डबल इंजन की भाजपा सरकार का रोजगार देने का बड़ा झूठ आया सामने। हटाओ संघर्ष समिति के महासचिव निक्का राम ने किया खुलासा। बोले प्रदेश के सभी मुख्यमंत्री हाइड्रो प्रोजेक्ट बग्गी को चलाने में फिसड्डी हुए साबित।
डबल इंजन की भाजपा सरकार का रोजगार देने का बड़ा झूठ आया सामने।
हटाओ संघर्ष समिति के महासचिव निक्का राम ने किया खुलासा।
बोले प्रदेश के सभी मुख्यमंत्री हाइड्रो प्रोजेक्ट बग्गी को चलाने में फिसड्डी हुए साबित।
सुंदर नगर।
सिल्ट हटाओ संघर्ष समिति के महासचिव निक्का राम का कहना है कि हिमाचल प्रदेश की भोली-भाली जनता के सामने डबल ईंजन की भाजपा सरकार का रोजगार संबंधी बड़ा झूठ सामने आया । जिसमे प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तौर पर हिमाचल प्रदेश में बनने वाली दो परियोजनाओं के माध्यम से 4300 लोगों को रोजगार मिलने की बात की गई है।
गौरतलब है कि यह एग्रीमेंट वर्ष 2018 में किए गए हैं और 2022 का अंत आ गया है तथा इन पर अभी तक कार्य शुरू नहीं किया जा सका है । जबकि इन्हे पूर्ण करने की अवधि 2 1/2 वर्ष है ।
भाखड़ा व्यास मैनेजमेंट बोर्ड के साथ बग्गी हाइड्रो निर्माण को बनाने में 40 वर्ष तक इकरारनामे के अनुसार हिमाचल सरकार फेल हुई है इसमें दो बार शांता कुमार मुख्यमंत्री रहे हैं, दो बार प्रेम कुमार धूमल मुख्यमंत्री रहे हैं और अंतिम बार जयराम ठाकुर जिनके कार्यकाल में 40 वर्ष की अवधि पूरी हुई मुख्यमंत्री है भाखड़ा व्यास मैनेजमेंट बोर्ड से इकरारनामा वर्ष 2019 में वर्तमान जयराम सरकार ने साईन किया और लोगों का ध्यान हटाने झूठ बोलकर गुमराह किया कि अब यह प्रोजेक्ट भाखड़ा व्यास मैनेजमेंट बोर्ड बनाएगी क्यूंकि हिमाचल सरकार इस निर्माण कार्य को करने में समर्थ नहीं है । ऐसा करके शांता कुमार, प्रेम कुमार धूमल, जयराम सरकारों ने हिमाचल की जनता को 1600 करोड़ का नुकसान तो किया और जब तक यह निर्माण पूरा नहीं होगा भाखड़ा व्यास मैनेजमेंट बोर्ड यह नुकसान करता रहेगा । बीएसएल प्रोजेक्ट भारत सरकार के सहयोग से पंजाब ,हरियाणा, राजस्थान सरकारों के सहयोग से वर्ष 1977 से उत्पादन करने लग गया है और बग्गी हाइड्रो प्रोजेक्ट जो उस समय 10 करोड़ में आसानी से निर्माण किया जा सकता था वर्तमान में भाखड़ा व्यास मैनेजमेंट बोर्ड 284.87 करोड़ की अनुमानित लागत से बनाने की बात कर रहा है जिससे यह निर्माण कार्य जो मात्र 10 करोड़ से निर्मित होना था वह 284 करोड़ से निर्माण में लगभग भारत सरकार को 275 करोड़ का सीधा सीधा अतिरिक्त व्यय करना पड़ेगा । इकरारनामा वर्ष 2019 में हुआ और 3 वर्ष के अंतराल में अबतक कार्य शुरू नही हो सका जबकि पूर्ण करने की अवधि मेहज 2 1/2 वर्ष रखी गई है । वाह री डबल ईंजन की भाजपा सरकार तेरा ये हाल कौन अब विश्वास करेगा और हिमाचल प्रदेश का यह घाटा कैसे पूरा किया जाएगा तथा आगामी 70 वर्षों तक जो घाटा हिमाचल की भोली भाली जनता होगा उसकी जिम्मेवारी कौन लेगा । हिमाचल प्रदेश की जनता सरकार की इस नाकामी को कभी नहीं भुला पायेगी क्यूंकि इस हाइड्रो प्रोजेक्ट निर्माण में न तो कोई भूमि अधिग्रहण का कार्य होना था न ही सड़क निर्माण का कार्य होना था और न हीं कोई मंजूरी कहीं से अपेक्षित थी जबकि बिजली उत्पादन हेतु दो मेगावाट व इससे अधिक उत्पादन वाली जलविद्युत परियोजनों के लिए हिमाचल सरकार बार बार पिछले 40 वर्षों में प्रार्थना पात्र मांग रही है और ढेर सारी सुवधायें मुहैया करवाकर पूर्ण करवा रही है तब भी इस कार्य की ओर ध्यान क्यों नहीं दिया गया ।
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