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जलशक्ति विभाग में पैरा व्रकर्ज की नॉकरी युवाओं के साथ धोखा-भूपेंद्र जलशक्ति विभाग ने पाइपों में चूड़ियां डालने तो लोकनिर्माण विभाग ने सीमेंट की बोरी उठाने की रखी है शर्त

 जलशक्ति विभाग में पैरा व्रकर्ज की नॉकरी युवाओं के साथ धोखा-भूपेंद्र



जलशक्ति विभाग ने पाइपों में चूड़ियां डालने तो लोकनिर्माण विभाग ने सीमेंट की बोरी उठाने की रखी है शर्त।


मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह के उस ब्यान व शर्त की निंदा की है जिसके तहत उन्होंने जलशक्ति विभाग में भर्ती होने वाले पार्ट टाइम पैरा वर्करों को पाइपों में चुड़िया डालने का अनुभव होना चाहिए।दूसरी तरफ लोकनिर्माण विभाग ने पहले ही मल्टी टास्क व्रकर्ज भर्ती करने के लिए सीमेंट की बोरी उठाने की क्षमता बालों को प्राथमिकता दी जाएगी।पार्टी के सचिव व पूर्व जिला परिषद सदस्य भूपेंद्र सिंह ने इसे शिक्षित युवाओं के साथ भद्दा मजाक बताया है।उन्होंने मंत्री से सवाल पूछा है कि कौन से स्कूल में पाईपों में चूड़ियां डालने का प्रशिक्षण दिया जाता है?जिसके आधार पर दसवीं व दस जमा दो पढ़े युवक और युवतियां इस शर्त को पूरा कर पायेंगे। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने रैगुलर रोज़गार ख़त्म करके कम वेतन पर भर्तियां करने की नीति बनाई है।जिसके चलते अब जलशक्ति विभाग में 3970 पैरा वर्कर भर्ती किये जायेंगे।पैरा वर्करों को 3900 रु मासिक और पैरा पम्प ऑपरेटरों और फ़िटरों को 5500 रु दिये जायेंगे।ये सभी भर्तियां बिना लिखित टेस्ट के होंगी और अधिकारियों को सताधारी पार्टी के दबाब में ही भर्तियां करनी पड़ेगी।जलशक्ति विभाग में होने वाली भर्ती में पैरा वर्करों को पाइपों में चूड़ियां निकालनी होंगी।मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने इन भर्तियों को बेरोजगार युवाओं के साथ धोखा बताया है जिन्हें डेढ़ सौ और पौने दो सौ रुपये दिहाड़ी मिलेगी जो सरकार की न्यूनतम मजदूरी से आधी ही है।जलशक्ति विभाग ने सैंकड़ो रैगुलर पोस्टों को समाप्त करके पार्ट टाइम वर्करों की भर्ती की नीति लागू कर रही है।दूसरा इन मज़दूरों के विभाग में पक्का होने के अवसर भी ख़त्म कर दिए गए हैं कियूंकि सरकार ने बड़ी चालाकी से काम के घण्टे आठ से घटा कर छह कर दिये हैं जो क़ानूनी तौर पर मज़दूर की श्रेणी में ही नहीं आयेंगे भूपेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार ने लोक निर्माण विभाग और शिक्षा विभाग में मल्टी टास्क वर्कर लगाने का निर्णय लिया है।उन्होंने कहा कि जलशक्ति मंत्री ने पैरा वर्कर नियुक्त करने के लिए पाइपों में चुड़िया डालने की शर्त रखी है तो मुख्यमंत्री के लोक निर्माण विभाग में सीमेंट की बोरी उठाने की शर्त रखी है। इसका मतलब तो निकलता है कि अब दसवीं और बारहवीं कक्षा में बच्चों को सीमेंट की बोरियाँ उठाने और पाइपों में चूड़ियां डालने की ट्रेनिंग लेनी पड़ेगी तभी वे इन पदों के लिए पात्र हो पायेंगे।भूपेंद्र सिंह ने सरकार पर आरोप लगाया है कि अब चुनाव के लिए चार महीने का समय शेष है और अब सरकार के कार्यकाल के अंतिम चरण में इस तरह की भर्तियाँ विशुद्ध रूप में राजनैतिक आधार पर होंगी।उन्होंने बताया कि धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र में तो जलशक्ति मंत्री ने चार साल पहले ही ये भर्तियां कर दी है जिनमें उन्होंने अपने चेहतों व वर्करों को लगाया है।अब वे उसी फार्मूले को पूरे प्रदेश में लागू करने जा रहे हैं।भूपेंद्र सिंह ने कहा कि ये सरकार उन सभी पदों को पिछले चार साल में नहीं भर पाई है जो टेस्ट के आधार पर भरे जाने हैं।जिसके चलते शिक्षकों, एनटीटी,पुलिस व अन्य विभागों में भर्तियाँ आगे से आगे स्थगित हो रही हैं।सरकार प्रदेश के चालीस हजार आउटसोर्सिंग आधार पर रखे कर्मचारियों के लिए कोई नीति नहीं बना पाये हैं लेकिन अब इससे भी ख़राब और मज़दूर विरोधी नीति लागू करने जा रहे हैं।जिसके चलते अब मज़दूर न्यूनतम वेतन के भी हक़दार नहीं रहेंगे और न ही कभी पक्का हो पाएंगे।यही नहीं सरकार ने फिक्स्ड टर्म रोज़गार की योजना लागू कर दी है जिसके चलते अब कुछ सालों के लिए ही रोज़गार मिलेगा।माकपा इस नीति का कड़ा विरोध करती है और विभागों में स्थायी आधार पर रोज़गार देने की नीति लागू करने की मांग करती है।



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