हार के डर से हटाया बस किराया और माफ़ किये बिजली पानी के बिल-माकपा
रिपीट नहीं डिफिट ही होगी भाजपा, प्रलोभन देने से नहीं मिलेगी जीत
BHK NEWS HIMACHAL
ललित चौहान: नेरचौक हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हिमाचल दिवस के मौके पर चम्बा में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में महिलाओं के लिए पचास प्रतिशत बस किराया घटाने और बिजली व पानी भी फ्री करने की घोषणा की है।इस पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता व पूर्व ज़िला परिषद सदस्य भूपेंद्र सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जयराम सरकार ने पिछले चार सालों में दो बार पचास प्रतिशत बस किराया बढ़ाया है और अब जब चुनावों के लिए छह महीने का समय शेष रह गया है तो महिलाओं से आधा बस किराया बसूलने की घोषणा की है हालांकि महिलाओं में पहले भी 25 प्रतिशत कम किराया लिया जाता था और अब 25 प्रतिशत और कम किया है लेकिन प्रचारित ऐसे किया जा रहा है कि पचास प्रतिशत किराया कम किया गया है।इससे साबित हो गया है कि मुख्यमंत्री ने मान लिया है कि उनकी पार्टी विधानसभा चुनाव हार रही है जिसका डैमेज कंट्रोल करने के लिए अब ये निर्णय लिए गए हैं।भूपेंद्र सिंह ने कहा कि अगर मुख्यमन्त्री सही माईने में जनता को राहत देना चाहते हैं तो वे सभी के लिए बस किराया कम करते लेक़िन केवल महिलाओं को वोट बैंक समझ कर ये फ़ैसला किया गया है।कुछ समय पहले तक यही भाजपा के नेता और उनका आई टी सैल मुफ्त सुविधा उपलब्ध कराने के लिए विपक्ष की खिल्ली उड़ाता था और अब सरकार रिपीट करने के लिए ऐसे लुभावनी घोषणा कर रहे हैं लेकिन ये सरकार रिपीट होने वाली नहीं है।मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी शुरू से ही निशुल्क शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ साथ सस्ती बिजली, पानी,परिवहन सुविधाएं उपलब्ध कराने की बकालत करती रही है लेकिन ये सब सरकार बनने पर लागू किया जाता तो माना जा सकता था कि सरकार सही माईने में जनता को राहत देना चाहती है लेकिन अब जब सरकार के जाने का समय नज़दीक है तब ये सब वोट लेने के उद्देश्य से ही किया जा रहा है।अगर जयराम सरकार सच में ही महिलाओं को राहत देना चाहती है तो वे मनरेगा में काम करने वाली महिला मज़दूरों की दिहाड़ी 203 रु से बढ़ाकर 350 रु करती।महिलाओं के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नियुक्त करती जो संधोल से बलद्वाड़ा तक कहीं पर भी नहीं है।महिलाओं के लिए स्थाई रोज़गार उपलब्ध कराने का फ़ैसला लिया जाता।इसी प्रकार ऑउटसोर्स कर्मचारियों को रैगुलर करने और पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने का फ़ैसला लिया जाता।भूपेंद्र सिंह ने मंडी में आयोजित कार्यक्रम में जलशक्ति मंत्री द्धारा ये ब्यान देना की जयराम सरकार के चार साल पिछली सरकारों के सत्तर सालों के विकास पर भारी हैं।ये बयान उन्होंने अपने ख़िलाफ़ ही दिया है कियूंकि वे धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र से सातवीं बार चुनाव जीते हैं तो इसका अर्थ ये निकलता है कि उन्होंने भी पिछले तीस साल कोई काम नहीं किया और धर्मपुर में जो कुछ हुआ इन्ही चार सालों में ही हुआ है।जबकि हकीकत ये है कि धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र में 600 सरकारी कर्मचारियों के पद ख़ाली पड़े हैं।स्वास्थ्य सेवाओं के हालात बहुत ज्यादा ख़राब हैं।बसों की कमी है तो कृषि और बागवानी विभाग में दर्जनों पद ख़ाली पड़े हैं।सिंचाई की कोई भी स्कीम चालू नहीं है।जलशक्ति विभाग में नॉकरिओं के नाम पर सौ-डेढ़ सौ रुपये दैनिक मज़दूरी पर एक हज़ार से ज़्यादा मज़दूरों का शोषण किया जा रहा है।खनन माफिया सक्रिय है और ठेकेदारों की लंबी चौड़ी फ़ौज खड़ी की गई है।इसप्रकार अब जनता इनके झांसे में आने वाली नहीं है और इनको भी इसका आभास हो गया है जिसके चलते ये सब घोषणाएं की जा रही हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें