बल्ह में एयर पोर्ट के नाम पर किसानों की जमीन हड़पने की प्रदेश सरकार की जिद्द की किसान सभा कड़े शब्दों में निंदा की है।
हिमाचल किसान सभा का 16वां जिला सम्मेलन आज मंडी में तारा चंद भवन के किशोरी लाल हॉल में संपन्न हुआ।सम्मेलन में जिला भर से प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
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सम्मेलन में सर्वसम्मति से कुशाल भारद्वाज को जिला अध्यक्ष व राम जी दास को जिला सचिव चुना गया। परस राम, बिहारी लाल, रविंदर कुमार व रणताज राणा को उपाध्यक्ष, जोगिन्दर वालिया, प्रीति व दिनेश काकू को सह सचिव तथा हेम राज को पुन: कोषाध्यक्ष चुना गया। इस अवसर पर 25 सदस्यीय जिला कमेटी भी चुनी गई।
27-28 जुलाई को सोलन में होने जा रहे राज्य सम्मेलन के लिए 46 प्रतिनिधि भी चुने गये।
हिमाचल किसान सभा के राज्य कमेटी सदस्य परस राम ने सम्मेलन का उदघाटन किया। सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए साथी उन्होंने केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा लागू की गई वैश्वीकरण की नीतियों से आम जनता व किसानी पर पड़ रहे कुप्रभावों बारे बताया। इन नीतियों को लागू करने के लिए केंद्र सरकार लगातार किसानों पर हमले कर रही है और किसान विरोधी नीतियां को लागू कर रही है! एक प्रयास 2015 में इस सरकार ने किया जिससे भूमि अधिग्रहण कानून 2013 में भारी बदलाव किया गया था, किसानों के दबाव के चलते केंद्र सरकार को वह अध्यादेश वापस लेना पड़ा था! उसके बाद 2021 में 3 कृषि कानून किसानों की जमीन हड़पने के लिए लाए परंतु देश भर के किसानों ने एकजुट होकर के संघर्ष किया और वह तीनों कानून सरकार को वापस लेने पड़े! एक तरफ देश में बेतहाशा महंगाई बढ़ रही है बेरोजगारी बढ़ रही है दूसरी तरफ केंद्र सरकार किसान विरोधी कानून बना रही है! मजदूर विरोधी कानून बना रही है ! और जनता पर टैक्स काभारी बोझ थोपा जा रहा है दूसरी तरफ पूंजी पतियों को भारी मुनाफा पहुंचाया जा रहा है , इस स्थिति से निपटने के लिए किसानों की एकजुटता जरूरी है , संघर्ष को मजबूत करना जरूरी है, संगठन को मजबूत करना जरूरी है , ताकि सरकार जो सार्वजनिक क्षेत्र बेच रही है उसकी बिक्री पर लगाम लगाई जा सके! एमएसपी पर कानून बनवाया जा सके और रोजगार पैदा करने के अवसर बढ़ाया जा सके ! सरकार के हमलों की इसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश में फोरलेन में किसानों को ओने पौने रेट पर मुआवजा दिया जा रहा है और जमीनों को हड़प्पा जा रहा है दूसरी तरफ बल्ह में प्रस्तावित हवाई अड्डे के लिए 3000 बीघा मल्टीक्रॉप लैंड को तबाह करके हजारों किसानों को उजाड़ने का प्रयास किया जा रहा है! किसानों को संगठित होकर इसका जवाब देना होगा तभी जमीन की रक्षा की जा सकती है!
इससे पहले कुशाल भारद्वाज ने जिला कमेटी की राजनीतिक सांगठनिक रिपोर्ट सम्मेलन के समक्ष प्रस्तुत की। जिस पर सभी ब्लॉक से आये प्रतिनिधियों ने चर्चा करते हुए सुझाव भी दिये। जिला कमेटी की रिपोर्ट को सर्वसम्मति से पारित किया गया।
रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कुशाल भारद्वाज ने कहा कि बल्ह में एयर पोर्ट के नाम पर किसानों की जमीन हड़पने की प्रदेश सरकार की जिद्द की किसान सभा कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किसानों की जमीन को चोर दरवाजे पूंजीपतियों को सौंपने की कोशिश की जा रही है। जिसका किसान सभा पूर जोर विरोध करती है। उन्होंने फोरलेन प्रभावितों तथा अन्य कार्यों के लिए अधिग्रहित की जा रही जमीन का फैक्टर-2 को लागू करते हुए 4 गुणा मुआवजा देने की मांग भी की। सेब के कार्टन, कीटनाशक व खाद की कीमतें बढ़ाने की निंदा करते हुए सारी सबसीडियां बढ़ाने तथा कीमतें घटाने की मांग की।
मनरेगा में समय पर पूरे काम, समय पर मजदूरी का भुगतान करने, न्यूनतम दिहाड़ी अन्य मजदूरों की तरह 350 रूपये देने तथा अन्य मांगों पर किसान सभा व्यापक अभियान व आंदोलन चलाएगी। उन्होंने आवारा नकारा पशुओं से निजात दिलाने की भी मांग की। प्रदेश में शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी व परिवहन सेवाएं चरमर्रा गई हैं। किसान सभा इन सेवाओं को सस्ता करने व इन्हें वहाल करवाने के लिए आंदोलन छेड़ेगी।
सम्मेलन को जोगिन्दर वालिया, रामजी दास, प्रेम चौधरी, चंद्र कुमार, प्रीति, नीलम वर्मा, मोहन सरवाल, किशन सिंह चौहान, गुलाम रसूल, नंद लाल वर्मा ने भी संबोधित किया। इसके अलावा जनवादी महिला समिति की अध्यक्ष वीना वैद्य, डीवाईएफआई के अध्यक्ष सुरेश सरवाल, एसएफआई के सचिव उपेंद्र तथा सीटू नेता गोपेंद्र कुमार ने भी सम्मेलन को संबोधित किया व शुभकामनाएं प्रेषित की।
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