सिंचाई योजनाओं पर करोड़ो फूंके फ़िर भी किसानों के खेत सूखे-भूपेंद्र धर्मपुर में सिंचाई योजनाओं पर 65 करोड़ रूपये खर्च करने के बाद भी खेतों में नहीं पहुंचा पानी,सरकारी धन व्यर्थ में बहाने के लिए जलशक्ति मंत्री को जिम्मेदार ठहराया
सिंचाई योजनाओं पर करोड़ो फूंके फ़िर भी किसानों के खेत सूखे-भूपेंद्र
धर्मपुर में सिंचाई योजनाओं पर 65 करोड़ रूपये खर्च करने के बाद भी खेतों में नहीं पहुंचा पानी,सरकारी धन व्यर्थ में बहाने के लिए जलशक्ति मंत्री को जिम्मेदार ठहराया
धर्मपुर मंडल के अंतर्गत बनी दो दर्ज़न सिंचाई योजनाएं सफ़ेद हाथी ही साबित हो रही है कियूंकि करोड़ो रूपये खर्च करने के बाद भी खेतों में पानी नहीं पहुंचा है।ये बात पूर्व ज़िला पार्षद भूपेंद्र सिंह ने कही और बताया कि इस मण्डल के तहत सिंचाई योजनाओं पर अभी तक 65 करोड़ रुपये ख़र्च किये जा चुके हैं लेकिन किसानों के खेतों में पानी अभी तक कहीं पर भी नहीं पहुंचा है जो सिंचाई योजनाओं में बड़े पैमाने पर हुए सरकारी धन के दुरुपयोग और भरस्टाचार की ओर इशारा करता है।उन्होंने बताया कि 32करोड़ रुपये लागत से बनी उठाऊ सिंचाई योजना मढ़ी-ध्वाली से गांव मढ़ी, ध्वाली, समौड़, तरोहला, सकलाना, तनहेड़ गांवों की 997 हेक्टेयर भूमि के लिए और नौ हज़ार आवादी के लिए पानी उपलब्ध कराने का प्लान था और ये योजना वर्ष 2009 से निर्माणाधीन है लेकिन अभी तक इससे खेतों को पानी नहीं मिल पाया है और करोड़ो रूपये खर्च कर दिए गए हैं।इसी प्रकार कलस्वाई गाँव की 105 हेक्टेयर भूमि और चार सौ लाभार्थियों के लिए, बहरी गांव के लिए तथा सिद्धपुर बालह की 30 हेक्टेयर भूमि तथा स्योह गांव की109 हेक्टेयर भूमि और पन्द्रह सौ आवादी के लिए दो करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके हैं।इसी प्रकार संधोल उपमण्डल के तहत आने वाली पांच ग्राम पंचायतों जिनमें संधोल,सोहर, नेरी, दतवाड़,घनाला और बैरी के लिए 21 करोड़ रुपए खर्च किये जा चुके हैं।लेकिन ये सिंचाई योजना भी अभी अधूरी ही है और किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध नहीं हो रहा है।इसी प्रकार टिहरा उपमण्डल के अंतर्गत गांव भड्डडू, चस्वाल और छतत्रैना के लिए सवा तीन करोड़ रुपये से उठाऊ पेयजल योजना बनाई गई है लेकिन इन तीन गांवों में से केवल छतरैना के लिए ही मेन सप्लाई डाली गई है और दो गांवों में अभी कोई कार्य नहीं हुआ है और इस योजना का निर्माण कार्य पिछले दस वर्षों से चल रहा है।इसी प्रकार पाड़छु के लिए 62 लाख की योजना पिपली के लिए 98 लाख रुपये की योजना लौंगनी-त्रैम्बला के लिए 85 लाख रुपए की हुक़्क़ल गांव के लिए 20 लाख तथा अंसवाई गांव के लिए तीस लाख रुपये की योजना बनाई गई है।लेकिन हक़ीक़त में ये सभी योजनायें अधूरी हैं और जलशक्ति मंत्री और मुख्यमंत्री ने इन सभी स्कीमों का लोकार्पण भी कर दिए हैं।इसी प्रकार मण्डप क्षेत्र में ब्रम्हफ़ालड,अप्पर और लोअर बरांग, भटौर, ओडी,क्लोगा, चौक्की और छिड़ जाजर के लिए भी 50 लाख रुपये से सिंचाई योजनाएँ बनाई गई हैं।भूपेंद्र सिंह ने बताया कि बहरी-ध्वाली योजना का निर्माण कार्य 15 साल से हो रहा है और इस योजना का लोकार्पण मुख्यमंत्री ने 24जनवरी 2020 को जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह के जन्मदिन के अवसर पर कर दिया था लेकिन इस स्कीम से अभी तक एक भी खेत में पानी नहीं पहुंचा है।उन्होंने आरोप लगाया कि सिंचाई योजनाओं के निर्माण कार्य में लगी कम्पनियों व ठेकेदारों से बड़े पैमाने पर पैसा इकठ्ठा किया गया है जिसके कारण विभाग व मंत्री इनके आगे निरुत्तर हैं और इन स्कीमों को पूरा नहीं करवा पा रहे हैं।भूपेंद्र सिंह ने बताया कि भड्डडू और चस्वाल के लिए दो दो स्कीमों से पानी देने के बोर्ड लगे हैं लेकिन इन दोनों गांवों में अभी तक एक पाईप भी नहीं बिछाई गई है।यही स्थिति पिपली और पाड़छु सिंचाई योजना की है जिसका उदघाटन भी जलशक्ति मंत्री ने कर दिया है।भूपेंद्र सिंह ने इसके लिए जलशक्ति मंत्री को जिम्मेदार ठहराया है जो अभी तक एक भी सिंचाई योजना को चालू नहीं करवा पाये हैं और केवल ठेकेदारों व कम्पनियों से बड़े पैमाने पर रिश्वत लेने में ही खुश हैं और आजकल अपने बेटे के लिए प्रचार प्रसार के लिए भी इन्हीं कम्पनियों से उगाही हो रही है।उन्होंने बताया कि सिंचाई योजनाओं के नाम पर यहाँ पर हुए बड़े पैमाने पर भरस्टाचार को आने वाले विधानसभा चुनावों में मुद्दा बनाया जाएगा।
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