लेबर ऑफिस मंडी की कार्य प्रणाली पर सीटू ने उठाये सवाल सात महीने से नहीं हो रहा है मज़दूरों को लाभ जारी करने का काम-भूपेंद्र
लेबर ऑफिस मंडी की कार्य प्रणाली पर सीटू ने उठाये सवाल
सात महीने से नहीं हो रहा है मज़दूरों को लाभ जारी करने का काम-भूपेंद्र
मनरेगा एवं निर्माण मज़दूर फेडरेशन ज़िला कमेटी मंडी ने लेबर ऑफिसर मंडी पर मज़दूरों के लाभ रोकने का आरोप लगाया है।मज़दूर फेडरेशन के राज्य महासचिव व सीटू के ज़िला प्रधान भूपेंद्र सिंह महासचिव राजेश शर्मा, रविकांत, गुरदास वर्मा ने बताया कि आर टी आई से हासिल की गई जानकारी से पता चला है कि मंडी ज़िला में वर्तमान में मज़दूरों के 73355 क्लेम पेंडिंग पड़े हैं। जो हिमाचल प्रदेश सरकार व मुख्यमंत्री के गृह ज़िले में श्रम विभाग व श्रमिक कल्याण बोर्ड की लचर कर्यप्रणाली का जीता जागता उदाहरण है।जो नये श्रम अधिकारी ने फ़रवरी माह में कार्यभार संभालने के साथ मात्र 42 क्लेम ही शिमला बोर्ड कार्यालय को स्वीकृति के लिए भेजे हैं।जबकि उनके कार्यकाल में पिछले सात महीनों में ही 21 हज़ार से ज़्यादा क्लेम मज़दूरों ने कार्यालय में जमा किये हैं। लेकिन श्रम अधिकारी और बोर्ड कर्मचारिओं की लापरवाही के कारण हज़ारों मज़दूरों के लाभ रुक गए हैं।
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भूपेंद्र सिंह ने बताया कि 21729 मजदूरों के पंजीकरण कॉर्ड जारी होने के लिए पेंडिंग हैं।इसके अलावा 13113 क्लेम शिक्षण छात्रवृत्ति 10606 इंडक्शन हीटर 10728 सोलर लैम्प 5491 साइकलें 10 831 कम्बलों, टिफ़िन, डिनर सैट व वाटर फिल्टरों के क्लेम कार्यालय में पेंडिंग हैं।511 क्लेम विवाह शादियों के 203 प्रसूति 100 चिकित्सा लाभ के 18 मृतयु और 25 क्लेम पेंसन के पेंडिंग पड़े हैं जिन्हें जानबूझकर सेंक्शन हेतु नहीँ भेजा जा रहा है लेकिन न तो राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड उनसे इस बारे पूछ रहा है और न सरकार व मुख्यमन्त्री इसकी जानकारी ले रहे हैं।भूपेंद्र सिंह ने बताया कि 30 जनवरी को मंडी लेबर ऑफिसर व अन्य सभी बोर्ड के कर्मचारी यहाँ से राजनैतिक आधार पर ट्रांसफर कर दिये गये थे जिसके लिए जलशक्ति मन्त्री ने मुख्य भूमिका निभाई थी।लेकिन अब जो नया श्रम अधिकारी व बोर्ड का स्टाफ़ यहां उन्होंने लगाया है वो उनके कहे अनुसार काम कर रहा है और किसी भी क्लेम को सेंक्शन हेतु शिमला भेज नहीँ भेज रहे हैं।भूपेंद्र सिंह ने बताया कि आर टी आई से पता चला है कि इस वर्ष के जनवरी माह में जब पुराना स्टाफ़ यहाँ कार्यरत था तब एक महीने में कुल 788 क्लेम शिमला प्रेषित हुए थे लेकिन नए लेबर ऑफिसर व स्टाफ़ ने फ़रवरी से अगस्त माह तक बीते सात महीनों में मात्र 42 ही क्लेम शिमला बोर्ड कार्यालय को भेजे हैं जिससे साफ़ हो गया है कि वर्तमान स्टाफ़ काम न करने और मजदूरों के लाभ न देने के लिए यहां लगाया गया है।भूपेंद्र सिंह ने कहा कि उनके संगठन ने इसकी शिकायत दो बार बोर्ड के सचिव को भेजी है और एक बार मंडी लेबर ऑफिस के ऊपर भी प्रदर्शन किया था लेकिन इस ऑफिस की कर्यप्रणाली में कोई सुधार नहीं हो रहा है।
इसलिये यूनियन का एक प्रतिनिधिमंडल आज 26 अगस्त को बोर्ड के नवनियुक्त चेयरमैन से मिलने शिमला जा रहा है और उसके बाद सीटू से जुड़ी हुई मज़दूर यूनियन सितंबर के प्रथम सप्ताह में लेबर ऑफिस पर निरंतर धरना प्रदर्शन करने जा रही है।भूपेंद्र सिंह ने कहा कि बहुत से मज़दूरों को गत वर्ष कोरोना लॉकडाउन अवधि के लिए निर्धारित छः छः हज़ार रुपये राशी अभी तक नहीं मिली है।दो साल पहले पंजीकृत मज़दूरों को उनके कार्ड जारी नहीँ हो रहे हैं।महिला महदूरों को मिलने वाली वाशिंग मशीन व साईकल तथा सभी मज़दूरों को मिलने वाली अन्य सामग्री भी इस सरकार ने बन्द कर दी है।जिसकी बहाली की मांग भी यूनियन कर रही है।
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