भारत में एक राज्य ऐसा भी है, जहां लाखों-करोड़ों रुपए कमाने पर नहीं चुकाना पड़ता है टैक्स
हिमाचल प्रदेश (पी सी शर्मा)- भारत में सालाना आयकर भरना एक सामान्य प्रक्रिया है, खासकर उन लोगों के लिए जिनकी आमदनी आयकर के दायरे में आती है। इनकम टैक्स एक्ट 1961 के तहत अगर कोई व्यक्ति निर्धारित समय पर टैक्स नहीं भरता, तो आयकर विभाग से नोटिस भेजा जाता है। टैक्स से सरकार को देश की व्यवस्था को ठीक से चलाने में मदद मिलती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में एक राज्य ऐसा भी है, जहां लाखों-करोड़ों रुपए कमाने पर भी लोगों को टैक्स नहीं देना पड़ता?
सिक्किम: भारत का वो राज्य जहां टैक्स की छूट
भारत के उत्तर-पूर्वी इलाके का एक राज्य सिक्किम (Sikkim) ऐसा राज्य है, जहां के लोग आयकर से पूरी तरह छूट का फायदा उठाते हैं। यहां के लोग खूब कमाई करते हैं, लेकिन उन्हें एक रुपए का भी टैक्स नहीं देना पड़ता। इसका मतलब ये है कि उनकी पूरी कमाई उनके लिए है। इसी कारण से सिक्किम में लोग काफी खुशहाल हैं और यहां का जीवन सुखमय है।
सिक्किम में आय का मुख्य स्रोत
सिक्किम की कुल आबादी लगभग 6.32 लाख है। यहां के लोग मुख्य रूप से कृषि से जुड़े होते हैं। इसके अलावा, सिक्किम के कुछ लोग पर्यटन और हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट्स से भी अच्छी कमाई करते हैं। चूंकि उन्हें टैक्स का बोझ नहीं उठाना पड़ता, उनकी बचत अधिक होती है, और इस वजह से सिक्किम अन्य उत्तर-पूर्वी राज्यों की तुलना में आर्थिक रूप से ज्यादा मजबूत और विकसित है।
सिक्किम को टैक्स छूट क्यों मिली?
सिक्किम को टैक्स में छूट क्यों दी गई, इसका कारण राज्य के ऐतिहासिक समझौते में छुपा हुआ है। दरअसल, 1975 से पहले सिक्किम एक स्वतंत्र राज्य था। 1975 में यह भारत का हिस्सा बना और एक राज्य के रूप में अस्तित्व में आया। इसके लिए भारत और सिक्किम के बीच 1950 में एक समझौता हुआ था, जिसमें सिक्किम के राजा चोग्याल ताशी नामग्याल ने कुछ शर्तें रखी थीं। एक शर्त यह भी थी कि सिक्किम के निवासियों को आयकर में छूट दी जाए।
सिक्किम के नागरिकों को टैक्स में छूट
इस शर्त के आधार पर 1961 में भारत सरकार ने आयकर एक्ट की धारा 10(26AAA) के तहत सिक्किम के नागरिकों को टैक्स में छूट दी। इसके बाद से यहां के अधिकांश लोग, जिनके पास सिक्किम सब्जेक्ट सर्टिफिकेट था, इस छूट के दायरे में आ गए। यह छूट 1989 में और भी व्यापक रूप से लागू की गई, जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उन लोगों को भी छूट मिल गई, जिनके पास सिक्किम सब्जेक्ट सर्टिफिकेट नहीं था।
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