अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति हिमाचल ने बढ़ती हुई महंगाई के खिलाफ व वादय सुरक्षा के अधिकार को सुनिश्चित करने बारे डीसी मंडी को मांगपत्र सौंपा
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सार्वजनिक वितरण प्रणाली को सार्वभौमिक बनाया जाए। ताकि हर व्यक्ति को बिना किसी शर्त अरपेट पौष्टिक भोजन मिल सके।
2. खाद्य सुरक्षा के लिए बजट आवंटन में वृद्धि की जाए।
यादविंदर: (मंडी) अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति देश का महिलाओं का सबसे बड़ा संगठन है जो पिछले कई से महिलाओं से संबंधित मुर्दा पर और सामाजिक मुद्दों पर काम कर रहा है। महोदय, हम इस बात से बेहद चिलिन हैं कि पिछले कुछ सालों से हमारे देश में बेरोजगारी, महगाई, गरीबी, मूखमरी और कुपोषण लगातार बढ़ रहा है। कोरोना महामारी ने इस स्थिति को और ज्यादा जटिल बना लिया है। एक तरफ परिवारों की आमदनी में कमी और दूसरी तरफ सभी आवश्यक वस्तुओं की कीमता को बहुत कम कर दिया है। इससे आम लोगों की बाजी की और इस कामियाजा सबसे ज्यादा महिलाओं और बच्चों को उठाना पड़ रहा है। इसलिए एक होने नाते हम समय-समय पर यह आग करते रहे हैं कि केंद्र सरकारें अपने हरेक नागरिक के लिए गरिमा पर्ण जीवन जीने का अधिकार सुनिश्चित करें। इसके लिए खाद्य सुरक्षा का अधिकार सुनिश्चित करना बेहद आवश्यक है। लेकिन हम देख रहे हैं कि केंद्र व राज्य सरकार लगातार इस जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रही है। खादय सुरक्षा बजट में निरंतर कटौती है। या खत्म जा रही है। राशन डिपो पर मिलने वाली ज्यादातर चीज बंद है। इस स्थिति ने लोगों के स्वास्थ्य पर बेहद विपरीत असर डाले हैं।
ऐसे में केवल और केवल सार्वभौमिक राशन वितरण प्रणाली ही आम जनता को भूखमरी से बचाकर स्वस्थ्य
जीवन दे सकती है। अतः हम आपसे मांग करते हैं कि 1. सार्वजनिक वितरण प्रणाली को सार्वभौमिक बनाया जाए। ताकि हर व्यक्ति को बिना किसी शर्त अरपेट पौष्टिक भोजन
मिल सके।
2. खाद्य सुरक्षा के लिए बजट आवंटन में वृद्धि की जाए।
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