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सोमवार, 10 फ़रवरी 2025

**अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई द्वारा प्रदेश स्तरीय मांगों के आहवान को लेकर हस्ताक्षर अभियान चलाया गया।* **अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई के कार्यकर्ताओं द्वारा प्रदेश सरकार के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलाया गया*

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 **अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई द्वारा प्रदेश स्तरीय मांगों के आहवान को लेकर हस्ताक्षर अभियान चलाया गया।* 


 **अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई के कार्यकर्ताओं द्वारा प्रदेश सरकार के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलाया गया*











 अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने आज विश्वविद्यालय परिसर में विभिन्न मांगों को लेकर हस्ताक्षर अभियान चलाया। इस अभियान का उद्देश्य गेस्ट टीचर पॉलिसी को वापस लेने और छात्र संग चुनाव बहाल करने जैसी अनेक मांगों को उठाया। 


1. छात्र संघ चुनाव शीघ्र बहाल किए जाएं।

2. शैक्षणिक व गैर-शैक्षणिक भर्तियां शीघ्र की जाए।

3. NEP 2020 - को प्रभावित रूप से शिक्षा प्रणाली में लागू किया जाया।

4. अतिथि शिक्षक भर्ती के निर्णय को वापिस लें।

5. विधानसभा में विभिन्न पदों पर हुई भर्तियों पर लगे आरोपों की न्यायिक जांच की जाएं।

6. हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में स्थाई कुलपति की नियुक्ति की जाए।


इकाई अध्यक्ष हनी शर्मा ने बताया कि  पढ़ाई की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति अनिवार्य है। गेस्ट टीचर पॉलिसी से न केवल छात्रों की शिक्षा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, बल्कि इससे शिक्षकों के भविष्य पर भी अनिश्चितता बनी रहती है।

विश्वविद्यालय परिसर में हस्ताक्षर अभियान में लगभग 700 से 800 छात्रों ने भागीदारी को सुनिश्चित किया! विद्यार्थी परिषद ने यह अभियान हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के केंद्रीय पुस्तकालय मैं पढ़ने वाले छात्रों की सहभागिता करते हुए स्टूडेंट सेंटर पिंक पेटल पर चलाया!


छात्र संघ चुनाव हिमाचल प्रदेश के अंदर 2013 से , ऐसे लगभग 1 दशक से भी ज्यादा हो चुका है जब से हिमाचल प्रदेश का मूलभूत अधिकार छात्र संघ को अभी तक प्रदेश की सरकार द्वारा बहाल नहीं किया गया है जिससे कि छात्रों के अधिकारों का भी हनन होरा है , शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए छात्रों के मूलभूत अधिकार छात्र संघ चुनाव को बहाल करना अनिवार्य है।


पूरे देश भर में देखने को मिलता है कि जहां जहां भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू किया गया वहां वहां शिक्षा सुचारू रूप से चल रही है परंतु हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में इसे अभी तक लागू न करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है , अत: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को शीघ्र से शीघ्र लागू किया जाया ।


हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, प्रदेश का सबसे पुराना विश्वविद्यालय है पर फिर भी हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में स्थाई कुलपति का न होना , प्रदेश की सरकार का शिक्षा की तरफ लापरवाह रवैया को दिखाता है और शिक्षा के साथ खिलवाड़ करने का काम जो है प्रदेश की सरकार कर रही है अत: विद्यार्थी परिषद सरकार से स्थाई कुलपति की नियुक्ति के लिए मांग करती है ।


अभियान के दौरान छात्रों, शिक्षकों और अन्य हितधारकों ने बड़ी संख्या में हस्ताक्षर कर इस मुहिम को समर्थन दिया। एबीवीपी के इकाई अध्यक्ष [ हनी शर्मा] ने कहा कि यदि प्रशासन हमारी मांगों को गंभीरता से नहीं लेता है, तो संगठन आंदोलन को और तेज करेगा।


उन्होंने प्रशासन से मांग की कि गेस्ट टीचरों की नियुक्ति के स्थान पर स्थायी शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया को जल्द से जल्द शुरू किया जाए, ताकि छात्रों की पढ़ाई में किसी भी प्रकार की रुकावट न आए।



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