसके गाल,मुंह,और कान पर मारपीट के लाल निशान पड़े हुए थे।आदित्य द्वारा अपने माता को कान में दर्द और ठंडी हवा के प्रवेश के कारण झनझनाहट के साथ सुनने में असमर्थता जताई। चार बहनों के इकलौते भाई जिसके पिता इस दुनिया में नहीं है। एक लोकसेवक जिसे न्यायालय द्वारा नाबालिग के ऊपर किसी भी प्रकार का बल प्रयोग का आदेश तक नही दिया गया था। उसके अत्याचार का शिकार हुआ। बीमार मां ने अपने इकलौते सहारे के अंग भंग करने वाले दोषी पुलिस कार्मिकों के खिलाफ एफ.आई.आर दर्ज करने की मंडी पुलिस अधीक्षक से मांग की है। मां के अनुसार नाबालिग बच्चा कोई आतंकवादी नहीं है,जो पुलिस इस तरह का अत्याचार करे। दोषियों को पुलिस नही खोज पाती निर्दोष को पकड़ कर मारती है। इससे पहले भी इसी थाना के कार्मिकों द्वारा बस स्टैंड में दो निर्दोष युवाओं की पिटाई कर उन्हे गंभीर चोटे पहुंचाई गई थी। चोरी की वारदाते बाहरी प्रवासी अंजाम देते है,इसका उदाहरण एक दर्जन से अधिक चोर गिरोह जो दिल्ली,हरियाणा से संबंध रखते थे पहले भी इसी स्थान में पकड़े गए है। जो इलाके की गहनों की लाखों की विभिन्न चोरियों में सक्रिय थे। निर्दोष को मारना यह कहां का कानून है। सी.सी.टी.वी कैमरा में सारी घटना कैद है,जब दोनो बच्चे घटना वाले स्थान पर खड़े थे,व मेला ग्राउंड से बाहर आती दफा दोनो खाली हाथ बाहर निकले थे। न तो उनके पास चोरी किया हुआ सामान मौके से बरामद हुआ है न नहीं पर्स,तो फिर यह किस तरह की पुलिस विवेचना है। माता के अनुसार बच्चा अभी नाबालिग है,और किसी भी प्रकार का कोई भी नशा नहीं करता है। पुलिस शक के आधार पर बच्चों को चोरी के आरोप में लांछित कर जबरन धकेल रही है। मां के अनुसार नाबालिग बच्चे की चिकित्सा अधिकारी द्वारा जांच पड़ताल में पर्दा फटने की पुष्टि हुई है। इस संबंध में माता ने पुलिस कप्तान मंडी से न्याय की गुहार लगाते हुए दोषी कार्मिक के खिलाफ एफ.आई.आर दर्ज करने की मांग की है। उधर श्री राम हनुमान सेवा समिति महादेव चौक के युवा समाजसेवी एवं सचिव चमन ठाकुर ने कहा कि,अभिवावकों को थाना प्रभारी द्वारा अपने अधीन कार्य करने वाले दोषी कार्मिकों को बचाकर उनके खिलाफ एफ.आई.आर दर्ज न करने की बजाय गुमराह,टालमटोल कर अनावश्यक दबाब बनाकर अनुचित केस में घसीटने की धमकी दी गई है। यदि इसमें थाना प्रभारी इन दोषी कार्मिकों के बचाव की पैरोकारी कर रहे है,तो इन्हे शीघ्र अति शीघ्र तत्काल प्रभाव के साथ उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए निलंबित किया जाए। उन्होंने आगे कहा कि,यदि इस मामले में शामिल दोषी कर्मचारियों के खिलाफ दो दिन के भीतर एफ.आई.आर दर्ज करने की कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई,तो इसके बारे में शीघ्र ही अन्य सामाजिक संस्थाओं के साथ माननीय मुख्यमंत्री जी से समस्त कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों सहित मिलेंगे।
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