मजदूर यूनियनों की श्रम कल्याण अधिकारी मंडी को दो टूक,एक माह में पूरा करें लंबित काम- भूपेंद्र
सीटू, इंटक, एटक, बीएमएस और ग्रामीण कामगार संगठन के साथ हुई बैठक में डेढ़ साल से ठप पड़े काम को शुरू करने पर हुई चर्चा
राज्य श्रमिक कल्याण अधिकारी मंडी अनिल ठाकुर ने ज़िला की सभी मज़दूर यूनियनों के साथ गत दिवस24 अगस्त को बैठक की जिसमें श्रमिक कल्याण बोर्ड के सदस्य व सीटू के ज़िला अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह,राजेश शर्मा,इन्द्र सिंह और गोपेन्द्र इंटक के वाईपी कपूर, नरेश शर्मा, चेत राम और अंकुश मोहन बीएमएस के मंगत राम नेगी कामगार संगठन के संत राम,सोभा राम और देशमित्र एटक के ललित ठाकुर व अन्य डेढ़ दर्ज़न सदस्यों ने भाग लिया।बैठक में बोर्ड के सदस्य भूपेंद्र सिंह ने जानकारी दी कि पिछले डेढ़ साल से मज़दूरों के पंजीकरण, नवीनीकरण और उनकी वितीय सहायता जारी करने बारे जो रुकावटें थी वो अब ख़त्म हो गई हैं। 5 अगस्त को हुई बोर्ड की बैठक में ग्राम पंचायतों व नगर निकायों में काम करने वाले मनरेगा व अन्य निर्माण मज़दूरों को पूर्व की भांति पंजीकृत किया जाएगा। जिनका नवीनीकरण इस दौरान नहीं हो पाया था उन्हें इसके लिए एक साल अतिरिक्त समय दिया जाएगा बोर्ड ने नब्बे दिनों का संशोधित रोज़गार प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया है।जिसमें नीजि रिहायसी मकानों, रजिस्टर्ड ठेकेदारों और ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्य करने के लिए अलग अलग प्रमाण पत्र बनाये गए हैं।निजी रिहायशी मकानों के कार्य को पँचायत सचिवों द्धारा सत्यापित करने की शर्त हटा दी गई है और अब नियोक्ता ही रोजगार प्रमाण पत्र देगा और श्रम कल्याण अधिकारी ही उससका सत्यापन करेंगे।ग्राम पंचायतों में सभी प्रकार के निर्माण कार्य इसके लिए मान्य होंगे जिनमें निर्माण कार्य के लिए रेत बज़री ढुलाई करने वाले गाड़ियों के चालक और घोड़े खच्चर वाले भी सदस्य बन सकते हैं।इसी प्रकार मकानों के निर्माण में लगे मज़दूर, मिस्त्री, पलंबर, वेल्डर, रंग रोगन करने वाले भी बोर्ड के सदस्य बनेंगे।प्रवासी मजदूरों के पंजीकरण के लिए परिवार रजिस्टर लगाने की शर्त में छूट दी गई है ताकि ज्यादा से ज़्यादा ये मज़दूर बोर्ड से सहायता ले सकें।उन्होंने बताया कि बैठक में पिछले डेढ़ दो साल में बने और नवीनीकरण हुए कार्डों को श्रम कल्याण अधिकारी मंडी अगले 15 दिनों में सबंधित मजदूरों तक पहुंचना सुनिशित करेंगे क्योंकि ये कार्ड बिना किसी कारण के उनके कार्यालय में ही पड़ें हैं जो उनकी लापरवाही को दर्शाता है।उसके अलावा ये भी तय किया गया कि बहुत से वित्तिय सहायता के आवेदन फ़ार्म जो मज़दूरों ने वर्ष 2020-21 में जमा किये थे उनमें कुछ कमियां बताई जा रही हैं तो उन्हें सबंधित ट्रेड यूनियनों,ग्राम पंचायतों या मजदूरों को सीधे पत्र लिखकर कर अगले एक महीने में दुरुस्त करके बोर्ड राज्य कार्यालय को स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा।इसी प्रकार सभी स्तरों पर होने वाले बोर्ड के शिविरों में ट्रेड यूनियनों, ग्राम पंचायतों, लेबर व ग्रामीण विकास विभाग को भी शामिल किया जाएगा ताकि जो बोर्ड के काम की प्रोग्रेस घट कर दस प्रतिशत रह गई है उसको सुधारा जा सके।भूपेंद्र सिंह ने कहा कि उन्होंने सितंबर माह के पथम सप्ताह में बोर्ड के उपकार्यलयों व ज़िला कार्यालय के कर्मचारियों की बैठक बुलाई जाए ताकि उनको भी टारगेट तय करके काम सौंपा जा सके।उन्होंने बताया कि सिंतम्बर महीने में ही बोर्ड के चेयरमैन नरदेव सिंह कवंर का दौरा भी प्रस्तावित है इसलिए उससे पहले सारी व्यवस्था चुस्त दुरुस्त की जाएगी।लेक़िन बैठक में सभी ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधियों ने श्रम कल्याण अधिकारी मंडी की कर्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए और उन्हें मजदूरों के कल्याण व सहायता के कार्यों को निर्धारित समय सीमा में पूरा करने के लिए कहा अन्यथा सभी मज़दूर यूनियनों को उनके खिलाफ आंदोलन व कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाना पड़ सकता है।इसलिए उन्हें इसके लिए एक महीने का समय दिया गया और सारे लंबित काम पूरा करने के लिए कहा गया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें