बुधवार, 13 जुलाई 2022

महेंद्र बनाये थे औटसोर्स कर्मचारिओं के खेवनहार लेक़िन अब मन्त्रिमण्डल की मीटिंगों से ही मुद्दा हुआ बाहर! भूपेंद्र सिंह ने कहा कर्मचारी विरोधी है भाजपा सरकार

 महेंद्र बनाये थे औटसोर्स कर्मचारिओं के खेवनहार लेक़िन  अब मन्त्रिमण्डल की मीटिंगों से ही मुद्दा हुआ बाहर!

भूपेंद्र सिंह ने कहा कर्मचारी विरोधी है भाजपा सरकार!



BHK NEWS HIMACHAL

औटसोर्स कर्मचारियों के लिए पाल्सी बनाने के लिएबनी मन्त्रिमण्डलिये समिति का मुखिया जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर को बनाया गया है।लेकिन उन्होंने दो तीन बैठकें बहुत जल्दी जल्दी आयोजित की जिससे प्रदेश के चालीस हजार कर्मचारियों और मज़दूरों को ऐसा लगा कि वे जल्दी ही विभागीय कर्मचारी बनने वाले हैं।लेकिन अब पिछले तीन महीनों से ये मुद्दा ही मंत्रिमंडल की बैठकों से ग़ायब हो गया है जबकि दो माह के बाद चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएगी।उसके बाद इन कर्मचारियों का क्या होगा इसके बारे में कोई कहने को तैयार नहीं है।पूर्व ज़िला परिषद सदस्य एवं माकपा नेता भूपेंद्र सिंह ने वर्तमान सरकार और मंत्री पर आरोप लगाया है कि एक तरफ़ जहां प्रदेश के हज़ारों कर्मचारी और मज़दूर रैगुलर होने की आस लगाए बैठे हैं तो सरकार ने अब पार्ट टाइम मल्टी टास्क वर्कर लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।जिन्हें चार से पांच हजार रुपये मानदेय मिलेगा और वे कभी भी रैगुलर नहीं होंगे जिसके लिए सबंधित विभाग भर्ती हो रहे मजदूरों से शपथपत्र ले रहे हैं।लोकनिर्माण विभाग ने पचास किलो की सीमेंट की बोरी उठाने की शर्त रखी है तो जलशक्ति विभाग ने पाईपों में चूड़ियां डालने की शर्त रखी है जो तर्कसंगत नहीं हैं।भूपेंद्र सिंह ने कहा कि वर्तमान सरकार ने सभी प्रकार की सरकारी नॉकरियाँ ख़त्म कर दी है और चार पांच हजार रुपये मासिक वेतन पर कर्मचारी भर्ती किये जा रहे हैं।जिससे नॉकरी के नाम पर युवाओं से धोखा हो रहा है कियूंकि यदि यही रोज़गार कंट्रेक्ट और फिर रैगुलर आधार पर युवाओं को मिलते तो उन्हें महीने के पच्चीस तीस हजार रुपये वेतन मिलना था लेकिन ये सरकार रोज़गार के नाम पर युवाओं को ठग रही है।माकपा ने मांग की है कि सरकार को सभी पद रैगुलर आधार पर भरने चाहिए और औटसोर्स आधार पर रखे हुए सभी कर्मचारियों व मजदूरों को विभाग में शामिल करने की नीति बनानी चाहिए।एक तरफ़ सरकार ने पार्ट टाइम नॉकरियों के नाम पर युवाओं को धोखा दिया जा रहा है तो दूसरी तरफ ये सरकार पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग को अनसुना कर रही है।जिसके लिए कर्मचारी लगातार संघर्ष कर रहे हैं और आजकल ज़िला स्तर पर प्रदर्शन आयोजित हो रहे हैं जिनमें हज़ारों कर्मचारी भाग ले रहे हैं।भूपेंद्र सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर पेंशन योजना को बंद करने का फ़ैसला वर्ष 2002 में भाजपा की सरकार ने ही लिया था।इस प्रकार भाजपा का सिद्धांत ही मज़दूर विरोधी है जो अपने कार्यकाल में हमेशा कर्मचारी व मज़दूर विरोधी नीतियां लागू करती है।सभी विभागों का निजीकरण किया जा रहा है।इसलिए आने वाले समय में कर्मचारियों व मजदूरों के आंदोलन तेज़ होंगे और माकपा उनका पूर्ण समर्थन करेगी और भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए संघर्ष तेज़ करेगी।



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