बुधवार, 20 जुलाई 2022

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय कार्यकारी समिति के सदस्यों को ज्ञापन दिया तथा उसके पश्चात VC ऑफिस के बाहर विभिन्न मांगो को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय कार्यकारी समिति के सदस्यों को ज्ञापन दिया तथा उसके पश्चात VC ऑफिस के बाहर विभिन्न मांगो को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया



BHK NEWS HIMACHAL

 20/07/2022 आज एसएफआई हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई द्वारा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय कार्यकारी समिति के सदस्यों को ज्ञापन दिया तथा उसके पश्चात VC ऑफिस के बाहर विभिन्न मांगो को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया।

इस धरने प्रदर्शन के माध्यम से एसएफआई ने मांग की है कि विश्वविधालय में पीएचडी में एडमिशन के लिए यूनिफॉर्म पॉलिसी का निर्माण किया जाना चाहिए। एसएफआई ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि विश्वविद्यालय अपने चहेतों को गलत तरीके से विश्वविद्यालय में एडमिशन दे रहा है। इसका ताजा उदाहरण भाजपा के वर्तमान राज्यसभा सांसद डॉक्टर सिकंदर कुमार के बेटे की एडमिशन के साथ-साथ अन्य उच्च अधिकारियों के बच्चों की बिना इंट्रेस एग्जाम के एडमिशन होना है। एसएफआई ने मांग की है कि बिना एंट्रेंस के जो भी एचडी के अंदर एडमिशन हुई है उन्हें तुरंत प्रभाव से रद्द किया जाना चाहिए। विश्वविद्यालय इकाई अध्यक्ष कामरेड रॉकी ने बताया कि जो विद्यार्थी रात दिन मेहनत करके लाइब्रेरी में एचडी में एडमिशन के लिए पढ़ाई कर रहा है, ऐसे असंवेधानिक प्रावधान करके विश्वविद्यालय साफ तौर पर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ है। धरने प्रदर्शन के माध्यम से एसएफआई ने बताया कि विश्वविद्यालय में विभिन्न पीठों का गठन किया गया है जिसके अंतर्गत विभिन्न महान हस्तियों के विचारों का अध्ययन कराया जाता है। एसएफआई ने बताया की इन सभी चेयर्स में धांधली की बात सामने आ रही है अतः एसएफआई ने मांग की है कि इन सभी चेयर्स को इकट्ठा करके एक डिपार्टमेंट ऑफ फिलॉसफी (दर्शन शास्त्र विभाग) का निर्माण किया जाना चाहिए ताकि इन चेयर्स के अंतर्गत किसी भी प्रकार की धांधली को रोका जा सके।



इसके अलावा एसएफआई ने मांग की है कि सेशन 2020-21 में जब छात्र हॉस्टल के अंदर रहा ही नहीं है और विश्वविद्यालय उस समय की भी केन्टिन्यूशन फीस वसूल रहा है। एसएफआई ने मांग की है कि इस समय कोराना के कारण कोई भी छात्र होस्टल में नहीं रहा ही और उसने किसी भी प्रकार की सुविधा का उपयोग नहीं किया है अतः सेशन 2020- 21 की हॉस्टल केन्टिन्यूशन फीस माफ की जानी चाहिए।



 एसएफआई विश्वविद्यालय इकाई सचिवालय सदस्य कोमरेड हरीश ने बताया कि विश्वविद्यालय में बहुत से छात्र ऐसे हैं जो होटल न मिलने के कारण महंगे महंगे कमरों में रहने को मजबूर है जिस कारण उन पर आर्थिक बोझ बढ़ता जा रहा है। जो छात्र अच्छा रूम नहीं ले सकते वो सांगटी जैसे क्षेत्र के अंदर सीलन भरे कमरों के अंदर रहने को मजबूर हैं जिससे जो है छात्रों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड रहा है। अतः विश्वविद्यालय को चाहिए कि जल्द से जल्द नए हॉस्टलों का निर्माण जल्द से जल्द किया जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा छात्रों को हॉस्टल उपलब्ध हो सके।



एसएफआई विश्वविद्यालय सह सचिव कॉमरेड सुरजीत ने बताया की वर्तमान समय में विश्वविद्यालय पीजी के अंतर्गत फ्रेश एग्जामिनेशन के लिए 1000/1200₹ फीस लेता है लेकिन रिअपीयर परीक्षा फीस की बात करें तो अगर किसी छात्र की 4 रीअपीयर हो तो उसे इसकी 500₹ एक पेपर के हिसाब से 2000₹ फीस देनी पड़ती है जोकि फ्रेश एग्जामिनेशन फीस से दुगुनी हो जाती है। अतः एसएफआई मांग करती है कि रिअपीयर एक्जामिनेशन फीस को फ्रेश एग्जाम फीस से ज्यादा न लिया जाए।



धरने को संबोधित करते हुए कॉमरेड सुरजीत ने बताया कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र वाले देश में छात्रों का अपनी बात प्रशासन के समुख रखने का मंच केंद्रीय छात्र संघ जो छात्रों की आवाज का एक प्रमुख साधन होता है उसे 2013 से विश्वविद्यालय में बंद किया गया है जिस कारण छात्रों की आवाज दबती जा रही है अतः एसएफआई मांग करती है केंद्रीय छात्रसंघ चुनाव को तुरंत प्रभाव से बहाल किया जाना चाहिए ताकि छात्रों का जनवादी मंच द्वारा छात्रों की समस्याओं को शीघ्र हल किया जा सके।



कॉमरेड सुरजीत ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर जल्द से जल्द इन मांगों को लेकर प्रशासन द्वारा सकारात्मक पहल नहीं की जाती है तो आने वाले समय के अंदर स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया तमाम छात्र समुदाय को लामबंद करते हुए एक विशाल आंदोलन की ओर जाएगी जिसकी सारी की सारी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।




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