गुरुवार, 31 मार्च 2022

मंडी में मंत्री स्तर सब-कमेटी के समक्ष उठाया जायेगा भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के अनुसार फैक्टर-2 (चार गुना मुआवजा) पुनर्स्थापना तथा पुनर्वास को लागू करने का मुद्दा : भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच/फोरलेन सयुंकत संघर्ष समिति

मंडी में मंत्री स्तर सब-कमेटी के समक्ष उठाया जायेगा भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के अनुसार फैक्टर-2 (चार गुना मुआवजा) पुनर्स्थापना तथा पुनर्वास को लागू करने का मुद्दा : भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच/फोरलेन सयुंकत संघर्ष समिति



कल मंडी में मंत्री स्तर सब-कमेटी के समक्ष उठाया जायेगा भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के अनुसार फैक्टर-2 (चार गुना मुआवजा) पुनर्स्थापना तथा पुनर्वास को लागू करने का मुद्दा : भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच/फोरलेन सयुंकत संघर्ष समिति 

मंच के अध्यक्ष श्री बी आर कौंडल ने कहा हे की हिमाचल प्रदेश में राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण द्वारा फोरलेन सड़कें बनाई जा रही हैं जिसमें किसानो की भूमि को अधिग्रहण किया जा रहा है जिसके कारण प्रभावित किसानों, दुकानदारों व अन्य नागरिकों की जिनकी कृषि भूमि अथवा आजीविका, इस भूमि अधिग्रहण से प्रभावित हो रही है लेकिन हिमाचल सरकार भूमि अधिग्रहण, 2013 कानून (पुनर्स्थापना, पुनर्वास व चार गुना मुआवजा) मार्केट रेट के अनुसार मुआवजा, 12% ब्याज, प्रस्तावित सड़क के बाहर हुए नुकसान का मुआवजा, रोड़ प्लान में बदलाव, को हिमाचल सरकार लागू नहीं कर रही है उलटे पिछली सरकार ने 2 अप्रैल, 2015 को दो गुणा मुआबजा की अधिसूचना जारी कर दिया गया था जिसको तुरंत रद्द किया जाये I इसके इलाबा फोर लेन के साथ लगती 50 मीटर के दाएरे की जमीन पर टी सी पी कानून लागु कर दिया गया हे जिसके अनुसार 5 मीटर राईट ऑफ़ वे के इलाबा, 3 मीटर और जमीन छोडनी पड़ेगी और उसमे किसानो को राहत दी जाये I 

सयोंजक श्री जोगिन्दर वालिया ने सरकार को याद दिलाते हुए कहा की 2018 में मंत्री स्तर पर श्री गोविन्द ठाकुर की अध्यक्षता में सब- कमेटी गठित कि गई थी जिसमें पुनर्स्थापना, पुनर्वास तथा भूमि अधिग्रहण, 2013 के अनुसार फैक्टर-2 (चार गुना मुआवजा) को लागू करने की बात सरकार ने अपने (दृष्टि) घोषणा पत्र को लागु करने की बात की गई थी लेकिन 4 वर्ष बीत जाने के बाबजूद भी हिमाचल सरकार अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं ले पाई है और अब नए सिरे से कल 3 सदस्य मन्त्री स्तर की कमेटी को आगामी फैसला करना होगा, भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच मांग करता है की किसानो के मुद्दों को सरकार जल्दी सुलझाया जाये और उपरोक्त मांगो का सरकार तुरंत निपटारा करे, जिससे किसानो को अतिशीघ्र न्याय दिलाया जा सके और अगर शीघ्र समाधान नहीं किया गया तो आने बाले दिनों में भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच, अन्य किसान संघठनो से मिलकर राज्य स्तरीय आन्दोलन करने पर मजबूर होगा जिसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य, केंद्र सरकार व राष्ट्रीय उच्च मार्ग के अधिकारियों की होगी 



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें