पुलिस भर्ती पेपर लीक जांच की आड़ में जेओए पेपर लीक को भूली गई सरकार
BHK NEWS HIMACHAL
मण्डी(पी सी शर्मा)-:पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले की जांच की आड़ में प्रदेश सरकार जेओए पेपर लीक मामले को भूल गई है। क्योंकि पेपर लीक मामला प्रदेश में अब तक का सबसे बड़ा पेपर लीक हुआ है जहां करोड़ों रुपए का लेनदेन बड़े नेताओं तक हुआ है। पेपर लीक मामले में अब तक 90 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारियां की जा चुकी हैं लेकिन इस मामले का असली मास्टरमाइंड पुलिस की चंगुल से बाहर है।कांग्रेस जन संवाद के प्रदेश अध्यक्ष जी एल शर्मा ने कहा कि पेपर लीक मामले को लेकर एक बार फिर सरकार को घेरा है जहां उन्होंने पुलिस पेपर लीक जांच मामले से जेओए पेपर लीक मामले को दबाने का आरोप लगाया है।
कांग्रेस जन संवाद मंच के प्रदेश अध्यक्ष जी एल शर्मा ने कहा कि 25 अप्रैल को मंडी के सुंदरनगर कॉलेज से जूनियर ऑफिस असिस्टेंट की परीक्षा का पेपर लीक हो गया था जिसके बाद इस मामले में पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार किया है। जानकारी के मुताबिक परीक्षा शुरू होने से पहले ही प्रश्नपत्र के मोबाइल से फोटो खींचकर व्हाट्सएप पर वायरल कर दिए गए थे। लेकिन सरकार ने इस मामले पर ज्यादा हस्तक्षेप नहीं किया और मामले को दबाने का प्रयास किया है। जिससे हजारों छात्रों के भविष्य दांव पर लगा है।
हिमाचल के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर बाहरी राज्यों के युवाओं को बेची जा रही है नौकरियां
जी एल शर्मा ने कहा कि हिमाचल में पढ़े लिखे बेरोजगारों के युवाओं के साथ प्रदेश सरकार किस तरह से खिलवाड़ कर रही है, इसका नमूना बार -बार देखने को मिला है। कभी पुलिस भर्ती पेपर लीक मामला कभी कंडक्टर, कभी जेओए और तो और कभी एच पी यू में यूजी के प्रथम और द्वितीय वर्ष के पेपर लीक मामले सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि ऊपर से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर कह रहे हैं कि पुलिस पेपर लीक मामले में गिरफ्तारियां की जा रही हैं लेकिन हम उनसे पूछना चाह रहे हैं कि आखिर किसकी गिरफ्तारी की जा रही है उन लोगों की जिन्होंने अपनी नौकरी के लिए पेपर खरीदे लेकिन सरकार अब तक इस मामले में असली मास्टरमाइंड को गिरफ्तार नहीं कर पाई है क्योंकि इस मामले में बड़े नेता और अधिकारी शामिल है जिनके ऊपर हाथ डालने से सरकार डर रही है हिमाचल प्रदेश जय राम की सरकार ,उन्होंने कहा कि अब तक बिहार, हरियाणा से इस मामले में लोग गिरफ्तार किए गए है। हम मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से पूछना चाहते हैं कि क्या दूसरे राज्यों के लोगों को पूर्व की तरह नौकरियां बांटी जा रही थी। जहां से इस मामले में शामिल लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार कह रही है कि अब इस मामले पर सीबीआई जांच की जाएगी।क्या सीबीआई इस मामले को अपने अधीन लेगी यह भी बड़ा सवाल है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की जाए ताकि दूध का दूध पानी का पानी हो सामने आए। तभी हमारा हिमाचल प्रदेश शिखर की ओर हो सकता है नहीं तो ऐसे स्लोगन देना का कोई फायदा नहीं है।करप्शन के मामले में हिमाचल प्रदेश शिखर की ओर है।ये तो साफ दिख रहा है।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें