मज़दूरों को मिलने वाला सामान पुनः बहाल करने की यूनियन ने उठायी माँग भाजपा सरकार ने बन्द किया मज़दूरों का सामान और पुराने सामान वितरण में कर रहे हैं राजनीति
मज़दूरों को मिलने वाला सामान पुनः बहाल करने की यूनियन ने उठायी माँग
भाजपा सरकार ने बन्द किया मज़दूरों का सामान और पुराने सामान वितरण में कर रहे हैं राजनीति
ललित चौहान: (नेरचौक) मनरेगा व निर्माण यूनियन खण्ड कमेटी धर्मपुर ने राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड से मिलने वाली सामग्री को वर्तमान सरकार द्धारा बन्द करने की कड़ी निंदा की और पहले की भांति सामग्री देने की मांग की है।यूनियन के खंड अध्यक्ष करतार सिंह चौहान महासचिव प्रकाश वर्मा कीर्णवाला शर्मा, निर्मला देवी, अंजू देवी, पूजा देवी, शांता देवी, विना विष्ट, निलमा, कृष्णि, सीमा, कुंता, शारदा, सिमरो, चंपा, अनिता, सोमा, शीला, अन्नु, सरोजनी, आशा, रीनू, बबली, मीना, सरोजा, रीतू, उर्मिला, शारदा देवी इत्यादि ने सरकार से मांग की है कि महिला मज़दूरों को पूर्व की भांति वाशिंग मशीन और सोलर लैम्प, इंडक्शन हीटर, साइकलें, कंबल, टिफ़िन सैट, वाटर फिल्टर, डिन्नर सैट इत्यादि जल्दी जारी किए जाएं।यूनियन के राज्य महासचिव व पूर्व ज़िला पार्षद भूपेंद्र सिंह ने बताया कि जब से प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी है तब से मज़दूरों को मिलने वाला सामान बन्द कर दिया गया है और जो सामान पिछली सरकार के समय स्वीकृत हुआ है उसे वितारित करने में अब मुख्यमंत्री से लेकर विधायक तक लगे हुए हैं और उसका राजनैतिक लाभ उठाना चाहते हैं।उन्होंने बताया कि धर्मपुर के विधायक व सरकार के वरिष्ठ मंत्री ने पिछले विधानसभा चुनावों के समय महिला मज़दूरों को वाशिंग मशीन के बदले 12 हज़ार रुपये देने की बात कही थी लेकिन साढ़े चार साल गुज़र जाने के बाद अब वे उस बात को भूल गए हैं।यही नहीं वे जिस सामान को बांट रहे हैं वो भी पिछली सरकार के समय सेंक्शन हुआ है जिसे वे चार साल वितारित नहीं होने दे रहे हैं।भूपेंद्र सिंह ने बताया कि जिन मजदूरों के आवेदन 2015 के बाद बोर्ड में जमा हो चुके हैं उन्हें निर्धारित सामान दिया जाये।यही नहीं मंत्री ने बोर्ड के कर्मचारियों का मंडी से तबादला करके अन्य लाभों को समय पर सेंक्शन करने में भी बाधा उत्पन्न की जिसकारण मजदूरों को बच्चों की पढ़ाई के लिए मिलने वाली शिक्षण छात्रवृति पिछले दो साल की तथा विवाह शादियों, मैडिकल, प्रसूति, पेंशन इत्यादि की सहायता राशि पिछले एक साल से पैंडिंग है।भूपेंद्र सिंह ने आरोप लगाया है एक तरफ़ जो बोर्ड़ से मिलने वाली सामग्री इन्होंने बन्द करवा दी है लेकिन मंत्री के बेटे की सहारा फाउंडेशन संस्था आजकल मज़दूरों को टिफ़िन देने के लिए सर्वे करवा रही है ताकि चुनावों के समय मज़दूरों को भर्मित किया जा सके।होना तो यह चाहिए था कि वे सभी आवेदकों को बोर्ड के बजट में से सहायता प्रदान की जाती लेक़िन ऐसा न करके अब वे राजनीति कर रहे हैं और मजदूरों को आर्थिक नुकसान पहुंचा रहे हैं।इसलिए मनरेगा मज़दूर यूनियन जून और जुलाई माह में पंचायतों में जन अधिकार यात्रा चलायेगी और तहसील स्तर पर प्रदर्शन भी करेगी।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें